German dictator Adolf Hitler: जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक डीएनए एनलिसिस के मुताबिक जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर का प्राइवेट पार्ट बेहद छोटा था शायद इसलिए वो संभवतः सिज़ोफ्रेनिया या ऑटिज्म से पीड़ित था. एक डॉक्यूमेंट्री में बहुत जल्द ऐसे खुलासे हो रहे हैं जिसमें उसकी जिंदगी के तमाम राज खुलकर सामने आ रहे हैं. खून से सने सोफे के कपड़े से निकाले गए डीएनए के एनलिसिस को लेकर ये दावा किया जा रहा है.
'राजनीति में इतनी गहराई में उतरा और तानाशाह बन गया'
जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर एक जेनेटिकल विकार यानी आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित था. इस वजह से उसके प्राइवेट पार्ट का विकास प्रभावित हुआ. जिसके चलते उसे यौन संबंध बनाने में कठिनाई हुई. यह बात चैनल 4 की डॉक्यूमेंट्री 'हिटलर्स डीएनए: ब्लूप्रिंट ऑफ़ अ डिक्टेटर' में उजागर होगी, जिसे पिछले महीने ही कमीशन किया गया था.
कल्मन सिंड्रोम
उसके डीएनए एनलिसिस से पता चलता है कि उसे कल्मन सिंड्रोम था, जिसका अर्थ है कि हिटलर का यौवन अपूर्ण था. उसका यौन जीवन असामान्य होने और संभवतः उसका प्राइवेट पार्ट एकदम छोटा होने के चलते वो मनोविकार से पीड़ित था. एनलिसिस से यह भी पता चलता है कि हिटलर एक या एक से अधिक न्यूरोडाइवर्स यानी मेंटल सस्याओं से पीड़ित था. यह विश्लेषण इस थ्योरी को भी खारिज करता है कि वो यहूदी वंश का था.
कैसे हुई सैंपलिंग
हिटलर का डीएनए प्रोफाइल एक सोफे के कपड़े से बनाया गया था, जिस पर 1945 में हिटलर द्वारा आत्महत्या करने के बाद उसके खून के धब्बे लगे थे. प्रमुख आनुवंशिकीविद्, प्रोफेसर टूरी किंग ने डॉक्यूमेंट्री निर्माताओं को बताया कि अगर हिटलर अपने आनुवंशिक परिणामों को देखता, तो लगभग निश्चित रूप से उसने खुद को गैस चैंबर में भेज दिया होता. इस डॉक्यूमेंट्री का प्रीमियर वीकेंड यानी शनिवार रात यूनाइटेड किंगडम में होगा. इससे जुड़ी खास रिपोर्ट अभी लंदन के 'द टाइम्स' में प्रकाशित हुई. जिसमें उसकी निजी जिंदगी को लेकर कई दावे किए गए हैं.

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