स्तन कैंसर होने के क्या कारण हैं? जानिए भारत में कौन से फैक्टर ज्यादा रिस्की

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Last Updated:December 27, 2025, 21:38 IST

Breast Cancer: दुनिया भर में कैंसर के मामले बहुत बढ़ रहे हैं. भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी के मुताबिक, मांसाहार, कम नींद और मोटापा ये ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाले फैक्टर हैं. इसमें हर साल करीब 5.6% बढ़ोतरी हो सकती है. इससे हर साल लगभग पचास हजार नए मरीज बढ़ रहे हैं.

स्तन कैंसर होने के क्या कारण हैं? जानिए भारत में कौन से फैक्टर ज्यादा रिस्कीजानिए, स्तन कैंसर के कारण क्या हैं? (AI)

Breast Cancer Factor: दुनिया भर में कैंसर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी के मुताबिक, मांसाहार, कम नींद और मोटापा ये ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाले फैक्टर हैं. इसमें हर साल करीब 5.6% बढ़ोतरी हो सकती है. इससे हर साल लगभग पचास हजार नए मरीज बढ़ रहे हैं. अब सवाल है कि आखिर, भारतीय महिलाओं में कौन सी वजहें ब्रेस्ट कैंसर रिस्क बढ़ती हैं? आइए जानते हैं इस पर होने वाली स्टडी-

ब्रेस्ट कैंसर रिस्क बढ़ाने वाले फैक्टर

प्रजनन की उम्र, हार्मोनल बदलाव और परिवार में कैंसर का इतिहास ये तीन वजहें भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाती हैं. बेंगलुरु के ICMR के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की स्टडी में ये बातें सामने आई हैं.

23 लाख नए मरीज सामने आए

2022 में, दुनिया भर की महिलाओं में करीब 23 लाख नए मरीज सामने आए. ब्रेस्ट कैंसर से करीब 6,70,000 मरीजों की मौत हुई. भारत में करीब 2,21,757 मरीजों की पहचान हुई.

किन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर रिस्क अधिक

शादी की उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता गया. साथ ही, दो से ज्यादा बार गर्भपात करने वाली महिलाओं को गर्भपात न करने वाली महिलाओं के मुकाबले 1.68 गुना ज्यादा रिस्क था. ज्यादातर स्टडी में, ब्रेस्टफीडिंग की अवधि और ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क में कोई खास संबंध नहीं मिला और ओरल गर्भनिरोधक के इस्तेमाल का भी कोई बड़ा असर नहीं दिखा.

ब्रेस्ट कैंसर के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

स्तन या बगल में नई गांठ महसूस होना. स्तन के किसी भी हिस्से में सूजन या मोटा होना. स्तन की त्वचा पर सूजन या गड्ढे पड़ना. निप्पल या उसके आसपास की त्वचा लाल होना या छिल जाना. निप्पल अंदर की तरफ धंसना या उसके आसपास दर्द होना. निप्पल से खून के साथ दूध के अलावा कोई और तरल आना. स्तन के आकार में कोई बदलाव दिखना. स्तन के किसी भी हिस्से में दर्द होना. अगर ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें.

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Lalit Kumar

ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क...और पढ़ें

First Published :

December 27, 2025, 21:38 IST

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