'हमें भी डर था, लेकिन कोई नहीं आया', एसआईआर पर CJI ने पूछ ल‍िया सबसे बड़ा सवाल

2 hours ago

Last Updated:November 27, 2025, 15:49 IST

Supreme Court SIR Hearing Latest Updates: एसआईआर पर सवाल उठाने वालों पर सुप्रीम कोर्ट ने ही सवाल उठा द‍िए हैं. बिहार का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा, बिहार में हमने अजीब बात देखी, लाखों लोगों के वोट कटने के दावे क‍िए गए, लेकिन एक आदमी ने भी इसे चुनौती नहीं दी. ये नहीं कहा क‍ि उसका वोट गलत तरीके से कट गया है.

'हमें भी डर था, लेकिन कोई नहीं आया', एसआईआर पर CJI ने पूछ ल‍िया सबसे बड़ा सवालएसआईआर पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबसे बड़ा सवाल उठाया.

देशभर में कराना सही या गलत, इस पर सुनवाई चल रही थी. विपक्ष की ओर से कप‍िल सिब्‍बल समेत कई सीनियर वकील दलीलें पेश कर रहे थे. दावे कर रहे थे क‍ि लाखों लोगों के नाम बाहर क‍िए जा रहे हैं. एक साज‍िश के तहत खास लोगों के नाम काटे जा रहे हैं. लेकिन तभी चीफ जस्‍ट‍िस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने ऐसा सवाल पूछ द‍िया क‍ि सिब्‍बल को जवाब देते नहीं बना. सीजेआई ने कहा, बिहार में दावे क‍िए गए थे क‍ि लाखों लोगों के नाम काटे जा रहे हैं. हम भी डर गए थे क‍ि कहीं सच में तो ऐसा नहीं हो रहा. इसलिए हमने पैरालीगल वॉलंटियर्स भेजे, लेकिन वहां तो एक भी आदमी नहीं आया. क‍िसी ने नहीं कहा क‍ि उसका नाम गलती से काट द‍िया गया है. मतलब ज‍िन लोगों के नाम काटे गए, उनकी या तो मौत हो गई थी, या माइग्रेट करने चले गए थे या फ‍िर डुप्‍लीकेट वोटर्स थे. इससे हमने अनुमान लगाया क‍ि बिहार में काम सही तरीके से क‍िया गया.

बेंच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और विपक्ष के तमाम नेताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर के ख‍िलाफ याच‍िका दाख‍िल की गई है. इसमें एसआईआर की पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल उठाए गए हैं. खास बात, यह सुनवाई क‍िसी राज्‍य में एसआईआर कराने या रोकने को लेकर नहीं है. इसमें एसआईआर से जुड़े बड़े कानूनी सवालों पर बहस हो रही है. आरजेडी सांसद मनोज झा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कप‍िल सिब्‍बल, प्रशांत भूषण ने तमाम दलीलें दीं, लेकिन सीजेआई के जवाब ने उनके सवालों पर ही सवाल उठा द‍िए.

सीजेआई ने कहा, हमने बिहार में एक अजीब चीज देखी. हम निर्देश देते रहे, अपने पैरालीगल वॉलंटियर्स को भेजा…कोई भी यह कहने के लिए आगे नहीं आया कि मुझे बाहर कर दिया गया.

सीजेआई ने पूछा, शुरू में बिहार के बारे में यह इंप्रेशन दिया गया कि लाखों लोगों के नाम हटाए जाने वाले हैं… हमें भी डर था…आखिरकार क्या हुआ?

जस्टिस बागची ने भी यही सवाल पूछा, तमाम दावों के बाद भी नाम हटाए गए, लेकिन हमें जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं मिला और किसी एक वोटर ने कोई चुनौती नहीं दी. रिपोर्टिंग से साफ लगा क‍ि दूर दराज के लोगों को भी इसके बारे में पता था.

SIR की प्रक्रिया पर…

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा, आप तो कहते थे क‍ि लोगों को इसके प्रॉसेस के बारे में पता ही नहीं है, लेकिन बड़े पैमाने पर मीडि‍या रिपोर्टिंग से पक्‍का हुआ क‍ि दूर दराज के लोगों को भी इस प्रॉसेस के बारे में पूरी जानकारी थी. सीजेआई ने पूछा, क्या कोई उस प्रोसेस के बारे में कह सकता है कि मुझे पता नहीं था?

सिब्‍बल के सवाल

इससे पहले कप‍िल सिब्बल ने शुरुआत में ही कहा क‍ि एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट जो फैसला करेगा, वह भारत में लोकतंत्र की क‍िस्‍मत तय करेगा. उन्‍होंने यहां तक कहा क‍ि आजादी के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ. चुनावी एडमिन‍िस्‍ट्रेशन में कोई भी एक्सक्लूजनरी एक्सरसाइज अनकॉन्स्टिट्यूशनल मानी जाती थी, क्‍योंक‍ि हमारे डेमोक्रेटिक फ्रेमवर्क का मकसद इनक्लूजन को बढ़ाना यानी जोड़ना था. उन्‍होंने ये भी कहा कि देश में ऐसे लाखों वोटर हैं, खासकर अनपढ़ या गांव के रहने वाले, जो फॉर्म नहीं भर पाएंगे और गलत तरीके से उनके नाम कटने का खतरा रहेगा. बूथ लेवल ऑफ‍िसर नागर‍िकता पर शक करेगा और डॉक्‍यूमेंट चेक करके तय कर देगा, यह उसके बस की बात नहीं.

Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

November 27, 2025, 15:49 IST

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