मुनीर, सुन लो CIA अफसर की नसीहत, फड़फड़ाना बंद करो वरना नामोनिशान मिट जाएगा

11 hours ago

Last Updated:October 25, 2025, 11:52 IST

मुनीर, सुन लो CIA अफसर की नसीहत, फड़फड़ाना बंद करो वरना नामोनिशान मिट जाएगाएक अमेरिकी अधिकारी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी दी है.

भारत में आतंकवाद और अस्थिरता फैलाने की लगातार कोशिश में जुटे पाकिस्तान को एक अमेरिकी अधिकारी ने कड़ी चेतावनी दी है. दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाको ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ फड़फड़ाना बंद कर देना चाहिए. वह भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता है. वह कितनी भी तैयारी कर ले लेकिन किसी भी पारंपरिक युद्ध में भारत से बुरी तरह हार जाएगा.

15 साल तक अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) में सेवा देने वाले किरियाको ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान में आतंकवाद-रोधी अभियानों के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद को यह नीतिगत निष्कर्ष निकालना चाहिए कि भारत के साथ युद्ध से उसे कुछ हासिल नहीं होगा. भारत और पाकिस्तान के बीच वास्तविक युद्ध से कुछ भी अच्छा नहीं निकलेगा, क्योंकि पाकिस्तान हार जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं न्यूक्लियर हथियारों की बात नहीं कर रहा, सिर्फ पारंपरिक युद्ध की. भारत को बार-बार उकसाने का कोई फायदा नहीं.

किरियाको ने 2001 के भारतीय संसद हमले के बाद की स्थिति का जिक्र किया, जब सीआईए को लगता था कि दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2002 में ऑपरेशन पराक्रम के चरम पर भारत-पाकिस्तान तनाव इतना बढ़ गया था कि अमेरिका ने इस्लामाबाद से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया था. किरियाको ने एक चौंकाने वाला दावा भी किया कि उस समय उन्हें अनौपचारिक रूप से बताया गया था कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का नियंत्रण पेंटागन के पास था. मुशर्रफ ने नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था.

हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उस दौरान सीआईए का ध्यान अल-कायदा और अफगानिस्तान पर केंद्रित था, जिसके कारण भारत की चिंताओं को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई. भारत ने सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए हैं, जिनमें 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक्स, 2019 के बालाकोट हवाई हमले और अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शामिल हैं. नई दिल्ली ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वह उसकी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर जब पाकिस्तान ने भारतीय शहरों को निशाना बनाने की असफल कोशिशों के बाद युद्धविराम की गुहार लगाई.

किरियाको ने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका के पास पाकिस्तान के परमाणु बम के डिजाइनर अब्दुल कादिर खान को खत्म करने का मौका था, लेकिन सऊदी अरब के अनुरोध पर ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि हम जानते थे कि वह कहां रहते हैं और उनका दिनचर्या क्या है. लेकिन सऊदी सरकार ने कहा कि उसे छोड़ दो, हम एक्यू खान के साथ काम कर रहे हैं.

किरियाको 2007 में सीआईए के टॉर्चर प्रोग्राम का पर्दाफाश करने के लिए व्हिसलब्लोअर बने थे, जिसके लिए उन्हें 23 महीने जेल में बिताने पड़े. बाद में उनके खिलाफ आरोप हटा लिए गए और उन्होंने कहा कि मुझे कोई पछतावा या खेद नहीं है. उनके बयान भारत-पाकिस्तान तनाव की ऐतिहासिक और वर्तमान जटिलताओं को उजागर करते हैं, साथ ही क्षेत्रीय शांति के लिए पाकिस्तान की नीतियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

October 25, 2025, 11:52 IST

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