Last Updated:August 13, 2025, 19:13 IST
Bihar Chunav and Social Media: बिहार चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर एनडीए और महागठबंधन के बीच जोरदार बहस हो रही है. नीतीश कुमार की योजनाएं चर्चा में हैं, जबकि विपक्ष वोटर लिस्ट पर चुनाव आयोग को घेर रहा है.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के आगाज से पहले सोशल मीडिया पर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं. एक्स, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एनडीए और महागठबंधन के समर्थकों में जोरदार बहस हो रही है. चुनाव बेशक नवंबर में होंगे, लेकिन डिजिटल जंग अभी से रोचक है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन सब के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मुफ्त स्कीम, शिक्षक भर्ती का ऐलान, डोमिसाइल वाले मुद्दों पर लोग खूब प्रतिक्रया दे रहे हैं. बीते 15 दिनों में अचानक से सीएम नीतीश कुमार का ग्राफ सोशल मीडिया पर बढ़ने लगा है. नीतीश कुमार की हालिया योजनाएं जैसे बुजुर्ग पेंशन बढ़ोतरी और 125 यूनिट मुफ्त बिजली को लेकर सकारात्मक चर्चा हो रही है. वहीं, महागठबंधन आरजेडी-कांग्रेस-वाम वोटर लिस्ट संशोधन एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर हमलावर है, इसे ‘वोट चोरी’ बताकर सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं.
विश्लेषकों का मानना है कि हाल के दिनों में एनडीए की रणनीतिक योजनाएं आगे रह रही हैं, जबकि विपक्ष एंटी-इनकंबेंसी और आंतरिक सर्वे की हार की आशंका से पिछड़ रहा है. सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर नजर डालें तो एक्स पर हैशटैग्स के तहत एनडीए के पक्ष में ज्यादा पोस्ट्स हैं. एक यूजर की हालिया अपडेट में 3160 वोटर्स के सर्वे का हवाला देकर एनडीए को 47.06% वोट और 54 सीटों की बढ़त बताई गई है, जबकि महागठबंधन को 34.79%. जन सुराज पार्टी को वोट कटवा बताते हुए एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की, क्योंकि पीके (प्रशांत किशोर) युवा वोट काट रही है, जो पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव के साथ था.
सोशल मीडिया पर कौन किस पर भारी
इसी तरह कुछ यूजर सीवोटर सर्वे का जिक्र कर बीजेपी को अकेले 30% वोट शेयर पर बताया, जो ऐतिहासिक है. एनडीए के पक्ष में नीतीश की ‘राहत योजनाएं’ ट्रेंड कर रही हैं, जैसे मुफ्त बिजली और पेंशन, जो बुजुर्गों और ग्रामीणों को लुभा रही हैं. कई यूट्यूबर की लाइव चर्चा में एनडीए की स्कीम्स को ‘बारिश’ बताते हुए विपक्ष को ‘रोना’ कहा गया.
क्या महागठबंधन पिछड़ रहा है?
कांग्रेस और आरजेडी दावा कर रहे हैं कि एसआईआर में 65 लाख वोटर्स के नाम कटे, जो उनके बेस (मुस्लिम-यादव-दलित) से हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर एक यूजर ने इसे ‘रिगिंग’ बताया और दावा किया कि 95% चुनाव पहले ही फिक्स है.एक यूजर ने सुप्रीम कोर्ट में योगेंद्र यादव के केस का जिक्र कर ‘मृत’ बताए गए जिंदा वोटर्स को दिखाया. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पदयात्रा प्लान कर रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर यह ‘नाटक’ के रूप में ट्रोल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर कौन माना हार?
बीजेपी प्रवक्ता ने आरजेडी के आंतरिक सर्वे का हवाला देकर कहा कि विपक्ष हार मान चुका है, इसलिए ईसीआई पर हमला कर रहा है. कांग्रेस का वोट शेयर 9% से नीचे, जबकि आरजेडी परिवारवाद और जंगलराज की छवि से जूझ रही है. जन सुराज 5.4% वोट काटकर महागठबंधन को नुकसान पहुंचा रही है. नीतीश ने योजनाओं की ‘बारिश’ की, जिस पर एक यूजर ने कहा कि इससे एंटी-इनकंबेंसी कम हो रही है.
कुलमिलाकर वेब सर्च से पता चलता कि सोशल मीडिया में इंफ्लुएंसर कैंपेन एनडीए को फायदा दे रहे हैं, जहां एआई टूल्स वोटर सेंटिमेंट एनालिसिस कर रहे हैं. लीडटेक रिपोर्ट में कहा गया कि एनडीए की डिजिटल स्ट्रैटजी मजबूत है, जबकि विपक्ष विवादों में फंसा. ओपिनियन पोल्स में एनडीए 41-54 सीटों पर आगे, इंडी 28-34 पर बताया गया है. कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर एनडीए का दबदबा योजनाओं और सर्वे से है, जबकि विपक्ष विवाद और आंतरिक कमजोरी से पिछड़ रहा.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
August 13, 2025, 19:11 IST