नई दिल्ली. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के एग्जिट पोल के नतीजों से आम आदमी पार्टी काफी उत्साहित नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी के नेता खासकर अरविंद केजरीवाल काफी खुश नजर आ रहे हैं. केजरीवाल इतने उत्साह में आ गए हैं कि जनता के बीच हाथ मिलाते ही पूछते हैं कि कल टीवी देखा? भाषण शुरू करने के साथ ही लोगों से पूछते हैं कि कल टीवी देखा? जनता की तरफ से जवाब आता है हां देखा, तो केजरीवाल कहते हैं, ‘हां मैंने भी देखी. बीजेपी का डबल इंजन अब हर जगह फेल हो रहा है. हरियाणा में भी फेल, जम्मू- कश्मीर में भी फेल, झारखंड और महाराष्ट्र में भी फेल होगा और दिल्ली में तो…’ यानी अरविंद केजरीवाल की खुद की पार्टी की हरियाणा में डब्बो गोल हो गया फिर क्यों खुश हैं?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि हरियाणा में कांग्रेस की जीत के बाद अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के सभी नेताओं के चेहरे पर रौनक लौट आई है. इसके राजनीतिक मायने भी हैं. क्योंकि, दिल्ली में इस साल के आखिर में या फिर मार्च 2025 तक चुनाव होने वाले हैं. हरियाणा के चुनाव परिणाम दिल्ली को इसलिए बाधित कर सकता है कि क्योंकि एक तो यह हरियाणा सट हुआ है. दूसरा, हरियाणा की तरह दिल्ली में जाट और दलित वोटरों की अच्छी खासी आबादी है. इसके बारे में कहा जाता है कि जाट और दलित का एक बड़ा तबका हरियाणा में बीजेपी से छिटकता जा रहा है.
केजरी पॉलिटिक्स का नया अवतार
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल से निकलने के बाद लगातार अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते नजर आए. शुरुआत में ये खबर आई कि राहुल गांधी चाहते हैं कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े ताकि मध्य प्रदेश वाली स्थिति से बचा जाए. लेकिन, दोनों में बात नहीं बन पाई. कहा जा रहा है कि आम आदमी 5-7 सीट पर तैयार नहीं थी. आप की मांग थी कम से कम 12-15 सीटों पर चुनाव लड़ने की.
बीजेपी हारी इसकी ज्यादा खुशी-केजरीवाल
अगर चुनाव परिणाम एक्जिट पोल के हिसाब से आते हैं तो आम आदमी पार्टी के कम से कम 60-70 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो सकती है. क्योंकि इस बार सीधा मुकाबला बीजेपी औऱ कांग्रेस के बीच हुई है. जो भी दलें इसके आलावा चुनाव लड़ी है, वह वोट कटवा साबित हुई हैं. आम आदमी पार्टी इस बार हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ी थी. पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि. साल 2019 में पार्टी ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन एक भी सीट हासिल कर नहीं सकी.
जनता की अदालत में केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी दिल्ली में जनता की अदालत लगा रही है. इस अदालत में न केवल केजरीवाल, सिसोदिया, सीएम आतिशी बल्कि सभी विधायक और पार्ष जनता से इंसाफ मांग रहे हैं. केजरीवाल अपना ‘शीशमहल’ खाली कर फिर से भीख मांग रहे हैं, नेताओं के पैर पकड़ रहे हैं, वो सारी गतिविधि में भाग ले रहे हैं, जो उन्होंने 10 साल पहले शुरू किया था.
सबसे बड़ा बदलाव केजरीवाल में आया है. फिर से पैंट, शर्ट और चप्पल में दिखने लगे हैं. हां, जनता अभी मफलर में नहीं देख रही है, जो 10 साल पहले देखा करती थी. हां, अगर अक्टूबर महीने की शुरुआत हो गई है हो सकता है नवंबर महीने में केजरीवाल के चेहरे पर मफलर भी दिखने लगे. कुलमिलाकर अरविंद केजरीवाल सीएम की कुर्सी का त्याग कर एक बार फिर से जनता के मन मंदिर में बैठने के लिए व्याकूल हैं. ऐसे में देखना है कि आने वाले दिनों में बीजेपी और कांग्रेस के आरोपों को झेलते हुए जनता के दिल दिमग पर कैसे फिर से राज करें.
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FIRST PUBLISHED :
October 7, 2024, 17:59 IST