Last Updated:June 11, 2025, 11:32 IST
Mata Vaishno Devi Katra Srinagar Vande Bharat- कश्मीर घाटी में चलने वाली पहली वंदेभारत एक्सप्रेस यात्रियों को खूब पसंद आ रही है. यही वजह है कि इसकी आक्यूपेंसी रेट फुल चल रही है.

6 जून को इस ट्रेन का हो चुका है उद्घाटन.
हाइलाइट्स
कटरा से श्रीनगर सफर करने वालों की संख्या खूबसुबह और दोपहर को चलने वाली दोनों ट्रेनों भीड़घाटी के नजारे देखते हुए सफर कर रहे हैं यात्रीनई दिल्ली. किसी भी रूट पर ट्रेन शुरू होने के बाद धीरे धीरे उसमें यात्रियों की संख्या बढ़ती है और यात्रियों की पसंदीदा बनती जाती है. लेकिन हाल ही शुरू हुई एक ट्रेन शुरू होते ही लोगों के दिल में छा गयी है. यही वजह है कि ट्रेन की आक्यूपेंसी रेट करीब करीब 100 फीसदी तक जा रही है. इस ट्रेन का रूट जानकर आपका मन जरूर इसमें सफर करने का करेगा. आइए जानते हैं यह कौन सी ट्रेन है और किस रूट पर चल रही है?
यहां माता वैष्णो देवी श्रीनगर वंदेभारत की बात कर रहे हैं. इस ट्रेन का उद्घाटन 6 जून को प्रधानमंत्री ने किया है और 7 जून से आम लोगों के लिए चल रही है. ट्रेन शुरू होने के साथ ही पसंदीदा ट्रेन बन गयी है. माता वैष्णो देवी से श्रीनगर के बीच खूब फुल चल रही है. यानी अब जो लोग वैष्णो देवी के दर्शन को जा रहे हैं, उनमें से तमाम लोग कश्मीर घाटी घूमने के लिए वंदेभारत से सफर कर रहे है.
आंकड़ों की जुबानी
आम लोगों के वंदेभारत एक्सप्रेस 7 जून को पहली बार चली. इस दिन कटरा से श्रीनगर चलने वाली ट्रेन संख्या 26410 में 95.67 फीसदी आक्यूपेंसी रेट रही. वहीं इस ट्रेन में दूसरे दिन यानी 8 जून को 98.67 फीसदी रही, 9 जून को 99.67 फीसदी रही. दोपहर में चलने वाली ट्रेन 26403 में पहले दिन आक्यूपेंसी रेट थोडा कम रहा. 8,9 और 10 को खूब भीड़ रही. इसमें 8 जून को 92.64 फीसदी, 9 जून को 99.81 फीसदी और 10 जून को आक्यूपेंसी रेट 100 फीसदी से ज्यादा 117 फीसदी के करीब रहा. इस तरह दोनों वंदेभारत एक्सप्रेस करीब करीब फुल चल रही हैं. इस ट्रेन से सफर का आनंद अलग है. जहां विश्व का सबसे ऊंचे आर्च चिनाब ब्रिज से ट्रेन गुजरती है, वहीं देश के पहला केबल ब्रिज भी इसी रूट पर पड़ता है. साथ ही घाटी के बेहद खूबसूरत नजारे भी देखने को मिलते हैं.
घाटी के लिए स्पेशल यह वंदेभारत
घाटी में माइनस तापमान में चलने के लिए वंदेभारत भी खास डिजाइन की गयी है. जो हीटिंग सिस्टम से लैस है, ट्रेन में सिलिकॉन हीटिंग पैड लगे हैं, जिससे पानी की टंकियों और बायो-टॉयलेट टैंकों को जमने नहीं देगा, साथ ही ओवरहीट प्रोटेक्शन सेंसर सुरक्षा से लैस है. ट्रेन माइनस तापमान चलने के बाद पानी जमेगा नहीं. हीटर लगे हैं, जिससे यात्रियों को गर्म हवा मिलती रहेगी. ट्रेन में लगा ऑटो-ड्रेनिंग मैकेनिज्म सिस्टम प्लंबिंग लाइनों में ड्रेनिंग सिस्टम लगे होते हैं, जिससे पानी जम नहीं पाएगा.
लोकोपायलट को बर्फबारी में नहीं होगी परेशानी
विंडशील्ड में एम्बेडेड हीटिंग एलिमेंट लगे हैं. फ्रंट लुकआउट ग्लास में डीफ़्रॉस्टिंग के लिए हीटिंग एलिमेंट लगे हैं, जो भीषण बर्फबारी में विजीिबलिटी साफ रहेगी. लोको पायलट को दूर तक दिखेगा.
Location :
Jammu and Kashmir