Last Updated:November 28, 2025, 20:11 IST
Bengal SIR process: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया पर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच TMC के सभी आरोप खारिज करते हुए कड़ा संदेश दिया है. आयोग ने साफ कहा कि BLO–ERO–DEO पर दबाव या धमकी बर्दाश्त नहीं होगी. DGP और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए जबकि CEO कार्यालय को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने और नए बूथ बनाने के आदेश भी जारी हुए.
बंगाल में SIR की प्रक्रिया जारी है. नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची सुधार यानी SIR के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव पर चुनाव आयोग ने गुरुवार को बेहद सख्त रुख अपनाया. TMC द्वारा लगाए गए आरोपों को बिलकुल आधारहीन बताते हुए आयोग ने साफ कहा कि BLOs, EROs और DEOs की स्वतंत्रता में कोई दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ECI ने TMC प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में हर आरोप का खंडन किया और दो टूक कहा कि ये अधिकारी भले ही राज्य सरकार के कर्मचारी हों पर चुनावी ड्यूटी पर वे आयोग के नियंत्रण में हैं और वही उनकी सुरक्षा तथा निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा.
ECI ने यह भी चेतावनी दी कि मृत, ट्रांसफर हो चुके या डुप्लीकेट मतदाताओं की एंट्री सुधारने की प्रक्रिया के बहाने BLO को धमकाने या प्रभावित करने की कोशिश किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं होगी. आयोग ने TMC से कहा कि यदि उन्हें कोई आपत्ति या दावा करना है तो 9 दिसंबर के बाद करें,जब मसौदा मतदाता सूची सार्वजनिक की जाएगी. इसी सिलसिले में चुनाव आयोग ने राज्य के DGP और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता BLO पर दबाव न डालें और वे बिना हस्तक्षेप, बिना भय अपना काम कर सकें.
ECI ने सभी DEOs को भी निर्देश दिया कि झुग्गियों, ऊची इमारतों और गेटेड कॉलोनियों में नए मतदान केंद्र बनाए जाएं ताकि SIR प्रक्रिया अधिक सटीक और आसान हो सके. एक बड़ा फैसला यह भी आया कि पश्चिम बंगाल के CEO कार्यालय को बेहतर सुरक्षा वाले स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि हाल ही में सुरक्षा उल्लंघन के संकेत मिले थे. ECI ने कोलकाता पुलिस से मौजूदा और नए दोनों कार्यालयों को पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
ECI ने TMC के सभी आरोप पूरी तरह खारिज किए, BLO–ERO–DEO की स्वतंत्रता पर जोर दिया. BLOs पर दबाव या धमकी की कोशिश न करने की कड़ी चेतावनी, मृत/डुप्लीकेट मतदाता मामला भी शामिल. DGP व पुलिस कमिश्नर को निर्देश—BLOs की सुरक्षा सुनिश्चित करें, राजनीतिक दखल रोका जाए. CEO दफ्तर को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने और नए बूथ बनाने के आदेश, 9 दिसंबर बाद आपत्तियाँ कीजिए.यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि SIR प्रक्रिया महज सूची सुधार नहीं बल्कि राज्य के राजनीतिक माहौल की बड़ी कसौटी बन चुकी है, जहां हर कदम पर आयोग अपनी सख्ती का एहसास करवा रहा है.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
First Published :
November 28, 2025, 20:08 IST

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