Last Updated:April 01, 2025, 08:10 IST
Mohammad Yunus China Visit: मोहम्मद यूनुस ने चीन यात्रा के दौरान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र कर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने चीन से बांग्लादेश में निवेश की बात की और 2.1 बिलियन डॉलर का वादा हासिल किय...और पढ़ें

बीते सप्ताह यूनुस ने चीन की यात्रा की.
हाइलाइट्स
मोहम्मद यूनुस ने चीन यात्रा में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र किया.चीन ने बांग्लादेश में 2.1 बिलियन डॉलर निवेश का वादा किया.यूनुस के बयान से भारत में बहस छिड़ी, कांग्रेस ने मोदी सरकार से सवाल किए.Mohammad Yunus China Visit: बीते साल अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बने मोहम्मद यूनुस लगातार भारत के खिलाफ कांटे बोने में लगे हुए हैं. वह कभी पाकिस्तान के साथ रास लीला रचाते हैं तो कभी चीन की गोद में बैठकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र करते हैं. अब देखिए न, बीते दिनों यूनुस कटोरा लेकर चीन गए. वहां वह अपने देश के विकास या किसी भी अन्य काम के लिए शी जिनपिंग के सामने हाथ फैलाते तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होती. लेकिन, वहां भी उनको अपनी चाल दिखानी थी. सो, उन्होंने चीन से कहने लगे कि भारत के पूर्वोत्तर के सात राज्यों के पास समंदर नहीं है, इसलिए चीन बांग्लादेश में निवेश कर भारी मुनाफा कमा सकता है. ये कोई बात हुई. अगर आपको चीन की गोद में बैठकर पैसे लाने है तो ले आइए. इसमें भारत का नाम कहां से आ रहा है.
दरअसल, यूनुस ने हाल ही में चीन की चार दिन की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने चीन से कहा कि वह बांग्लादेश में अपनी आर्थिक मौजूदगी बढ़ाए. यूनुस ने यह भी कहा कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य (जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है) समुद्र से कटे हुए हैं और बांग्लादेश इस क्षेत्र में समुद्र तक पहुंच का इकलौता रास्ता है. उनके इस बयान से भारत में बहस छिड़ गई है कि क्या बांग्लादेश अब भारत के खिलाफ चीन के साथ मिलकर रणनीति बना रहा है. कांग्रेस पार्टी ने यूनुस के इस बयान पर मोदी सरकार के सवाल किए हैं. खुद पीएम मोदी के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने भी सवाल उठाए हैं.
भारत ने यूनुस से बयान वापस लेने की मांग की
इस बीच सीएनएन-न्यूज18 को सूत्रों ने बताया कि भारत ने यूनुस से अपना बयान वापस लेने की मांग की है. सूत्रों का कहना है कि यूनुस ने यह बयान चीन के कहने पर दिया था, ताकि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में तनाव पैदा हो.सूत्रों ने आगे बताया कि यूनुस का यह बयान न सिर्फ भारत का अपमान है, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और रास्तों को लेकर हुए समझौतों की भी अनदेखी करता है. उन्होंने कहा कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य देश का अहम हिस्सा हैं. भारत के पास लंबी समुद्री सीमा और कई बड़े बंदरगाह हैं, जो पूरे देश की जरूरतें पूरी करते हैं. पूर्वोत्तर राज्य समुद्र से कटे हुए नहीं हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच कानूनी समझौते हैं, जिनसे ये राज्य जुड़े हुए हैं. भारत का मानना है कि यूनुस का यह बयान गलत है और इसे ठीक किया जाना चाहिए.
चीन के साथ नौ समझौते
यूनुस ने अपनी यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा कि भारत के सात राज्य समुद्र से दूर हैं. हमारे पास समुद्र है, इसलिए हम इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा मौका हैं. चीन हममें निवेश कर सकता है, सामान बना सकता है और व्यापार बढ़ा सकता है. इस बयान को सोशल मीडिया पर एक वीडियो में देखा गया, जिसके बाद भारत में सवाल उठने लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने इस पर सवाल उठाया कि यूनुस ने भारत के राज्यों का जिक्र क्यों किया. उन्होंने कहा कि चीन बांग्लादेश में निवेश करे, इसमें कोई दिक्कत नहीं, लेकिन भारत के सात राज्यों का जिक्र करने का क्या मतलब है?
यूनुस ने चीन को अच्छा दोस्त बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते अब एक नए दौर में प्रवेश करेंगे. उन्होंने यह बात शनिवार को चीन से लौटते वक्त चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ से कही. उनकी यात्रा 26 मार्च को शुरू हुई थी, जिसमें वे बोआओ फोरम फॉर एशिया के सालाना सम्मेलन में शामिल हुए. शनिवार को पेकिंग यूनिवर्सिटी ने उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी और उन्होंने वहां एक व्याख्यान भी दिया.
2.1 बिलियन डॉलर देगा चीन
इस यात्रा में बांग्लादेश ने चीन से 2.1 बिलियन डॉलर (लगभग 17,500 करोड़ रुपये) के निवेश, कर्ज और अनुदान का वादा हासिल किया. दोनों देशों ने तीस्ता नदी के व्यापक प्रबंधन और बहाली परियोजना (टीआरसीएमआरपी) में चीनी कंपनियों को शामिल करने पर भी सहमति जताई. यह परियोजना पहले भारत के साथ चर्चा में थी, लेकिन अब चीन की भागीदारी से भारत की चिंताएं बढ़ सकती हैं.
भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक इसलिए है, क्योंकि उसने बांग्लादेश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाई थी. लेकिन अब बांग्लादेश का चीन की ओर झुकाव और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना एक नई चुनौती बन रहा है. कई जानकारों का मानना है कि यूनुस का यह बयान भारत को परेशान करने की कोशिश हो सकता है. बांग्लादेश ने हाल के दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के साथ भी अपने रिश्ते मजबूत किए हैं. क्या यह भारत को घेरने की रणनीति का हिस्सा है?
First Published :
April 01, 2025, 07:12 IST