मोदी-पुतिन की केमिस्ट्री से राहुल के आरोपों तक: थरूर ने दिया हर सवाल का जवाब

35 minutes ago

Last Updated:December 04, 2025, 22:42 IST

Shashi Tharoor on Modi Putin Meeting: शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की केमिस्ट्री को सकारात्मक बताया, लेकिन साथ ही राहुल गांधी के आरोपों पर विपक्ष की अपेक्षाओं को भी सामने रखा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी पार्टियों से मिलना चाहिए, सरकार और विपक्ष से भी मिलना चाहिए। थरूर ने जोर दिया कि जब कोई विदेशी नेता आता है तो सरकार को विपक्ष से मुलाकात करानी चाहिए.

 थरूर ने दिया हर सवाल का जवाबथरूर ने खुलकर अपनी बात कही.

नई दिल्‍ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगवानी करने को एक बड़ा संदेश करार दिया है. उन्‍होंने साफ किया कि ये भारत की उस विदेश नीति को दर्शाता है जहां हम हर राष्ट्र के साथ अच्छे संबंध चाहता है. न्‍यूज18 इंडिया से बातचीत के दौरान भारत के पूर्व विदेश राज्‍य मंत्री थरूर ने राहुल गांधी के उन आरोपों पर भी जवाब दिया, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार उन्‍हें विदेशी मेहमानों से मिलने से रोक रही है.

मोदी-पुतिन केमिस्ट्री और राहुल के आरोप
शशि थरूर ने मोदी-पुतिन की निजी केमिस्ट्री पर भी टिप्पणी की और कहा कि उन्होंने देखा है मोदी जी की केमिस्ट्री सबके साथ अच्छी है. हालांकि, उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों पर विपक्ष के नेता के रूप में अपनी पार्टी की अपेक्षाओं को भी सामने रखा. राहुल ने विदेशी उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं लोकतंत्र में सभी पार्टी से मिलना चाहिए. सरकार और विपक्ष से मिलना चाहिए.” थरूर ने इसे एक सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताया कि जब कोई विदेशी नेता भारत आता है तो उसे सरकार और विपक्ष दोनों से मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर समय है, तो प्रधानमंत्री को विपक्ष के नेता से क्यों नहीं मिलना चाहिए? यह बयान विपक्ष के प्रति सम्मान और संवाद की लोकतांत्रिक भावना को दर्शाता है.

रूस के साथ अलग रिश्ता
शशि थरूर ने भारत और रूस के बीच सदियों पुराने रिश्तों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “बहुत महत्वपूर्ण है जो हमारे रिश्ते हैं रूस के साथ. बहुत पुराना रिश्ता है, आज भी नए तरीके से इसे आगे बढ़ाना है.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस के साथ भारत का संबंध अमेरिका या चीन के साथ उसके रिश्तों से अलग है. यह किसी भी तरह से एक-दूसरे का विरोधी नहीं है बल्कि यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का प्रमाण है. थरूर ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से रूसी सहयोग की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र किया जिसके दौरान रूस से प्राप्त S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम काफी उपयोगी साबित हुआ और उसने पाकिस्तान से भेजे गए मिसाइलों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका यह कथन न केवल रक्षा सहयोग की गहराई को दर्शाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि कठिन टैरिफ के समय में भी भारत अकेला नहीं है.

यूक्रेन युद्ध पर भारत का स्टैंड
यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर, थरूर का बयान भारत की ऐतिहासिक अहिंसा और शांति की परंपरा के अनुरूप था. उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम तो समाधान और शांति के देश हैं… हम नहीं चाहते हैं हिंसा हो, हमला हो… हम तो अहिंसा के देश हैं, हम चाहेंगे ये युद्ध जल्दी खत्म हो जाए.” उन्होंने एक दिन रूस, यूक्रेन और अमेरिका को मिलकर बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया और इसमें भारत के समर्थन को एक अच्छी बात बताया. यह दृष्टिकोण दिखाता है कि भारत किसी भी गुटबाजी का हिस्सा बनने के बजाय वैश्विक शांति स्थापित करने में एक रचनात्मक भूमिका निभाने में विश्वास रखता है.

भारत की संप्रभुता और विदेश नीति का हक
थरूर ने भारत की संप्रभुता पर किसी भी देश के हस्तक्षेप को खारिज करते हुए बेहद कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, “भारत एक आजाद देश है. किसी को हक नहीं हमें बताने का कि आप ऐसे करें, ये न करें… हम तय करेंगे हम क्या करेंगे, हम तय करेंगे हम क्या नहीं करेंगे.” यह बयान उन पश्चिमी आलोचनाओं का सीधा जवाब है जो भारत को रूस से दूरी बनाने की सलाह देती हैं. थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत का पूरा हक है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों में जो चाहे, वह करे.

पाकिस्तान पर क्‍या बोले थरूर?
रूसी दौरे से पाकिस्तान पर पड़ने वाले संभावित असर के सवाल पर थरूर ने पाकिस्तान को अप्रासंगिक करार दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का दौरे से कुछ लेना-देना नहीं है. हम अपने देश को सुरक्षित करना चाहते हैं, ये तो हमारी जिम्मेदारी है, हमारी सरकार की जिम्मेदारी है. हम जो भी तरीका चाहते हैं चुन सकते हैं. यह बयान भारत की विदेश नीति में पाकिस्तान के महत्व को कम करने और घरेलू सुरक्षा तथा हितों को प्राथमिकता देने की भावना को पुष्ट करता है.

About the Author

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

First Published :

December 04, 2025, 22:35 IST

homenation

मोदी-पुतिन की केमिस्ट्री से राहुल के आरोपों तक: थरूर ने दिया हर सवाल का जवाब

Read Full Article at Source