Last Updated:September 29, 2025, 06:31 IST
Forensic Medicine: फॉरेंसिक मेडिसिन अपराध और कानूनी मामलों की सच्चाई सामने लाने वाला सबसे अहम विज्ञान है. जब हत्या, दुर्घटना या संदिग्ध मौत जैसे मामले सामने आते हैं तो गवाहों से ज्यादा भरोसा वैज्ञानिक सबूतों पर किया जाता है.
Forensic Medicine: फॉरेंसिक मेडिसिन में शानदार करियर बनाया जा सकता हैनई दिल्ली (Forensic Medicine). क्या कभी किसी अपराध की खबर सुनकर सोचा है कि पुलिस सच तक कैसे पहुंची? किसी हत्या का राज कैसे खुला, दुर्घटना में मौत हुई या साजिश से- ये सब सिर्फ गवाहों या शक के आधार पर तय नहीं होता. असली सच सामने लाने में विज्ञान और मेडिसिन का अहम रोल होता है. इसके लिए फॉरेंसिक मेडिसिन यानी न्यायालयीय चिकित्साविज्ञान का इस्तेमाल किया जाता है. मेडिकल साइंस की यह शाखा अपराध और कानूनी मामलों में वैज्ञानिक सबूत जुटाकर अदालत को ठोस जानकारी देती है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, डीएनए टेस्ट, खून और टिश्यू की जांच.. ये सभी फॉरेंसिक साइंस का हिस्सा हैं. कह सकते हैं कि फॉरेंसिक मेडिसिन अपराध की गुत्थी सुलझाने वाला सबसे भरोसेमंद साथी है. अब अपराध के तरीके बहुत जटिल और तकनीकी हो गए हैं. केवल गवाहों के आधार पर फैसला करना मुश्किल है. इसलिए अदालतों और जांच एजेंसियों को फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है. यही कारण है कि इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं.
What is Forensic Medicine: फॉरेंसिक मेडिसिन क्या है?
फॉरेंसिक मेडिसिन विज्ञान और मेडिसिन का शानदार मिश्रण है. अगर रहस्यमयी मामलों को सुलझाने, वैज्ञानिक खोजबीन करने और समाज में बदलाव लाने की इच्छा है तो फॉरेंसिक मेडिसिन रोमांचक करियर साबित हो सकता है. अपराध की जांच और न्याय की प्रक्रिया में विज्ञान का इस्तेमाल जरूरी है. जब भी कोई क्रिमिनल केस सामने आता है- चाहे हत्या का मामला हो, दुर्घटना हो या फिर संदिग्ध मौत- तो सिर्फ गवाहों या पुलिस की जांच से ही सच सामने नहीं आता. ऐसे मामलों में फॉरेंसिक मेडिसिन की भूमिका अहम हो जाती है.
फॉरेंसिक मेडिसिन कैसे काम करती है?
फॉरेंसिक मेडिसिन चिकित्सा की वह शाखा है, जो कानूनी मामलों में वैज्ञानिक तरीकों से प्रमाण जुटाने और अपराध सुलझाने में मदद करती है. डॉक्टर और वैज्ञानिक मिलकर पोस्टमॉर्टम, डीएनए टेस्ट, ब्लड एनालिसिस, और अन्य तकनीकों से अपराध से जुड़े राज खोलते हैं. अगर आप विज्ञान, रिसर्च और अपराध की गुत्थियों को सुलझाने में रुचि रखते हैं तो फॉरेंसिक मेडिसिन का क्षेत्र आपके लिए बेहतरीन करियर विकल्प साबित हो सकता है. मौजूदा दौर में फॉरेंसिक एक्सपर्ट काफी डिमांड में हैं.
Forensic Medicine Syllabus: फॉरेंसिक मेडिसिन में क्या है?
फॉरेंसिक मेडिसिन चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है, जिसका इस्तेमाल कानूनी और आपराधिक मामलों की जांच में किया जाता है. इसमें डॉक्टर और वैज्ञानिक यह पता लगाते हैं कि मौत का कारण क्या है, अपराध किस तरह हुआ या किसी संदिग्ध परिस्थिति में व्यक्ति को चोट कैसे लगी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, टॉक्सिकोलॉजी टेस्ट, डीएनए प्रोफाइलिंग, ब्लड और फिंगरप्रिंट एनालिसिस- ये सभी फॉरेंसिक मेडिसिन का अहम हिस्सा हैं. इनके बिना मेडिकल और साइंस की यह ब्रांच अधूरी है.
Forensic Medicine Career Scope: फॉरेंसिक मेडिसिन में करियर कैसे बनाएं?
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए सबसे पहले विज्ञान की पढ़ाई (Biology/PCB) करनी होगी. 12वीं के बाद मेडिकल या संबंधित कोर्स करके इसमें करियर बना सकते हैं. मेडिकल बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स को इस क्षेत्र में अधिक अवसर मिलते हैं. लेकिन नॉन-मेडिकल बैकग्राउंड से भी फॉरेंसिक साइंस में स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है.
Forensic Medicine Courses: फॉरेंसिक मेडिसिन के लिए कौन सा कोर्स करें?
एमबीबीएस+एमडी फॉरेंसिक मेडिसिन: डॉक्टर बनने के बाद स्पेशलाइजेशन के तौर पर MD फॉरेंसिक मेडिसिन किया जा सकता है. बीएससी इन फॉरेंसिक साइंस (3 साल) एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस (2 साल) डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक मेडिसिन (1-2 साल) कुछ विश्वविद्यालय PhD प्रोग्राम भी ऑफर करते हैं, खासकर रिसर्च के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए.फॉरेंसिक मेडिसिन कोर्स एडमिशन प्रक्रिया
एमबीबीएस के बाद एमडी फॉरेंसिक मेडिसिन के लिए नीट पीजी जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. इसके बिना एडमिशन नहीं मिलेगा. बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस में आमतौर पर 12वीं या ग्रेजुएशन के अंकों और एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर एडमिशन मिलता है. कई विश्वविद्यालय (जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, एम्स, NFSU – नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी) फॉरेंसिक मेडिसिन/फॉरेंसिक साइंस में कोर्स ऑफर करते हैं.फॉरेंसिक मेडिसिन करियर स्कोप
फॉरेंसिक मेडिसिन का करियर बहुत व्यापक है. आप इन क्षेत्रों में काम कर सकते हैं:
सरकारी और निजी हॉस्पिटल में फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुलिस विभाग और CBI, NIA जैसी जांच एजेंसियों में वैज्ञानिक सलाहकार फॉरेंसिक लैब (CFSL, SFSL) में वैज्ञानिक अधिकारी मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शिक्षक/रिसर्चर प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी और लीगल फर्म्स अंतरराष्ट्रीय संगठनों और NGOs में भी फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मांग है.Forensic Expert Salary: सैलरी और भविष्य की संभावनाएं
शुरुआती स्तर पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट को 30,000 से 50,000 रुपये प्रतिमाह तक सैलरी मिल सकती है. अनुभव और विशेषज्ञता बढ़ने पर यह सैलरी 1 लाख या उससे अधिक प्रति माह तक पहुंच सकती है. सरकारी विभागों में स्थायी नौकरी और उच्च वेतनमान मिलता है. रिसर्च और शिक्षण क्षेत्र में भी अच्छा करियर बन सकता है. आने वाले समय में साइबर क्राइम और हाई-टेक अपराधों के बढ़ने से फॉरेंसिक एकसपर्ट्स की डिमांड भी और तेजी से बढ़ती जाएगी.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
September 29, 2025, 06:31 IST

3 weeks ago
