रेलवे ने कर दिया कमाल, 4.5 किमी. लंबी चला दी ट्रेन, लगाने पड़े सात इंजन

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Last Updated:August 08, 2025, 18:56 IST

Indian Railways- भारतीय रेलवे ने 4.5 किमी. लंबी ट्रेन चला कर रिकार्ड दर्ज कर दिया है. अब तक सबसे लंबी रेल है. लोग इस ट्रेन के डिब्‍बे गिनते गितने थक गए, लेकिन ट्रेन खत्‍म नहीं हुई.

रेलवे ने कर दिया कमाल, 4.5 किमी. लंबी चला दी ट्रेन, लगाने पड़े सात इंजनडिब्‍बे गिनते गिनते थक गए लोग.

नई दिल्‍ली. भारतीय रेलवे ने कमाल कर दिया. 4.5 किमी. लंबी ट्रेन चला दी. हालांकि यह गुड्स ट्रेन थी. इसमें इतने डिब्‍बे लगाए गए थे कि ट्रैक के किनारे खड़े लोग थक गए. भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब कि इतनी लंबी गुड्स ट्रेन चलाई गयी. यह उपलब्धि पूर्व मध्य रेल के पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू मंडल) ने की है.

भारतीय रेलवे के अनुसरर गंजख्वाजा स्टेशन से पहली बार छह खाली बॉक्सन रेक को जोड़कर बनाई गई ‘‘रूद्रास्त्र‘‘ नाम की लंबी मालगाड़ी को चलाया गया, जो अब तक भारतीय रेल की सबसे लंबी मालगाड़ी है. ‘‘रूद्रास्त्र‘‘ द्वारा 5 घंटे में 40 किलोमीटर की औसत स्‍पीड से गंजख्वाजा स्टेशन से गढ़वा रोड स्टेशन तक की 200 किलोमीटर की दूरी तय की गयी.

‘‘रूद्रास्त्र‘‘ को छह खाली बॉक्सन रेक को जोड़कर तैयार किया गया, जिसमें कुल 354 वैगन शामिल हैं. इस मालगाड़ी को चलाने के लिए 07 इंजन लगाए गए. गंजख्वाजा स्टेशन से सभी छह रेक को जोड़कर बनी ‘रूद्रास्त्र’ मालगाड़ी को दोपहर 2:20 बजे गढ़वा रोड के लिए रवाना किया गया. यह मालगाड़ी डीडीयू मंडल के गंजख्वाजा से सोननगर तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर और उसके बाद गढ़वा रोड की ओर भारतीय रेल के सामान्य ट्रैक पर चली.

डीडीयू डिवीजन है खास

पूर्व मध्य रेल का पंडित दीन दयाल उपाध्याय डिवीजन भारतीय रेल के सबसे अहम डिवीजनों में से एक है, जो धनबाद मंडल को कोयला और अन्य सामान लादने के लिये लगातार समय से खाली मालगाड़ी पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है. यहां मालगाड़ियों के डिब्बों की जांच और मरम्मत बड़े पैमाने पर की जाती है. जांच के बाद पूरी तरह ठीक डिब्बों को जोड़कर मालगाड़ी तैयार की जाती है, जिसे आगे धनबाद मंडल को भेजा जाता है ताकि वहां सामान लादा जा सके.

माल ढुलाई तेज होगी

‘‘रूद्रास्त्र‘‘ का सफल संचालन डीडीयू मंडल की बेहतर काम करने की क्षमता, विभागों के बीच तालमेल और अच्छे प्रबंधन का उदाहरण है. इससे माल ढुलाई की रफ्तार और क्षमता दोनों बढ़ेंगी. अगर इन मालगाड़ियों को अलग-अलग चलाया जाता तो इन सभी के लिए छह बार अलग-अलग मार्ग और चालक दल की व्यवस्था करनी पड़ती.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

August 08, 2025, 18:55 IST

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