Last Updated:June 08, 2025, 20:18 IST
श्री श्री रविशंकर ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन करते हुए इसे देश की प्रगति के लिए जरूरी बताया है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विजन की तारीफ की और न्याय प्रणाली में सुधार की भी बात की.

'वन नेशन-वन इलेक्शन' का श्री श्री रविशंकर ने किया समर्थन.(Image:X)
हाइलाइट्स
'वन नेशन-वन इलेक्शन' देश की प्रगति के लिए जरूरी.बार-बार चुनाव से विकास कार्य बाधित होते हैं.न्याय प्रणाली में सुधार की भी जरूरत: श्री श्री रविशंकर.बेंगलुरु. बेंगलुरु से देश के लिए एक अहम संदेश आया है. आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ यानी ‘एक देश-एक चुनाव’ के विचार का समर्थन करते हुए इसे देश की प्रगति के लिए जरूरी बताया है. न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावों के कारण न सिर्फ अधिकारियों का सारा वक्त चुनावी ड्यूटी में चला जाता है, बल्कि राजनेताओं को भी लगातार प्रचार में भाग लेना पड़ता है. इससे शासन और विकास कार्य बाधित होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक साथ चुनाव हों, तो सरकारी मशीनरी पूरी ताकत से देश की प्रगति में जुट सकेगी.
श्री श्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की तारीफ करते हुए कहा कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ न केवल एक राजनीतिक सुधार है, बल्कि यह देश को स्थिरता और तेज़ विकास की ओर ले जाने वाला कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि इसी तरह न्याय प्रणाली में भी सुधार की जरूरत है, जिससे आम लोगों को जल्दी और प्रभावी न्याय मिल सके.
श्री श्री रविशंकर ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता की भावना को भी अहम बताया. उन्होंने कहा कि “हमें अपनी जड़ों पर गर्व होना चाहिए, और प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रमों से लोगों को देश की योजनाओं और सोच से जोड़ने का काम किया है.”
आर्ट ऑफ लिविंग के सामाजिक कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी संस्था सीमावर्ती क्षेत्रों में सरकार के साथ मिलकर विकास कार्य कर रही है. अरुणाचल प्रदेश जैसे दूरस्थ इलाकों में सड़कें, बिजली और दूसरी सुविधाएं पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की कोशिशों की उन्होंने सराहना की. उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ केवल एक नारा नहीं है, यह जमीनी स्तर पर काम कर रहा है और युवाओं को आगे बढ़ने का हौसला दे रहा है. यदि ऐसे प्रयास चलते रहे, तो भारत निश्चित ही विश्व शक्ति के रूप में उभरेगा.’
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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