विदेशी यूनिवर्सिटी में मिल जाएगा एडमिशन, बस पास कर लें ये परीक्षाएं

1 month ago

नई दिल्ली (Foreign Exams in India). विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन हासिल करना आसान नहीं होता है. इसके लिए सही यूनिवर्सिटी को सेलेक्ट करना भर ही काफी नहीं होता है. स्टूडेंट्स को कई एंट्रेंस एग्जाम भी पास करने होते हैं. विदेशी स्टूडेंट्स के दाखिले को लेकर हर देश और यूनिवर्सिटी के अपने नियम होते हैं. अगर आप किसी ऐसे देश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहते हैं, जहां अंग्रेजी भाषा प्रमुखता से बोली जाती है तो आपका भी उसमें परफेक्ट होना जरूरी है.

विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए कोर्स के हिसाब से अलग एंट्रेंस टेस्ट होते हैं. किसी भी देश में पढ़ाई के लिए आवेदन करने से पहले वहां विदेशी छात्रों के लिए बनाए गए नियम आदि की जानकारी जरूर हासिल कर लें. ज्यादातर यूनिवर्सिटी में विदेशी स्टूडेंट्स से हाई फीस ली जाती है (Abroad Study). आप एडमिशन से पहले स्कॉलरशिप के अपडेट्स भी चेक कर सकते हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा आदि देशों की यूनिवर्सिटी में एडमिशन से पहले जानें कौन से एंट्रेंस एग्जाम पास करने होंगे.

ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (GMAT)
जीमैट का फुल फॉर्म ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट है. जीमैट परीक्षा का स्कोर 114 से ज्यादा देशों के 21 हजार से ज्यादा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडमिशन के लिए अनिवार्य माना जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, जीमैट बिजनेस यानी एमबीए कोर्स में दाखिले के लिए होता है. जीमैट स्कोर की वैलिडिटी पांच साल तक रहती है.

लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (LSAT)
अमेरिका में स्थित लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (LSAT) पास करना अनिवार्य है, एलएसएटी परीक्षा पास करके आप अमेरिका के कॉलेजों से मास्टर ऑफ लॉ कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. इस लॉ एंट्रेंस एग्जाम का स्कोर अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में मान्य है. इसका स्तर काफी कठिन होता है.

अमेरिकन कॉलेज टेस्ट (ACT)
भारतीय स्टूडेंट्स में अमेरिका को लेकर काफी क्रेज है. हर साल हजारों स्टूडेंट्स अमेरिका में स्थित यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन अमेरिका की यूनिवर्सिटी के स्नातक कोर्स में आवेदन करने के लिए अमेरिकन कॉलेज टेस्ट (ACT) पास करना जरूरी है. इसके बिना ग्रेजुएशन लेवल के कोर्स में एडमिशन हासिल करना मुश्किल हो जाता है.

स्कॉलस्टिक असेसमेंट टेस्ट (SAT)
अमेरिका में एडमिशन का सपना देख रहे स्टूडेंट्स की राह आसान नहीं है. यहां दाखिले के लिए कई तरह की परीक्षाएं पास करनी होती हैं. अमेरिका के कॉलेजों में एडमिशन के लिए स्कॉलस्टिक असेसमेंट टेस्ट जरूरी होता है. इस एग्जाम के जरिए मैथ के साथ ही पढ़ने और लिखने की क्षमताओं को टेस्ट करके कॉलेज के लिए उनकी तैयारी का आकलन किया जाता है.

इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS)
भारत समेत कई देशों की प्रमुख भाषा अंग्रेजी नहीं है. नॉन-नेटिव इंग्लिश कंट्री से इंग्लिश स्पीकिंग देश की किसी यूनिवर्सिटी में अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए IELTS परीक्षा पास करना जरूरी है. IELTS के जरिए ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देशों के संस्थानों में एडमिशन ले सकते हैं. इस परीक्षा का स्कोर दो सालों तक मान्य रहता है.

टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज अ फॉरेन लैंग्वेज (TOEFL)
पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने से पहले TOEFL परीक्षा पास करना जरूरी है. इससे इंग्लिश की जानकारी का आकलन किया जाता है. नॉर्थ अमेरिकी संस्थानों में इसे वरीयता दी जाती है. यह परीक्षा इंग्लिश में पढ़ने, लिखने, बोलने और सुनने की समझ का आकलन करती है. जो स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका या कनाडा जाना चाहते हैं, उनके लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य है.

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Tags: Abroad Education, Entrance exams, Foreign university

FIRST PUBLISHED :

March 15, 2024, 16:06 IST

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