कैथल. हरियाणा के कैथल जिले में मनरेगा के तहत वो लोग भी दिहाड़ी लगा रहे हैं जो विदेश में नौकरी कर रहे हैं. यहां पर लाखों रुपये का मनरेगा घोटाला सामने आया है. विदेश में गए लोगों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए और फिर उनकी हाजिरी लगाकर पैसे निकलवा लिए गए.
जिन लोगों को मनरेगा में रोजगार दिया गया है, असल में वे लोग गांव में रहते ही नहीं है और कई साल से जर्मन, इटली, फ्रांस और अन्य देशों में चले गए हैं.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ऐसे एक दो नहीं, बल्कि 20 से 22 लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बना सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया गया है. इस घोटाले में मनरेगा मेट और अधिकारियों तक की मिलीभक्त सामने आ रही है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसने शिकायत कई महीने पहले की थी और आज तक भी इस पर कार्रवाई नहीं हुई.
शिकायकर्ता अमरीक सिंह ने बताया कि वह गांव ककराला अनायत के रहने वाले हैं.यहां पर गरीब व्यक्तियों को मनरेगा के तहत काम नहीं जा रहा है. गांव के करीब 22 लोग जर्मनी, इटली, पुर्तगाल, मलेशिया और फ्रांस सहित अन्य देशों में हैं, उनके नाम के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर उन्हें मनरेगा मजदूर दिखाया गया है.
शख्स ने क्या क्या आरोप लगाए हैं?
शिकायतकर्ता का आरोप है कि उनके गांव में जो असल में काम कर रहे हैं, उनकी संख्या 40 के करीब है, जबकि गांव में 328 व्यक्तियों के जॉब कार्ड बने हैं. यह काम 2022 से चला रहा हैं. जो लोग इस देश में भी नहीं उन लोगों के बैंक खाते में पैसे आ रहे हैं, जो संबंधित मेट है, वो उन्हें एक हजार रुपए देता है, बाकी खुद मेट और अधिकारी गबन कर रहे हैं. अमरिक सिंह ने कहा कि इसकी शिकायत जुलाई महीने में डीसी और सीएम विंडो पर की थी, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने मांग की है कि जिन्होंने गलत जॉब कार्ड बनवाकर इस घोटाले की अंजाम दिया है, उनसे रिकवरी करवाई जाए तथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए.
जांच करते हुए रिपोर्ट लेंगे-महिला अफसर
पूरे मामले को लेकर जिला परिषद की डिप्टी सीईओ रीतू लाठर ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में अभी आया है, वह इस बारे में संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे. यदि शिकायत में लगाए गए आरोप सही पाए गए तो उचित कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 11:25 IST