Last Updated:August 13, 2025, 14:52 IST
anurag-thakur: बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर घुसपैठियों के वोट बैंक बचाने, चुनावी धांधली और लोकतंत्र को नीचा दिखाने का आरोप लगाया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भारत की नागरिक बनने से पहले ही ...और पढ़ें

नई दिल्ली: वोट चोरी को लेकर इस समय पक्ष और विपक्ष में भूचाल मचा हुआ है. राहुल गांधी के आरोपों के बाद बीजेपी नेता और सांसद अनुराग ठाकुर ने कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दुनिया में अगर किसी नेता के नाम सबसे ज्यादा चुनाव हारने का रिकॉर्ड है तो वो राहुल गांधी के नाम है, करीब 90 बार. उन्होंने सोनिया गांधी को भी आड़े हाथों लेते हुआ कहा, कि भारत की नागरिक होने से पहले ही उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो गया था.
उन्होंने कहा कि राहुल हारने के बाद ये हमेशा EVM और वोटर लिस्ट पर सवाल खड़े करते हैं. कभी कहते हैं EVM हैक हो सकती है, तो कभी VVPAIT की बात करने लगते हैं. बिहार चुनाव में हार दिखी तो फिर से आरोप लगाने शुरू कर दिए. सच कहें तो राहुल गांधी ने ‘बवंडर’ नहीं, बल्कि ‘ब्लंडर’ कर दिया है.
कांग्रेस और चुनावी धांधली का पुराना इतिहास
अनुराग ठाकुर ने बाबा साहेब का जिक्र करते हुए कहा- चुनावी भ्रष्टाचार की शुरुआत कांग्रेस ने CPI के साथ मिलकर बाबा साहेब आंबेडकर को हराकर की थी. कांग्रेस ने चुनावी गड़बड़ी करके बाबा साहेब को हराया. सरदार पटेल के साथ भी कांग्रेस ने अच्छा नहीं किया, वरना आज वो देश के पहले प्रधानमंत्री होते. 1975 का आपातकाल सबको याद है, जब लोकतंत्र पर ही ताला लगा दिया गया था.
इंदिरा, राजीव और अब राहुल का रवैया
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी उन्होंने जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने मतदाताओं को मूर्ख कहा था. राजीव गांधी ने हार के बाद बैलेट पेपर को दोषी ठहराया था. अब राहुल गांधी भी चुनाव हारने के बाद लोकतंत्र को नीचा दिखाने में लगे हैं. डर किस बात का है राहुल जी? सबूत भी नहीं देते और झूठ फैलाते हैं. चुनाव आयोग ने सबूत मांगे, लेकिन नहीं दिए. बिहार में कोई मुद्दा नहीं बचा तो झूठे आरोप लगाकर मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं.
आंकड़े भी झूठे, बातें भी झूठी
राहुल गांधी के आंकड़े भी गलत हैं और दावे भी. महाराष्ट्र में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब वोटर संख्या ज्यादा बढ़ी थी. तब क्या आपने मतदाताओं को नीचा दिखाने का काम नहीं किया था? कांग्रेस में अब लोकतंत्र का नामोनिशान नहीं बचा.
पार्टी में सवाल उठाना मना
कर्नाटक के एक नेता ने सवाल उठाया तो उन्हें नोटिस देने के बजाय सीधा बर्खास्त कर दिया. राहुल गांधी की नजर घुसपैठियों के वोट पर है. NRC आया तो कांग्रेस ने विरोध किया. सवाल ये है कि कांग्रेस घुसपैठियों के वोट बैंक पर राजनीति क्यों करना चाहती है? अगर जनता ने हराया तो अब घुसपैठियों के वोट पर भरोसा क्यों?
फर्जी वोट पर चुप्पी क्यों?
रायबरेली में एक ही घर से 47 वोट बने हुए हैं, लेकिन राहुल गांधी को ये नजर नहीं आता. डायमंड हार्बर में एक शख्स के बाप का नाम ही बदल गया. वहां क्या हो रहा है, अभिषेक बनर्जी को पता नहीं? कांग्रेस का एक ही एजेंडा है- घुसपैठियों के वोट बचाना. राहुल ने सीट छोड़ी तो प्रियंका को मौका दिया. अब सवाल ये है कि क्या राहुल और प्रियंका अपनी सीटें छोड़ेंगे?
‘चोर मचाए शोर’ का खेल
एक ही घर में 52 वोटर ID… राहुल जी, क्या इसी वजह से अमेठी छोड़कर वायनाड चले गए? अखिलेश यादव के यहां 2,91,798 संदिग्ध वोट हैं और वो 1,70,922 वोट से जीते हैं. क्या वो इस्तीफा देंगे? डिंपल यादव के क्षेत्र में भी यही हाल है. मामला साफ है—‘चोर मचाए शोर’.
जिम्मेदारी कौन लेगा?
सवाल ये है कि फर्जी वोट बनने ही क्यों दिए गए? क्या ये लोग इस्तीफा देंगे? राहुल गांधी को चाहिए कि बिहार चुनाव से पहले खुद का आत्मनिरीक्षण करें, एजेंडा तय करें और जनता को गाली देना बंद करें.
विपक्ष की ‘120 साल की मतदाता’
कन्नौज में 120 साल की रोजी बेगम वोटर लिस्ट में दर्ज हैं. क्या अखिलेश इस्तीफा देंगे? स्टालिन के यहां भी फर्जी वोटर मिले. एक रफीउल्ला नाम के व्यक्ति के तीन-तीन वोट बने हुए हैं. यही हाल देखकर लगता है—‘चोर मचाए शोर’.
60 साल सत्ता और अब सिस्टम पर सवाल
राहुल गांधी को प्रोपेगेंडा फैलाने के बजाय याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने 60 साल राज किया और अब उसी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. ममता बनर्जी कई साल से सत्ता में हैं. कांग्रेस सिर्फ वोट चोरी ही नहीं, चुनाव आयोग पर भी कब्जा करने का काम करती रही है.
बीजेपी का रुख और विपक्ष की चुप्पी
हमारा लोकतंत्र पर विश्वास है, और पीएम मोदी के नेतृत्व में हम जीतते आए हैं. बीजेपी ने विकास और सुधार पर काम किया है. अब जब चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है, तो कांग्रेस को दिक्कत क्यों है? इंदिरा से लेकर सोनिया तक, कई चुनाव आयुक्त कांग्रेस में आकर मंत्री और गवर्नर बने. 13 दिन पहले ड्राफ्ट वोटर लिस्ट दी गई थी, लेकिन विपक्ष ने अब तक आपत्ति नहीं दी. बीजेपी साफ कहती है—घुसपैठियों को वोट न देने दिया जाए. सवाल है कि विपक्ष शिकायत दर्ज करवाने क्यों नहीं जाता?
‘EVM खराब’ से लेकर ‘मतदाता खराब’ तक
दादी ने कहा था—मतदाता खराब है. पिता ने कहा—बैलेट पेपर खराब है. अब राहुल गांधी कह रहे हैं—EVM खराब है. अब तो परिवार को तय करना चाहिए कि आखिर खराब क्या है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 13, 2025, 14:48 IST