Last Updated:September 28, 2025, 13:19 IST
Begusarai News : महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार योजनाएं चला रहे हैं. लेकिन बेगूसराय से सामने आई एक दर्दनाक घटना ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की जमीनी हकीकत पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. दरअसल, यह घटना केवल एक महिला की पीड़ा नहीं, बल्कि योजना की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल है. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है.

बेगूसराय. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार योजनाएं चला रहे हैं. सरकार का दावा है कि जीविका के जरिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. लेकिन बेगूसराय से सामने आई घटना ने इस दावे की सच्चाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं. रोजगार से जुड़ने के नाम पर पैसे लेकर भी नाम नहीं जोड़ने और फिर विरोध करने पर महिला की बेरहमी से पिटाई का यह मामला इस योजना की जमीनी हकीकत को उजागर करता है. मामला सिर्फ एक महिला का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा होने का है. घटना बेगूसराय की महिला पम्मी कुमारी के साथ घटी है.
बताया जा रहा है कि बेगूसराय के बछवारा थाना क्षेत्र के बेगमसराय की रहने वाली पम्मी कुमारी ने रोजगार से जुड़ने के लिए जीविका समूह में 5 हज़ार रुपए दिए. लेकिन, नाम जोड़ने के बजाय उसे बेरहमी से पीटा गया. इस घटना के बाद सदमे में महिला ने ट्रक के सामने कूदकर आत्महत्या की कोशिश की. गनीमत रही कि मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह उसकी जान बचाई और गंभीर हालत में उसे बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.महिला के पति रामप्रवेश कुमार ने बताया कि पैसे कर्ज लेकर दिए गए थे, लेकिन जब पत्नी ने अपना पैसा वापस मांगा तो जीविका दीदी ने गुंडागर्दी करते हुए इतनी बेरहमी से मारा कि वह अधमरी हो गई.
महत्वाकांक्षी योजना पर धब्बा
बिहार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जीविका सबसे बड़ी पहल मानी जाती है. हाल में ही 10-10 हजार रुपये करीब 75 लाख महिलाओं के खाते में भेजने का दावा सरकार ने किया है. लेकिन, हकीकत यह भी है कि भ्रष्टाचार और बिचौलियों की वजह से इसका असर फीका पड़ता नजर आ रहा है. इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या योजनाएं वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंच रही हैं या फिर बिचौलियों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. जाहिर है यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि उन सैकड़ों महिलाओं की पीड़ा की झलक है जिनकी उम्मीदें जमीन पर टूट रही हैं. ऐसे में सिस्टम को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
जवाबदेही पर उठ रहे सवाल
सवाल यह है कि क्या सरकार ने अपने स्तर पर निगरानी की व्यवस्था पर्याप्त की है? यदि हां, तो ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं? यह मामला प्रशासन और सरकार दोनों के लिए चुनौती है, क्योंकि महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी पहल ही कठघरे में है. बेगूसराय की यह घटना बताती है कि योजनाएं कागजों पर सफल दिखती हैं, लेकिन जमीन पर हालात अलग हैं.साफ है कि नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भ्रष्टाचार और बिचौलियों के जाल में फंसती दिख रही है. जीविका योजना पर उठते सवाल इस बात की ओर इशारा करते हैं कि जब तक भ्रष्टाचार और बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आत्मनिर्भरता का सपना अधूरा ही रहेगा.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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Location :
Begusarai,Begusarai,Bihar
First Published :
September 28, 2025, 13:19 IST