विश्‍व बैंक का मंत्र! बताया- भारत कैसे बनेगा 30 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी

1 hour ago

Last Updated:November 07, 2025, 18:53 IST

World Bank Advise : विश्‍व बैंक ने कहा है कि अगर भारत साल 2047 तक अपनी अर्थव्‍यवस्‍था को 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्‍य पाना चाहता है तो उसे 2 सेक्‍टर पर सबसे ज्‍यादा फोकस करना होगा.

विश्‍व बैंक का मंत्र! बताया- भारत कैसे बनेगा 30 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमीविश्‍व बैंक ने 30 हजार अरब डॉलर की इकनॉमी बनने का फॉर्मूला बताया है.

नई दिल्‍ली. भारत को विकसित देश बनाने के लिए सरकार ने साल 2047 का लक्ष्‍य रखा है. तब तक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का भरोसा जताया जा रहा है. अब विश्‍व बैंक ने भी इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने का रोडमैप बता दिया है. विश्‍व बैंक ने भारत को विकसित बनने का मंत्र देते हुए कहा कि अगर 2 चीजों पर फोकस किया जाए तो भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था साल 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्‍य को पार कर सकती है.

विश्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र आकलन (एफएसए) रिपोर्ट में बताया कि भारत को साल 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को और तेज करने के साथ निजी पूंजी जुटाने को बढ़ावा देना होगा. रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि भारत के ‘विश्व स्तरीय’ डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सरकारी कार्यक्रमों ने पुरुषों और महिलाओं के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार किया है. आज भारत में दोनों को ही समान रूप से अवसर मिल रहा है.

फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट तक आसान बनाएं पहुंच
रिपोर्ट में खाता उपयोग को और बढ़ावा देने, व्यक्तियों और एमएसएमई के लिए वित्तीय उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच को आसान बनाने के सुझाव भी दिए हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक (डब्ल्यूबी) का एक संयुक्त कार्यक्रम एफएसएपी है, जो किसी देश के वित्तीय क्षेत्र का व्यापक और गहन विश्लेषण करता है. वित्तीय क्षेत्र आकलन कार्यक्रम (एफएसएपी) सितंबर साल 2010 से प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय क्षेत्रों वाले क्षेत्राधिकारों के लिए अनिवार्य हो गया है.

हर 5 साल में होता है मूल्‍यांकन
इस समय भारत सहित 32 क्षेत्राधिकारों के लिए हर पांच साल में और अन्य 15 क्षेत्राधिकारों के लिए हर 10 साल में वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन (एफएसएपी) आयोजित करना अनिवार्य है. एफएसएपी के अंतिम भाग के रूप में आईएमएफ वित्तीय प्रणाली स्थिरता आकलन (एफएसएसए) रिपोर्ट और विश्व बैंक वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन (एफएसए) रिपोर्ट प्रस्तुत करता है. भारत के लिए पिछला एफएसएपी साल 2017 में आयोजित किया गया था. एफएसएसए रिपोर्ट आईएमएफ द्वारा दिसंबर 2017 में और एफएसए रिपोर्ट विश्व बैंक द्वारा दिसंबर 2017 में प्रकाशित की गई थी.

सरकार ने भी किया रिपोर्ट का स्‍वागत
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत, आईएमएफ-विश्व बैंक की संयुक्त टीम द्वारा किए गए वित्तीय क्षेत्र के आकलन का स्वागत करता है. विश्व बैंक की हाल के एफएसए रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 में पिछले एफएसएपी के बाद से भारत की वित्तीय प्रणाली अधिक मजबूत, विविध और समावेशी हो गई है. वित्तीय क्षेत्र में सुधारों ने भारत को साल 2010 के दशक के विभिन्न संकटों और महामारी से उबरने में मदद की. रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि साल 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निजी पूंजी जुटाने को बढ़ावा देने और वित्तीय क्षेत्र के सुधारों को और गति देने जरूरत है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 07, 2025, 18:53 IST

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