स्‍टील 5 साल में सबसे सस्‍ता, आम आदमी को इससे क्‍या मिलेगा फायदा

2 hours ago

Last Updated:October 24, 2025, 12:01 IST

Steel Import in India : देश के स्‍टील कारोबार के लिए बड़े बदलाव का समय है. घरेलू स्‍टील की कीमतें 5 साल में सबसे सस्‍ती हो चुकी हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह बढ़ते आयात को बताया जा रहा है.

स्‍टील 5 साल में सबसे सस्‍ता, आम आदमी को इससे क्‍या मिलेगा फायदादेश में आयात की वजह से स्‍टील के दाम 5 साल के निचले स्‍तर पर आ गए हैं.

नई दिल्‍ली. घरेलू इस्पात यानी स्‍टील की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर आ गई हैं और 47,000-48,000 रुपये प्रति टन के दायरे में कारोबार कर रही हैं. बढ़ते आयात सहित कई कारकों से कीमतों में गिरावट दिख रही है. परामर्श सेवाएं देने वाली बिगमिंट के बाजार आंकड़ों के अनुसार, थोक बाजार में हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतें 47,150 रुपये प्रति टन के आसपास जबकि री-बार (टीएमटी) की कीमतें 46,500-47,000 रुपये प्रति टन के दायरे में हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछली बार साल 2020 में इसकी कीमतें इस स्तर पर आईं थीं, जब वैश्विक महामारी की मंदी के बीच एचआरसी 46,000 रुपये प्रति टन के स्तर पर और री-बार 45,000 रुपये प्रति टन पर कारोबार कर रहा था. मौजूदा गिरावट मुख्यतः कमजोर निर्यात मांग, बढ़ते आयात और वैश्विक बाजार में जरूरत से अधिक आपूर्ति के कारण है. चीन जैसे देशों से निर्यात में आक्रामक बढ़ोतरी के दबाव में भारत के इस्पात निर्यात में तेजी से गिरावट आई है जबकि सरकार द्वारा कई उपाय किए जाने के बावजूद आयात अब भी जारी है.

रिजर्व बैंक ने पहले ही दी थी चेतावनी
स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस्पात मंत्रालय ने 27 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में उद्योग के हितधारकों के साथ इस्पात आयात से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक ‘ओपन हाउस’ बुलाने का आह्वान किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी ध्यान दिया है कि इस्पात आयात में वृद्धि देखी गई है जिसका मुख्य कारण आयात कीमतें कम होना है. इसने घरेलू इस्पात उत्पादन की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत समर्थन का भी आह्वान किया है.

कितना रहा भारत का आयात
भारत ने सितंबर 2025 में 7.9 लाख टन (एमटी) तैयार इस्पात का आयात किया जो अगस्त के 6.9 लाख टन से अधिक था. इस प्रकार यह देश का लगातार छठा शुद्ध इस्पात आयातक महीना रहा. देश में मुख्‍य रूप से कोरिया, रूस और इंडोनेशिया से आयात में वृद्धि हुई जबकि चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैंड और ताइवान के आयात में सितंबर 2024 की तुलना में गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के दौरान भारत शुद्ध आयातक बना रहा और आयात, निर्यात से 4.7 लाख टन अधिक रहा. यह निर्यात मात्रा में 40 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद 44.3 लाख टन रहा.

किसे फायदा किसे नुकसान
घरेलू स्‍टील की कीमतों में गिरावट से आम आदमी को फायदा मिल सकता है. खासकर मकान बनाने और वाहनों के निर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले स्टील के सस्‍ते होने से उपभोक्‍ताओं को फायदा मिलेगा. हालांकि, इससे स्‍टील इंडस्‍ट्री को नुकसान उठाना पड़ सकता है. घरेलू बाजार में कीमतें कम होने से उत्‍पादकों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. निर्यात के मोर्चे पर भी कमी आई है, जिससे उनकी कमाई पर असर पड़ेगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 24, 2025, 12:01 IST

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