'वक्फ की हिफाजत के लिए हर कुर्बानी को तैयार...' जंतर-मंतर से AIMPLB का ऐलान

6 hours ago

Last Updated:March 17, 2025, 11:55 IST

Waqf Bill AIMPLB Protest: दिल्ली के जंतर मंतर पर वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ AIMPLB का शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुआ. असदुद्दीन ओवैसी, ईटी बशीर, अबू ताहिर और अन्य नेता शामिल हुए. सरकार और विपक्ष में टकराव बढ़ा.

'वक्फ की हिफाजत के लिए हर कुर्बानी को तैयार...' जंतर-मंतर से AIMPLB का ऐलान

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहा है.

हाइलाइट्स

AIMPLB ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया.असदुद्दीन ओवैसी और अन्य नेता प्रदर्शन में शामिल हुए.सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ा.

दिल्ली के जंतर मंतर पर वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े संगठनों का मानना है कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव स्वायत्तता के लिए खतरा है. वक्फ बिल बोर्ड की वित्तीय और प्रशासनिक स्वतंत्रता पर असर डालेगा. इसलिए पूरे देश में विरोध किया जा रहा है. AIMPLB और अन्य संगठनों ने साफ किया है कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगा. प्रदर्शन में धार्मिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनता भी शामिल होगी.

इस विरोध प्रदर्शन में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद ईटी बशीर, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अबू ताहिर और CPI महासचिव सैयद अजीज पाशा भी प्रदर्शन में शामिल हुए. इसके अलावा, CPIML के सांसद राजा राम सिंह भी इस आंदोलन में समर्थन देने पहुंचे.

‘वक्फ की हिफाजत जरूरी’
प्रदर्शन के दौरान AIMPLB के उपाध्यक्ष उबैदुल्लाह आज़मी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान हमें अपने मजहबी मामलों की हिफाजत की जिम्मेदारी देता है. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह हमारे लिए नमाज और रोज़ा जरूरी है, वैसे ही वक्फ की हिफाजत भी उतनी ही जरूरी है. सरकार को चाहिए था कि वक्फ की जमीन को खुर्द-बुर्द करने वालों के खिलाफ एक्शन लेती, लेकिन इसके बजाय सरकार ने खुद ही वक्फ पर कब्जा करने के लिए कानून बना दिया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘भारत को हमने ताबेदारी की बुनियाद पर नहीं, बल्कि वफादारी की बुनियाद पर कबूल किया था. यह देश किसी के बाप की जागीर नहीं है. सबकुछ हड़पकर जाओगे और मिल्लत खामोश बैठी रहेगी, ऐसा नहीं हो सकता.’ उन्होंने कहा कि 1200 साल से इस मुल्क की खिदमत कर रहे हैं और मुस्लिम समाज ने हमेशा इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं. उन्होंने कहा, ‘इंडिया गेट पर सबसे ज्यादा मुसलमानों का लहू बहा है. अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है. वक्फ की हिफाजत के लिए बोर्ड कमर कसकर मैदान में उतरेगा और संविधान की सुरक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार रहेगा.’

AIMPLB के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह किसानों ने मजबूर किया था कि सरकार को कृषि कानून वापस लेना पड़ा, उसी तरह वे कोशिश करेंगे कि यह वक्फ संशोधन विधेयक पास ही न हो. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘अगर हुकूमत इतनी बुजदिल है कि लोगों की बात तक नहीं सुन सकती, तो ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का हक नहीं है.’

‘साजिश के तहत विरोध’
दूसरी तरफ, वक्फ संशोधन विधेयक कमेटी 2024 के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस विरोध को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने पहले संतुष्ट था, लेकिन अब विरोध प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा, ‘यह विरोध प्रदर्शन विपक्ष के इशारे पर किया जा रहा है. हमने अलग-अलग पक्षों से राय लेने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है, जो भारत की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बनाई गई है.”

इसी बीच, भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने AIMPLB पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ का मुद्दा सिर्फ बहाना है, असली मकसद देश में दंगे भड़काना और वोट बैंक की राजनीति करना है. उन्होंने कहा कि ‘AIMPLB और इसके समर्थक कांग्रेस, TMC, समाजवादी पार्टी और AIMIM मुस्लिम नागरिकों को भड़काने का काम कर रहे हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या संविधान ने जैन और ईसाई समुदायों को वक्फ जैसे अधिकार दिए हैं? AIMPLB को वक्फ संपत्तियों पर असीमित अधिकार क्यों चाहिए? कभी संसद, कभी महाकुंभ, कभी किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है और विपक्ष इस पर चुप रहता है.’

फिलहाल, जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन जारी है और सरकार व विपक्ष के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक टकराव तेज होता जा रहा है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 17, 2025, 11:53 IST

homenation

'वक्फ की हिफाजत के लिए हर कुर्बानी को तैयार...' जंतर-मंतर से AIMPLB का ऐलान

Read Full Article at Source