Last Updated:December 26, 2025, 16:18 IST
Income to EMI Ratio : मुंबई में मकान खरीदने के लिए ईएमआई का लेवल पहली बार आपकी कुल कमाई से 50 फीसदी से भी नीचे आ गया है. अब यहां आपकी इनकम का 47 फीसदी पैसा ईएमआई चुकाने में जाएगा. सबसे कम लागत अहमदाबाद में आ रही है.
देश के प्रमुख 8 शहरों में इनकम टू ईएमआई रेशियो कम हुआ है. नई दिल्ली. मुंबई को मायानगरी ऐसे ही नहीं कहा जाता. यहां रहना और खुद का घर बनाना काफी मुश्किल होता है. कुछ साल पहले तक यह नामुमकिन जितना मुश्किल था, लेकिन अब यह काफी आसान होता जा रहा है. संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि अब मुंबई में घर खरीदना पिछले 15 साल में सबसे आसान हो गया है. फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि करीब 15 साल बाद अब जाकर मुंबई में घर खरीदने के लिए किसी आदमी को अपनी कुल कमाई का 50 फीसदी से कम पैसे देने पड़ते हैं.
नाइट फ्रैंक के मुताबिक, अभी मुंबई में अपना घर बनाने के लिए कुल कमाई का करीब 47 फीसदी पैसा देना पड़ेगा, जबकि यह कई साल तक 50 फीसदी या उससे ऊपर बना हुआ था. साल 2010 में तो यह 93 फीसदी तक पहुंच गया था, जो अब तक का सबसे मुश्किल दौर था, जब लोगों के लिए अपना मकान बनाना आसान नहीं था. यह पहली बार है जब वित्तीय राजधानी में मकान खरीदने की लागत यानी ईएमआई उसकी कुल कमाई का 50 फीसदी से कम रहा है.
क्या है इसका मतलब
मकान खरीदने के लिए कुल कमाई का 47 फीसदी रकम चुकाने से मतलब है कि अब मुंबई में घर की ईएमआई लोगों की औसत कमाई का 47 फीसदी पहुंच गई है. बैंक इन आंकड़ों का इस्तेमाल लोन बांटने के लिए करते हैं. जब लोगों की ईएमआई उनकी कमाई का 50 फीसदी से भी कम होती है तो बैंकों के लिए लोन पास करना आसान हो जाएगा. अगर यह आंकड़ा 50 फीसदी से ज्यादा हो जाता है तो बैंकों के लिए ऐसे लोन को पास करना मुश्किल हो जाता है. लिहाजा मिडिल क्लास के लिए यह आंकड़ा काफी मायने रखता है.
कैसे कम हुई घर खरीदने की लागत
नाइट फ्रैंक ने साल 2025 में सभी 8 शहरों के लिए ऐसे आंकड़े जुटाए थे. इन शहरों में भी मकान खरीदना आसान हुआ है, क्योंकि रिजर्व बैंक ने इस साल रेपो रेट में 1.25 फीसदी कटौती की है और बैंकों का लोन भी सस्ता हो गया है. रेपो रेट में हुई इस कटौती ने साल 2022 के उन फैसलों की भरपाई की है, जब आरबीआई ने एक के बाद एक 2.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ा दिया था, ताकि महंगाई को थामा जा सके.
अहमदाबाद में सबसे आसान है घर खरीदना
नाइट फ्रैंक ने बताया कि देश के प्रमुख 8 शहरों में घर खरीदना सबसे आसान है अहमदाबाद में, जहां खरीदार को अपनी कुल कमाई का महज 18 फीसदी ही ईएमआई पर खर्च करना पड़ रहा है. इसके बाद 22 फीसदी के साथ कोलाकाता और पुणे का नंबर आता है. चेन्नई में कुल कमाई का 23 फीसदी तो बैंगलुरु में 27 फीसदी और हैदराबाद में 30 फीसदी रकम खर्च करनी होगी. दिल्ली-एनसीआर इस मामले में थोड़ा महंगा है, क्योंकि यहां 27 से 28 फीसदी रकम खर्च करनी पड़ती है. हालांकि, लग्जरी मकान के मामले में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है.
इनकम टू ईएमआई रेशियो क्या है
रिपोर्ट में सिर्फ यह नहीं बताया गया है कि मकान खरीदने की लागत अब कम हो गई है, बल्कि लोगों की कमाई भी बढ़ी है. यही वजह है कि इनकम टू ईएमआई रेशियो कम हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की इनकम मकानों की कीमतों के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ी है. साथ ही ब्याज दरों में गिरावट ने इसे और आसान बना दिया है. यह आंकड़ा अगले साल यानी 2026 में और सुधरने वाला है, क्योंकि आरबीआई ने 7.3 फीसदी की विकास दर का अनुमान लगाया है. यही वजह है कि मकान खरीदने की आसानी अगले साल भी बनी रह सकती है.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 26, 2025, 16:18 IST

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