वर्दी वाला ओसामा.. इसने लादेन की याद दिला दी, मुनीर के ऊपर भड़के Ex अमेरिकी अधिकारी

1 week ago

Asim Munir Nuclear Threat: पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने अमेरिका की धरती से परमाणु हमले की धमकी दी. इसके बाद प्रतक्रियाओं का दौर शुरू हो गया. वर्तमान अमेरिकी सरकार भले ही इस पर चुप है लेकिन अमेरिका से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने कहा कि अमेरिकी धरती पर पाकिस्तान की इस तरह की धमकी अस्वीकार्य है. उन्होंने मुनीर की तुलना ओसामा बिन लादेन से करते हुए कहा कि यह बयानों का स्तर बताता है कि पाकिस्तान अब एक जिम्मेदार देश के रूप में रहने लायक है या नहीं. इस पर सवाल उठना लाजिमी है.

PAK सेना प्रमुख पर तीखा हमला..
असल में अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित बैठक से पहले रुबिन ने पाकिस्तान और उसके सेना प्रमुख पर तीखा हमला बोला. उन्होंने असीम मुनीर को 'वर्दी वाला ओसामा' बताते हुए कहा कि पाकिस्तान की सोच और रणनीति में किसी भी तरह की रियायत से बदलाव संभव नहीं है. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की नीति पर भी सवाल उठाए और कहा कि एक गलत शांति समझौता-शांति की जगह युद्ध को आगे बढ़ा सकता है.

दुनिया को डराने की रणनीति
इतना ही नहीं रुबिन ने कहा कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों को लेकर पूरी दुनिया को डराने की रणनीति अपना रहा है. उनका कहना था कि जब कोई देश आधी दुनिया को परमाणु हथियारों से धमकाता है तो वह एक वैध राज्य के रूप में बने रहने का अधिकार खो देता है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे में अमेरिकी जनरलों को मुनीर के बयान पर तुरंत मीटिंग से बाहर आ जाना चाहिए था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

अमेरिकी जनरलों की चुप्पी पर नाराजगी 

पूर्व पेंटागन अधिकारी ने अमेरिकी जनरलों की चुप्पी पर नाराजगी जताई और कहा कि जिन्होंने मीटिंग से वॉकआउट नहीं किया उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. रुबिन के मुताबिक अमेरिका को पाकिस्तान को लेकर अपनी नीतियों पर गंभीरता से पुनर्विचार करना होगा और जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा अपने हाथ में लेनी होगी. क्योंकि मौजूदा स्थिति बेहद खतरनाक है.

माइकल रुबिन ने मांग की कि जब तक पाकिस्तान माफी नहीं मांगता और स्पष्टीकरण नहीं देता तब तक असीम मुनीर और किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी को 'पर्सोना नॉन ग्रेटा' घोषित किया जाए और उन्हें अमेरिकी वीजा न दिया जाए. उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद और परमाणु धमकियों के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए.

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