लीलावती अस्‍पताल में हुई खुदाई, हड्डियों से काले जादू के दावे पर क्‍या निकला?

3 hours ago

Last Updated:March 15, 2025, 10:50 IST

Llilavati Hospital Black Magic Controversy: लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने पूर्व ट्रस्टियों पर काला जादू और ₹1500 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया है. कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई है. अस्‍पताल प...और पढ़ें

लीलावती अस्‍पताल में हुई खुदाई, हड्डियों से काले जादू के दावे पर क्‍या निकला?

लीलावती अस्‍पताल में जादू टोने के आरोप लगे. (News18 India)

Llilavati Hospital Black Magic Controversy: क्‍या मुंबई के मशहूर लीलावती हॉस्पिटल की जमीन में हड्डियों और बालों के कलश से काला जादू किया जा रहा है? ट्रस्‍टी के दावों के बाद अस्‍पताल परिसर में खुदाई की गई. मेटल डिटेक्‍टर की मदद से जांच हुई. हालांकि इन दावों में कितनी सच्‍चाई है, इसका पता नहीं चल सका है. जांच को लेकर रिपोर्ट आना अभी बाकी है. एक ट्रस्‍टी ने दूसरे ट्रस्‍टी पर गंभीर आरोप लगाया है. इतना ही नहीं यह मामला कोर्ट तक भी पहुंचा और मजिस्‍ट्रेट अदालत के आदेश पर एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है. जिसके बाद अस्‍पताल परिसर के अंदर खुदाई हुई ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्‍या लीलावती अस्‍पताल में जादू-टोना हो रहा है. मौजूदा ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने पूर्व ट्रस्टी पर काला जादू का आरोप लगाया है. प्रशांत मेहता का दावा है कि उनके केबिन में पूर्व ट्रस्टी ने जमीन के अंदर काला जादू करने वाले समान रखे है. अब जमीन की खुदाई के फोटो और वीडियो सामने आए है.

‘हड्डियों और बालों के 8 कलश’
लीलावती अस्पताल के वर्तमान ट्रस्टी ने पूर्व ट्रस्टियों पर ₹1500 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है. अस्पताल का प्रबंधन ‘लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट’ के हाथों में है. ट्रस्ट का दावा है कि अस्पताल परिसर में काला जादू किया जाता था. उन्हें हड्डियों और बालों से भरे 8 कलश मिले हैं. अस्पताल के वित्तीय ऑडिट में ये बातें सामने आई हैं. न्यूज़ एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रस्ट ने बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है.

क्‍या है पूरा मामला?
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के संस्थापक किशोरी मेहता 2002 में बीमार पड़ गए थे. इलाज के लिए वे विदेश चले गए. इस दौरान उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट की बागडोर संभाली. आरोप है कि विजय मेहता ने दस्तावेजों में हेरफेर करके अपने बेटे और भतीजों को ट्रस्टी बना दिया और किशोरी मेहता को स्थायी ट्रस्टी के पद से हटा दिया.  2016 में किशोरी मेहता दोबारा ट्रस्टी बने. 8 साल तक उन्होंने यह ज़िम्मेदारी संभाली. 2024 में किशोरी मेहता की मृत्यु के बाद उनके बेटे प्रशांत मेहता स्थायी ट्रस्टी बने और उन्होंने अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड का ऑडिट करवाया.

काला जादू किया जा रहा
प्रशांत मेहता ने PTI से बातचीत में कहा, “हमने चेतन दलाल इन्वेस्टिगेशन एंड मैनेजमेंट सर्विसेज और एडीबी एंड एसोसिएट्स को फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया. ऑडिटर्स ने 5 से ज्यादा रिपोर्ट तैयार कीं. इन रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ कि पूर्व ट्रस्टियों ने 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है. यह पैसा पूर्व ट्रस्टियों ने गबन किया है, जिनमें से ज्यादातर NRI दुबई और बेल्जियम के रहने वाले हैं.” अस्पताल में काला जादू होने की बात दिसंबर 2024 में सामने आई थी. प्रशांत ने बताया कि कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें इसके बारे में बताया था. इसके बाद परिसर में फर्श तोड़ा गया. फर्श के अंदर से 8 कलश मिले. इन कलशों में इंसान की हड्डियाँ, खोपड़ी, बाल और चावल के दाने मिले. प्रशांत ने कहा, “इस तरह का काला जादू पूर्व ट्रस्टियों के कार्यकाल के दौरान किया गया था.”

First Published :

March 15, 2025, 10:50 IST

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