लुटने ही वाली थी महिला, तभी फर‍िश्ता बनकर आया मैनेजर, और बचा लिए 1.13 करोड़

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Last Updated:December 24, 2025, 20:22 IST

PNB Digital Arrest Scam Lucknow: 'मैनेजर साहब, मेरी 12 FD अभी के अभी तोड़ दीजिए', लखनऊ के मामा चौराहा स्थित पीएनबी बैंक में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की इस बात पर बैंक मैनेजर सन्न रह गया. महिला की बातों पर बैंक कर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने तीन घंटे तक महिला से बात की. इसके बाद खुलासा हुआ कि महिला पिछले चार दिनों से 'डिजिटल अरेस्ट' थी और नकली सीबीआई अफसरों के झांसे में आकर अपनी उम्र भर की जमा पूंजी गंवाने वाली थी. बैंक कर्मियों की सतर्कता ने एक बड़ी साइबर ठगी को नाकाम कर दिया और बुजुर्ग महिला को कंगाल होने से बचा लिया. जानिए इस रोंगटे खड़े कर देने वाली बुजुर्ग महिला की इनसाइड स्टोरी.

लुटने ही वाली थी महिला, तभी फर‍िश्ता बनकर आया मैनेजर, और बचा लिए 1.13 करोड़लखनऊ की एक बुजुर्ग महिला साइबर ठगी से कैसे बच गई?

लखनऊ. ‘मैनेजर साहब, मेरी ये 12 एफडी (FD) अभी के अभी तोड़ दीजिए और सारा पैसा, जो मेरे सेविंग अकाउंट में है वह इस खाते में ट्रांसफर कर दीजिए.’ 75 साल की एक बुजुर्ग महिला जब यह बात बोल रही थी तो उसके हाथ और ओंठ दोनों कांप रहे थे. उस महिला की आवाज में एक अजीब सी जल्दबाजी, घबराहट और खौफ झलक रहा था. लखनऊ के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की मामा चौराहा शाखा के मैनेजर ने चश्मा ठीक करते हुए पूछा, ‘माताजी, 1.13 करोड़ रुपये की इतनी बड़ी रकम और अचानक ट्रांसफर? सब ठीक तो है न? बच्चों के लिए चाहिए क्या?’ महिला ने नजरें चुराते हुए दबी आवाज में कहा, ‘हां… बस बच्चों के लिए चाहिए. आप सवाल मत कीजिए, बस जल्दी प्रोसेस शुरू कर दीजिए.’ यहीं से शुरू हुई लखनऊ की पीएनबी बैंक की जांबाज बैंककर्मियों की कहानी, जिसने न केवल एक बुजुर्ग महिला की उम्र भर की कमाई बचाई, बल्कि डिजिटल अरेस्ट के एक खतरनाक जाल से महिला को निकाल लिया.

15 दिसंबर की सुबह जब यह बुजुर्ग महिला बैंक पहुंची तो उनकी घबराहट बैंक कर्मियों की नजरों से छुप नहीं सकी. बैंक मैनेजर को लगा कि मामला कुछ गंभीर है. उन्होंने महिला को चाय ऑफर की और उनसे बात करने की कोशिश की. मैनेजर ने उन्हें समझाया कि एफडी समय से पहले तोड़ने पर उन्हें काफी नुकसान होगा और अगर पैसे की बहुत जरूरत है तो बैंक उन्हें दूसरी स्कीम के तहत फंड दिला सकता है. लेकिन महिला जिद पर अड़ी थी कि उसके पैसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर ही चाहिए. इस बीच एक बैककर्मी ने महिला से बेटे का नंबर मांगा. महिला चुप हो गई.

A phone call. A threat. A life’s savings at risk. 🚨

An elderly customer at PNB Mama Chauraha branch (Lucknow) was pressured to transfer her hard-earned money under a fake “digital arrest” scam.
Thanks to the alertness and timely intervention of PNB officials, the fraud was… pic.twitter.com/YmOuVkqd0D

तीन घंटे की कंसल्टेशन और शक की सुई

लेकिन बैंककर्मियों को शक और गहरा गया जब बुजुर्ग महिला ने अपने बेटे का नंबर देने से इनकार कर दिया. बैंक कर्मियों ने रिकॉर्ड खंगाला और नॉमिनी के तौर पर दर्ज उनके बेटे का नंबर निकालकर उसे फोन किया. बेटे ने बताया कि उन्हें कार खरीदने के लिए कुछ पैसों की जरूरत तो थी, लेकिन इतनी बड़ी रकम की नहीं. पता नहीं मां को क्यों इतने पैसे ट्रांसफर करवा रही है? इसके बाद बैंककर्मी ने महिला से उस अकाउंट की जांच की जहां पैसा भेजा जाना था, वह किसी फर्म का खाता निकला.

चैट पर ‘साहब’ का साया

इस बीच बातचीत के महिला कई बार बैंक से अंदर-बाहर कर रही थी. कभी कोने में खड़े होकर किसी से फोन पर बात करती दिखी. बैंक कर्मियों ने चतुराई से उनका फोन ‘डिटेल्स वेरिफाई’ करने के बहाने लिया. व्हाट्सएप खोलते ही उनके होश उड़ गए. अनजान नंबरों से आए वॉयस नोट्स और मैसेज में महिला को डराया जा रहा था. जब पुलिस को बुलाया गया और महिला की काउंसलिंग की गई, तो वह फूट-फूटकर रो पड़ी.

4 दिनों से महिला थी डिजिटल अरेस्ट

महिला ने बताया कि वह 11 दिसंबर से ‘डिजिटल अरेस्ट’ थी. उसे एक कॉल आया था जिसमें खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा गया कि उसके स्वर्गीय पति का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर 50 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग में इस्तेमाल हुआ है. जालसाजों ने उसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर वर्दी पहने लोग दिखाए और डराया कि अगर उसने पूरा पैसा उनके बताए सेफ अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया तो उसके परिवार को मार दिया जाएगा. उसे घर से बाहर निकलने और किसी को बताने तक की मनाही थी. बैककर्मी ने महिला को समझाया कि आपके साथ बड़ा साइबर ठगी हो रहा था. कुछ भी ऐसा नहीं है. आप परेशान न हों.

पीएनबी बैंककर्मियों की इस कोशिश को लखनऊ के डीसीपी शशांक सिंह ने जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि अगर बैंककर्मी केवल अपने काम से मतलब रखते तो आज एक परिवार सड़क पर होता. बैंक अधिकारियों की 3 घंटे की मेहनत और सूझबूझ ने 1.13 करोड़ रुपये को साइबर अपराधियों के हाथ में जाने से बचा लिया. पीएनबी ने भी सोशल मीडिया पर इस घटना को साझा करते हुए लोगों से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है. डरे नहीं बल्कि तुरंत पुलिस या बैंक को सूचित करें. इस घटना ने साबित कर दिया कि तकनीकी के इस दौर में केवल पासवर्ड और पिन की सुरक्षा काफी नहीं है, बल्कि सतर्कता ही साइबर अपराध के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है.

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रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

Location :

Lucknow,Lucknow,Uttar Pradesh

First Published :

December 24, 2025, 20:22 IST

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लुटने ही वाली थी महिला, तभी फर‍िश्ता बनकर आया मैनेजर, और बचा लिए 1.13 करोड़

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