Last Updated:July 13, 2025, 19:38 IST
shubhanshu shukla : शुभांशु शुक्ला और अन्य एस्ट्रोनॉट से जुड़े Axiom 4 मिशन पर इसरो चीफ की तरफ से बड़ी जानकारी दी गई. कहा गया कि स्पेस-एक्स के जिस falcon 9 booster यान से सभी को इंटरनेशनल स्पेस...और पढ़ें

शुभांशु शुक्ला ने अपना मिशन पूरा कर लिया है. (File Photo)
हाइलाइट्स
शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कई टेस्ट किएशुभांशु स्पेस एक्स के फाल्कन 9 बूस्टर की मदद से ISS पहुंचेISRO ने फाल्कन 9 बूस्टर में दरार का पता लगा लिया था.अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर अपना मिशन पूरा करने के बाद शुभांशु शुक्ला वापस धरती पर लौटने वाले हैं. वहां उन्होंने कई टेस्ट को अंजाम दिया. इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जो शायद हर एक भारतवासी को हिला देगी. ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चीफ डॉ. वी नारायणन ने खुलासा किया कि इसरो की सजगता ने Axiom 4 मिशन को एक बड़े हादसे से बचा लिया. इसी मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला आईएसएस यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाना था. उन्होंने स्पेस एक्स की एक बड़ी चूक का खुलासा किया.
फाल्कन 9 बूस्टर में थी दरार
बताया गया कि ये मिशन अमेरिका के फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से शुरू होना था. Space X के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए शुभांशु सहित अन्य एस्ट्रोनॉट को आईएसएस पर पहुंचना था. मूल रूप से 11 जून को निर्धारित इस लॉन्च को एक दिन पहले यानी 10 जून की शाम को रद्द करना पड़ा था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इसरो की टीम ने फाल्कन 9 बूस्टर में रिसाव और बाद में दरार का पता लगाया. बेंगलुरु की प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में IEEE अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में नारायणन ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, “मैंने इस टीम का नेतृत्व किया. गहन चर्चा के बाद हमने लॉन्च को स्वीकार नहीं किया. मेरी टीम को रॉकेट की अखंडता पर भरोसा नहीं था.”
अगले दिन स्पेस-एक्स ने भी मानी गलती!
बताया गया कि इसरो चीफ द्वारा उजागर किए गए सवालों को अगले दिन SpaceX इंजीनियरों ने भी माना. नारायणन ने इसे मिशन को बचाने वाला शानदार कदम बताया. Axiom Space, नासा, इसरो और SpaceX के सहयोग से संचालित इस 14-दिवसीय मिशन में चार सदस्यीय दल ने 31 देशों की ओर से 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए. इनमें अंतरिक्ष में कृषि (मेथी, मूंग दाल), टार्डिग्रेड जीव विज्ञान, मांसपेशियों की हानि रोकथाम, ग्लूकोज नियमन और माइक्रोग्रैविटी में इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के साथ मानव संपर्क जैसे अध्ययन शामिल थे. यह Axiom Space का अब तक का सबसे व्यापक शोध मिशन है. इसरो की इस सतर्कता ने न केवल शुभांशु शुक्ला और उनके दल की सुरक्षा पक्की की.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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