Last Updated:December 27, 2025, 23:19 IST
क्या आपको शराब पीने की आदत है या आपने किसी को शराब पीते हुए देखा है? अगर हां, तो आपने यह बात जरूर नोट की होगी. शराब पीने के बाद कई लोगों को हिचकी आने लगती है. लेकिन लगातार हिचकी आने की असली वजह क्या है, यह ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता. चलिए आज डॉक्टर से समझते हैं कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? इसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए?

इस विषय पर इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बेंगलुरु के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत बी गांधी ने बताया कि हिचकी एक रिफ्लेक्स के कारण होती है, जिसमें ब्रेनस्टेम, डायाफ्राम, फ्रेनिक नर्व और वेगस नर्व शामिल होती हैं. शराब पेट, नसों और दिमाग पर एक साथ असर डालती है, जिससे यह रिफ्लेक्स आसानी से सक्रिय हो जाता है.

जब कोई व्यक्ति बहुत तेजी से या ज्यादा मात्रा में शराब पीता है, तो पेट फूल जाता है. इससे पेट और डायाफ्राम के पास मौजूद वेगस नर्व फैल जाती है. यह फैलाव हिचकी का कारण बनता है. शराब पेट के एसिड को बढ़ाती है और भोजन नली व पेट की अंदरूनी परत को परेशान करती है. यह जलन उन्हीं नर्व रास्तों को सक्रिय करती है, जो हिचकी से जुड़े होते हैं.

शराब लोअर इसोफेजियल स्फिंक्टर को भी ढीला कर देती है. यह मांसपेशी खाने को पेट में रखने का काम करती है. इसके ढीला होने पर एसिड ऊपर की ओर आने लगता है, जिससे हिचकी हो सकती है. कुल मिलाकर, शराब पेट को फैलाती है, जलन पैदा करती है और नसों को सक्रिय करती है—और यही सब हिचकी का कारण बनते हैं.
Add News18 as
Preferred Source on Google

डॉक्टर बताते हैं कि बीयर, स्पार्कलिंग वाइन और हार्ड सेल्टजर जैसे फिजी ड्रिंक्स से हिचकी आने की संभावना ज्यादा होती है. इनमें मौजूद बुलबुले पेट के अंदर फैलते हैं और नसों को और ज्यादा उत्तेजित करते हैं. इसलिए बीयर से हिचकी ज्यादा आती है.

अचानक तापमान बदलने वाले ठंडे पेय अन्ननलिका को परेशान कर सकते हैं. वहीं, व्हिस्की या वोडका जैसी तेज शराब भी अन्ननलिका में जलन पैदा कर सकती है. इसलिए धीरे-धीरे और सीमित मात्रा में पीना जरूरी है.

तेजी से पीने पर आप ज्यादा हवा निगल लेते हैं, जिससे कुछ ही सेकंड में पेट फूल जाता है. यह अचानक फैलाव वेगस नर्व को तुरंत सक्रिय कर देता है. खाली पेट शराब पीने से इसका असर और बढ़ जाता है. शराब पेट की अंदरूनी परत को जल्दी परेशान करती है, एसिडिटी बढ़ाती है और एसिड को ऊपर आने से रोकने वाली मांसपेशियों को कमजोर करती है. इस सबका मेल हिचकी की संभावना बढ़ा देता है.

मसालेदार, खट्टे और तैलीय भोजन हिचकी की समस्या को और बढ़ा सकते हैं. मसालेदार खाने में मौजूद कैप्साइसिन उन नसों को उत्तेजित करता है जो हिचकी से जुड़ी होती हैं. खट्टे खाद्य पदार्थ एसिड रिफ्लक्स बढ़ाते हैं. वसायुक्त भोजन पाचन को धीमा करता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और वेगस नर्व पर लगातार दबाव पड़ता है. बीयर के साथ मसालेदार स्नैक्स खाने से हिचकी की संभावना और बढ़ जाती है.

आमतौर पर हिचकी अपने आप ठीक हो जाती है. लेकिन अगर 48 घंटे से ज्यादा समय तक हिचकी बनी रहे, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए. लंबे समय तक हिचकी आना दिमाग या नसों से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है. यह ब्रेनस्टेम की दिक्कत, लकवा या अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है.

अगर हिचकी आपकी नींद या खाने-पीने को प्रभावित कर रही है, तो डॉक्टर से मिलें. इसके साथ अगर वजन कम हो रहा हो, नसों से जुड़ी दिक्कतें हों या सीने में जलन रहती हो, तो इलाज जरूरी है. लंबे समय तक हिचकी आना ज़्यादा शराब पीने वालों या बुज़ुर्गों में चेतावनी का संकेत हो सकता है. (Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर उपलब्ध रिपोर्ट्स और जानकारी पर आधारित है। News18 का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है और News18 इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता.)
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

1 hour ago
