Last Updated:May 14, 2025, 06:54 IST
Operation Sindoor : पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों के खिलाफ चलाए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भारत के रक्षा मंत्रालय ने 70 देशों के डिफेंस अताशे को ब्रीफिंग दी. हालांकि इस कार्यक्रम में चीन को न्योता ही नहीं द...और पढ़ें

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब कूटनीतिक रूप से भी यह तय कर रहा है कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन...
हाइलाइट्स
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर ब्रीफिंग से चीन को बाहर रखा.70 देशों के डिफेंस अताशे को ब्रीफिंग दी, तुर्की ने भाग नहीं लिया.भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी टेरर सेंटर को नेस्तनाबूद किया.जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत ने इसके गुनहगारों को सबक सिखाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने जिस तरह पाकिस्तान के अंदर घुसकर टेरर सेंटर पर वार किया, तो दुनिया ने उसकी सैन्य ताकत का लोहा माना. अब बारी उस सफलता को वैश्विक मंच पर साझा करने की थी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली में मौजूद 70 देशों के डिफेंस अताशे (रक्षा प्रतिनिधियों) को एक खास ब्रीफिंग में बुलाया. मगर सबसे बड़ा संदेश यह था कि इस सूची में चीन को आमंत्रित नहीं किया गया, वहीं पाकिस्तान के करीबी तुर्की को बुलाया तो गया, लेकिन उसने आना जरूरी नहीं समझा.
चीन पाकिस्तान का सबसे करीबी सैन्य साझेदार और उसका ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ यानी सदाबहार दोस्त है. उसी के हथियारों के सहारे पाकिस्तान भारत के सामने खड़ा होता है. यही वजह रही कि उसे भारत ने इस ब्रीफिंग से पूरी तरह बाहर रखा. दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सीमा में चीन के बनाए एयर डिफेंस सिस्टम को जिस तरह से बर्बाद किया, उसकी जानकारी चीन के सामने नहीं रखी जा सकती थी. यही वजह रही कि चीन को बुलाना रणनीतिक रूप से उचित नहीं समझा गया.
तय हो गए दोस्त और दुश्मन
वहीं पाकिस्तान के दूसरे ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ तुर्की को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उसने इस ब्रीफिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया. इस बीच यह भी पता चला है कि तुर्की इसे लेकर किसी जूनियर अफसर को भेजना चाहता था, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि यह स्तरहीन प्रतिनिधित्व स्वीकार नहीं होगा. इसका मतलब साफ था… भारत अब कूटनीतिक रूप से भी यह तय कर रहा है कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन.
दुनिया ने देखी भारत की ताकत
इस अहम ब्रीफिंग में लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने 70 देशों के प्रतिनिधियों को ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबियों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह सेना, वायुसेना, नौसेना के साथ-साथ स्पेस, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की संयुक्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह हमला केवल आतंकियों के खिलाफ था, न कि किसी देश के आम नागरिकों के खिलाफ.
इस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान के झूठे प्रचार तंत्र की भी पोल खोली गई. दिखाया गया कि कैसे भारत ने सूचना युद्ध में भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ा और वैश्विक मंच पर सटीक तथ्यों के साथ अपनी बात रखी.
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि भारत अब सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं, कूटनीतिक स्तर पर भी अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है. चीन को दूर रखकर और तुर्की के व्यवहार पर सख्त रवैया अपनाकर भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह दोस्त और दुश्मन की पहचान खुद तय करेगा- अपने अनुभव, सुरक्षा हित और रणनीतिक प्राथमिकताओं के आधार पर.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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