सरकार करती रही मिन्‍नतें, मिलने तक नहीं पहुंचे RG Kar के डॉक्‍टर, मरीज बेहाल

1 week ago
कोलकाता आरजी कर विवाद अभी भी नहीं थमा है.  (News18)कोलकाता आरजी कर विवाद अभी भी नहीं थमा है. (News18)

हाइलाइट्स

आरजी कर अस्‍पताल में डॉक्‍टर की रेप के बाद हत्‍या कर दी गई.डॉक्‍टर अपनी सुरक्षा और अन्‍य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.कोलकाता में मरीज डॉक्‍टरों की हड़ताल से परेशान हो रहे हैं.

नई दिल्‍ली. आर जी कर मामले में पीड़िता के लिए हर दिशा से ‘वी वांट जस्टिस’ की गुहार के बीच एक कोलकाता वो भी है जो फिलहाल चिकित्सा के लिए कराह रहा है. जूनियर डॉक्टर 32 दिन से हड़ताल पर हैं और रोगी अस्पतालों की दहलीजों पर आह भर रहे हैं. ब्रिटिश राज में राजधानी होने के सुख, फिर स्वाधीनता का रस, उसके बाद लंबा कांग्रेस कार्यकाल, फिर लेफ्ट के तीस साल के बाद अब ममता सरकार का तीसरा काल देख रहा कोलकाता एक तरफ डॉक्टर बेटी के लिए न्याय, महिला सुरक्षा के सवाल की मार झेल रहा है तो दूसरी ओर धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की शर्तों पर शर्तें और अस्पताल…अस्पताल भटकते मरीजों की पीड़ा भी सहन कर रहा है.

आर जी कर की घटना के एक महीने से ज़्यादा समय बीतने के बाद भी प्रशासन के कई जतन और सुप्रीम कोर्ट से कड़े निर्देशों के बावजूद जूनियर डॉक्टर अपनी हड़ताल ख़त्म करने को तैयार नहीं हैं. लगातार चले कई ईमेल के दौर के बाद भी जूनियर डॉक्टर सरकार के साथ बैठक के लिए नहीं पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को मंगलवार की शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि लोगों के हित में अब जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए और अगर ये डॉक्टर मंगलवार शाम तक काम पर नहीं लौटे तो राज्य सरकार उनके ख़िलाफ़ जो चाहे दंडात्मक वो कदम उठा सकती है, लेकिन आंदोलनकारी डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को अंगूठा दिखा दिया है.

डॉक्टर्स की नई डिमांड
डॉक्टरों ने पहले आर जी कर अस्पताल को कई अधिकारियों को हटाये जाने की मांग रखी थी, जिसे लेकर तीव्र आंदोलन किया, जिसके बाद सभी अधिकारियों को राज्य सरकार ने हटाया था, संदीप घोष की गिरफ़्तारी के बाद उन्हें भी सस्पेंड किया गया. कल स्वास्थ भवन घेराव कार्यक्रम के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने नयी मांगें सामने रख दीं, जिसमें स्वास्थ सचिव, डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के इस्तीफै की मांग कर दी.

यह भी पढ़ें:- दिल्‍ली-NCR में रात से ही बारिश, UP-MP में भी आज बरसेंगे बदरा, जान लें कब होगा मानसून का टाटा बाय-बाय

अफसरों से मिलने नहीं पहुंचे डॉक्‍टर
कल स्वास्थ्य विभाग ने ईमेल के जरिए डॉक्‍टरों को मिलने के लिए राज्य मुख्यालय नबान्नो बुलाया पर उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया. आज फिर राज्य की तरफ से ईमेल भेज मिलने की पेशकश की गयी तो डॉक्टरों ने फिर शर्तों का पुलिंदा पेश कर दिया. मांग रखी है बैठक में 10-15 नहीं बल्कि 30 लोग जायेंगे, बैठक का सीधा प्रसारण करना होगा और बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मौजूद रहना होगा. जिसके बाद मुख्य सचिव मनोज पंत ने इसे ‘दुखद’ करार दिया, डीजीपी ने डॉक्टरों को सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम करने का आश्वासन दिया तो मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने तो डॉक्टरों के आंदोलन के पीछे राजनीति होने का संदेश भी जताया. डॉक्टर अब स्वास्थ भवन के सामने धरने पर बैठे हैं.

मरीज डॉक्‍टर बिटिया के साथ लेकिन…
से में सवाल उठने लगे है कि पर उन मरीज़ों का क्या जो आर जी कर की पीड़ित डॉक्टर बिटिया के साथ भी है और इलाज के लिए दर दर भटकने को मजबूर है. देगंगा से इलाज कराने पहुंचे सफीकुल इसलाम के घर वालों का आरोप है कि उन्हें दो अस्पताल के चक्कर काटने पड़े, जहां उनसे कहा गया कि डॉक्टरों के हड़ताल पर होने के कारण उन्हें बेड नहीं मिल पा रहा है और इसके चलते उनके रोगी की मौत हो गयी. सफ़ीकुल का एक्सीडेंट हुआ था जिसके इलाज के लिए परिवार पहले उसे लेकर कोलकाता नैश्नल मेडिकल पहुंचा, फिर वहां से एसएसकेएम अस्पताल आया जहां दो घंटे घूमने के बाद पेशेंट की मौत हो गयी. सफ़ीकुल को लेकर चक्कर काटने वाले रिश्तेदार जहांगीर गाजी का कहना है कि ‘हम भी आर जी कर मामले में इंसाफ़ चाहते हैं लेकिन एक घटना के चलते हज़ारों लोग बिना चिकित्सा के मारे जा रहे हैं.

5 लाख मरीज राज्‍य में रोज अस्‍पताल पहुंचते हैं
जूनियर डॉक्टर के विरोध प्रदर्शन के कारण सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या सामान्य से कम है जिसका सीधा असर मरीज़ों पर पड़ रहा है. राज्य में 300 सरकारी अस्पताल हैं, 26 मेडिकल कॉलेज हैं, 95,000 डॉक्टर सरकारी अस्पतालों के साथ फ़ुल टाइम जुड़े हैं और करीब 5 लाख पेशेंट हर रोज़ इन अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं. सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दी गयी जानकारी को अनुसार अब तक 23 लोगों की जान जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण चिकित्सा न मिल पाने के चलते हो चुकी है.

जूनियर डॉक्‍टर आक्रामक
कोलकाता में सिर्फ़ बंगाल के ही मरीज़ नहीं आते हैं बल्कि आस पास के कई राज्यों से और पड़ोसी देश बांग्लादेश तक से यहां मरीज़ इलाज कराने आते हैं, हड़ताल की मार लाखों लोगों को झेलनी पड़ रही है. जूनियर डॉक्टर का ये आंदोलन अभी थमता नज़र नहीं आ रहा है राज्य सरकार जैसे जैसे अपने क़दम बदल रही है ठीक वैसे वैसे जूनियर डॉक्टर भी अपने आंदोलन को और भी ज़्यादा आक्रामक कर रहे हैं.

Tags: CM Mamata Banerjee, Junior Doctor Strike, Kolkata News

FIRST PUBLISHED :

September 12, 2024, 07:39 IST

Read Full Article at Source