Last Updated:October 22, 2025, 11:04 IST
Indian Railways Loco pilots News- ट्रेन के लोको पायलट को हर ड्यूटी से पहले ट्रेनिंग दी जाती है. भले ही वो सालों से एक ही रूट पर ट्रेन चला रहा हो. क्यों दी जाती है यह ट्रेनिंग, आइए जानते हैं-

नई दिल्ली. अगर कोई व्यक्ति एक ही रूट पर लंबे समय से गाड़ी चलाता है तो उसे रास्ते के एक-एक गड्ढे का, मोड़ का पहले से ही पता रहता है. उसी के अनुसार वो गाड़ी चलाता है, उसे कुछ बताने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट के साथ ऐसा नहीं होता है. भले ही वो सालों से एक रूट पर ट्रेन चला रहा हो, उसे एक एक सिग्नल और स्टेशन का पता हो, फिर भी उसे ड्यूटी से पहले ट्रेनिंग दी जाती है. आइए जानते हैं इस खास ट्रेनिंग के संबंध में-
रेलवे बोर्ड के रिटायर मेंबर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदीप कुमार बताते हैं कि भले ही लोकोपायलट कई सालों से एक ही रूट पर चल रहा है. लेकिन रेलवे किसी तरह की भूल की गुंजाइश नहीं रखना चाहता है. रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा सबसे ऊपर है. इसलिए पायलट को ड्यूटी संभालने के साथ रूट प्लान सौंपा जाता है.
इसमें लिखा होता है कि किस जगह ट्रेन की स्पीड कितनी होगी, किस स्टेशन में कितनी देर का स्टापेज होगा. कहां-कहां पर कर्व (घुमाव) पड़ेंगे और वहां कितनी स्पीड रखनी होगी. सफर के दौरान कहां-कहां शहर पड़ेंगे और वहां पर स्पीड क्या होगी? ऐसे जरूरी निर्देशों के साथ रूट प्लान दिया जाता है. इसी के अनुसार लोकोपायलट ट्रेन चलाता है. यह हर लोको पायलट के लिए अनविार्य होता है, इसी के बाद वो ड्यूटी शुरू करता है.
बोल कर कंफर्म भी करते हैं
इतना ही नहीं पायलट के साथ असिस्टेंट पायलट को भी यह रूट प्लान सौंपा जाता है. ट्रेन चलाते समय दोनों पायलट रूट प्लान को मिलाते रहते हैं. एक दूसरे से बोल बोल कर कंफर्म करना होता है. मसलन कोई स्टेशन आने वाला है तो असिस्टेंट पायलट पहले बताएगा, इसके बाद पायलट इसे कंफर्म करेगा. जिससे किसी भी तरह की भूल की संभावना न रहे.
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
October 22, 2025, 11:04 IST