शारदा सिन्हा के ससुराल में पीएम मोदी की दूसरी सभा क्यों, छठ या फिर कुछ और वजह?

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Last Updated:October 24, 2025, 12:00 IST

PM Modi Rally: देश के प्रधानमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी बिहार चुनाव 2025 के रण में उतर चुके हैं. पीएम मोदी ने छठ गीतों की मल्लिका शारदा सिन्हा के ससुराल और भूमिहारों की राजधानी बेगसूराय में दूसरी रैली क्यों की? क्या भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली समस्तीपुर से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर पहुंचकर भूमिहार वोट बैंक को बड़ा मैसेज दिया है?

शारदा सिन्हा के ससुराल में पीएम मोदी की दूसरी सभा क्यों, छठ या फिर कुछ और वजह?पीएम मोदी की दूसरी सभा बेगूसराय में ही क्यों?

PM Modi Rally: पीएम मोदी बिहार चुनाव 2025 में धूम मचाने पटना पहुंच गए हैं. बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग के ऐलान के बाद पीएम मोदी का यह पहला बिहार दौरा है. पीएम मोदी अगले 10-15 दिनों में दर्जनों सभाएं और रोड शो बिहार में करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 24 अक्टूबर को समस्तीपुर के बाद बेगूसराय में रैली करना राजनीतिक पंडितों को अचंभित कर रहा है. जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती पर पहली रैली करने के बाद महज 50 किलोमीटर की दूरी पर ही पीएम मोदी की दूसरी सभा के लिए बेगूसराय क्यों चुना? क्या छठ गीतों की ‘मल्लिका’ और देश की जानीमानी लोकगायिका शारदा सिन्हा के ससुराल का कनेक्शन है? या फिर भूमिहारों की राजधानी बेगूसराय में आकर पीएम मोदी महागठबंधन के भूमिहार वोटबैंक में सेंध लगाने के अरमान को कुचलने आ रहे हैं?

बेगूसराय ‘छठ गीतों की रानी’ के नाम से विख्यात शारदा सिन्हा का ससुराल है. शारदा सिन्हा के निधन के समय भी पीएम मोदी ने गहरी संवेदना प्रकट किया था. अब छठ पर्व से ठीक पहले बेगूसराय में उनकी यह उपस्थिति राजनीतिक रूप से काफी संकेत देती है. प्रधानमंत्री बनने से पहले और प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी बेगूसराय कई बार आ चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव से पहले भी पटना के गांधी मैदान में एक रैली हुई थी. इस रैली में एक तरफ पीएम मोदी का भाषण हो रहा था तो दूसरी तरफ भीड़ में ताबड़तोड़ बम विस्फोट हो रहे थे. इस विस्फोट में बिहार के अलग-अलग हिस्सों के कई लोगों की मौत हो गई थी. बाद में पीएम मोदी ने मृतकों के परिवारवालों से मिलने उनके घरों पर आए थे. बेगूसराय के तारा बरियारपुर का रहने वाला एक बीजेपी का कार्यकर्ता भी इसमें मारा गया था. तब पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर बेगूसराय के खोदाबंदपुर प्रखंड में उतरा था.

भूमिहार वोट बैंक का गढ़

यह ता बात हो गई शारदा सिन्हा से जुड़े पीएम मोदी की यादों की. अब आते हैं बिहार चुनाव में पीएम मोदी ने बेगूसराय को ही क्यों चुना अपनी दूसरी सभा के लिए. क्या बेगूसराय में पहले फेज यानी 6 नवंबर को चुनाव है, यह कारण है? दरअसल, यूपी में जिस तरह गाजीपुर भूमिहारों का गढ़ है, बिहार में बेगूसराय को ‘भूमिहार राजधानी’ भी कहा जाता है. यह समुदाय एनडीए खासकर बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बेगूसराय के ही सांसद हैं, जो बीजेपी के मौजूदा दौर में हिंदुत्व के ध्वजवाहकों में से एक हैं. इस चुनाव में तेजस्वी यादव ने कई भूमिहार नेताओं को टिकट देकर एनडीए के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है. ऐसे में पीएम मोदी की उपस्थिति एनडीए के गणित को और मजबूत कर दे तो हैरानी नहीं होगी.

25-30 सीटों पर पड़ेगा असर?

कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली समस्तीपुर के बाद बेगूसराय में पीएम मोदी सभा करके, मिथिलांचल और मध्य बिहार के करीब 25-30 विधानसभा सीटों को साधने की कोशिश करेंगे. कर्पूरी ग्राम से शुरुआत करना भी ईबीसी यानी अति पिछड़ा वर्ग वोट को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा है. बेगूसराय में बरौनी रिफाइनरी समेत कई उद्योग हैं. गंगा नदी पर पुलों के उद्घाटन सहित पीएम ने यहां कई विकास परियोजनाएं दी हैं. यहां से सभा करके, पीएम युवाओं को विकास और रोजगार का संदेश देना चाहते हैं.

बेगूसराय और आसपास के सीटों का गणित

बेगूसराय लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से बेगूसराय विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. हालांकि, बेगूसराय एक जटिल राजनीतिक इतिहास रखता है और यह कभी भाकपा का गढ़ रहा है, जिसे ‘बिहार का लेनिनग्राद’ कहा जाता था. यह क्षेत्र आज भी आरजेडी के यादव-मुस्लिम और सीपीआई के पिछड़े वर्ग का एक हिस्सा पर असर रखता है. ऐसे में छठ से पहले पीएम की यह चुनावी सभा बेगूसराय के माहौल को पूरी तरह से गरमा देगी. बेगूसराय पर पीएम मोदी का खास फोकस यह दर्शाता है कि एनडीए इस क्षेत्र की हर एक सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

October 24, 2025, 11:58 IST

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