Last Updated:October 24, 2025, 11:34 IST
Operation Kashmir: 24 अक्टूबर 1947 का दिन कश्मीर के इतिहास में निर्णायक साबित हुआ. पाकिस्तान समर्थित कबायली हमले के बीच महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय का निर्णय लिया. भारतीय सेना के हस्तक्षेप ने कश्मीर को बचाया और भारत-पाक युद्ध की दिशा तय की.
Operation Kashmir – First War Between India & Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 में हुए पहले युद्ध का सबसे संवेदनशील और निर्णायक दिन 24 अक्टूबर था. इसी दिन पाकिस्तानी सेना के समर्थन से कबायली हमलावरों ने कश्मीर में क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. अभी तक कश्मीर रियासत की सेना अपने सीमित संसाधनों के साथ कबायलियों का मुकाबला कर रही थी, लेकिन कबायली हमलावरों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था. 22 अक्टूबर से ही शुरू हुए हमले 24 अक्टूबर तक कश्मीर के मुजफ्फराबाद, डोमेल और बारामूला तक पहुंच गए थे.
कश्मीर के बिगड़ते हालात की जानकारी अब तक भारत सरकार तक पहुंच चुकी थी. यह खबर पहुंचाने वाले दो लोग थे. पहला पाकिस्तानी सेना का जनरल ग्रेसी और दूसरा जम्मू-कश्मीर के उप-प्रधानमंत्री आरएल बत्रा. वहीं, महाराजा हरि सिंह अभी भी भारतीय गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन से आस लगाए बैठे थे. उन्होंने लॉर्ड माउंटबेटन को इमरजेंसी मैसेज भेजकर बताया कि उनकी रियासत पर हमला हुआ है और सैन्य मदद तुरंत जरूरत है. लेकिन माउंटबेटन की तरफ से राजा हरी सिंह को कोई मदद नहीं मिली.
रियासत की सेना और कबायलियों के बीच हुआ भीषण युद्ध
उसी दिन उरी सेक्टर में रियासत की सेना के ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह ने अपने सीमित सैनिकों के साथ हमलावरों को रोकने की कोशिश की. रियासत की सेना और कबायलियों के बीच कड़ी जंग हुई. इस जंग ने कुछ देर के लिए दुश्मन को श्रीनगर की ओर बढ़ने से रोक दिया था. वहीं दूसरी तरह, बारामूला में कबायली सेना का लूटपाट और कत्लेआम जारी रहा. अब हमलावर कबायलियों की श्रीननगर से दूरी महज 30 से 40 किमी बची थी. वहीं, राजा हरि सिंह को यह समझ आ गया था कि अब उनके पास वक्त नहीं बचा है.
लिहाजा महाराजा हरी सिंह अपने प्रधानमंत्री मेहरचंद महाजन को दिल्ली के लिए रवाना कर दिया. दिल्ली पहुंचने के बाद मेहरचंद महाजन ने भारत सरकार से तत्काल सैन्य सहायता की मांग की. लेकिन, भारत सरकार ने उनके सामने दो शर्तें रख दीं. पहली शर्त विलय दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना था. भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि वह कानूनी रूप से तब तक सेना नहीं भेज सकती, जब तक कि जम्मू-कश्मीर रियासत कानूनी रूप से भारत में विलय नहीं हो जाती. भारत का तर्क था कि वह जम्मू-कश्मीर की सीमाओं के अंदर बिना कानूनी आधिकारिकता के सेना नहीं भेज सकता है.
भारत सरकार ने रखी राजा के सामने दो शर्तें
भारत सरकार की दूसरी शर्त शेख अब्दुल्ला को लेकर थी. राजा हरी सिंह के सामने यह शर्त रखी गई कि विलय तभी स्वीकार्य होगा जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष शेख मोहम्मद अब्दुल्ला इसके लिए सहमत हों. शेख अब्दुल्ला उस समय जेल में थे. ऐसे में, भारत सरकार का मानना था कि भविष्य में कश्मीर की स्थिरता के लिए जनता का समर्थन जरूरी है, जिसका प्रतिनिधित्व शेख अब्दुल्ला करते थे. मेहरचंद महाजन ने भारत सरकार की इन शर्तों को स्वीकार कर लिया.
24 अक्टूबर को महाराजा हरी सिंह के आदेश पर शेख अब्दुल्ला को जेल से रिहा कर दिया गया. अब तक श्रीनगर में मौजूद महाराजा हरी सिंह को समझ में आ गया था कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है. उन्होंने 24-25 अक्टूबर की रात को अपने परिवार और नजदीकी सहयोगियों के साथ श्रीनगर छोड़ दिया और जम्मू के लिए रवाना हो गए. यह एक सुरक्षा उपाय था ताकि वे आक्रमणकारियों के हाथ न लगें और सुरक्षित स्थान से शासन चला सकें.
इस शाम दिल्ली में हुआ यह बड़ा फैसला
24 अक्टूबर की शाम को दिल्ली में भारतीय मंत्रिमंडल की रक्षा समिति की एक निर्णायक बैठक हुई. इस बैठक में लॉर्ड माउंटबेटन, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और रक्षा मंत्री बलदेव सिंह शामिल थे. इस बैठक में तय किया गया कि विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर होते ही सेना को तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए. एक सैन्य योजना बनाई गई कि कैसे सेना को हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचाया जाएगा, क्योंकि सड़क मार्ग लगभग कट चुका था. इसके आगे कश्मीर में क्या हुआ, जानने के लिए पढ़ें ऑपरेशन कश्मीर सीरीज की अगली कहानी.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
First Published :
October 24, 2025, 11:34 IST

3 hours ago
