हिमाचल प्रदेश में IIT मंडी का कमाल, ऑपरेशन सिंदूर में भजे थे 10 ड्रोन

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Last Updated:November 14, 2025, 07:37 IST

Himachal News: आईआईटी मंडी के 13वें दीक्षांत समारोह में निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने दी जानकारी, 13वें दीक्षांत समारोह में 604 विद्यार्थियों को बांटी उपाधियां, जिनमें 69 पीएच.डी. के शोधार्थी, प्रो. शेखर सी. मांडे, पूर्व महानिदेशक, वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रहे शामिल, मांडे ने विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए सभी से योगदान का किया आग्रह

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मंडी.  हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कटौला में स्थित आईआईटी ने अपने 16 वर्षों की यात्रा के दौरान कई उपलब्धियों हासिल की हैं. संस्थान की ड्रोन टेक्नोलॉजी लैब प्रौद्योगिकी के दौर में नित नए आयाम छू रही है, यही कारण है जब भारतीय सेना द्वारा इसी वर्ष मई 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ चलाये गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन की आवश्यकता आन पड़ी तो आईआईटी मंडी ने भी इस ऑपरेशन के लिए यहां से 16 ड्रोन भेजे.

गुरुवार को यह जानकारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने संस्थान के 13वें दीक्षांत समारोह के उपरांत मीडिया से बातचीत के दौरान दी. उन्होंने कहा कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए आईआईटी मंडी व ड्रोन टेक्नोलॉजी लैब डीआरडीओ मिलकर कार्य कर रहे हैं. इस मौक़े समारोह मुख्य अतिथि प्रोफेसर शेखर मांडे महानिदेशक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने कहा कि देश आज विकसित भारत का सपना लेकर आगे बढ़ रहा है और ऐसे में सभी को इस सपने को साकार करने अहम भूमिका निभाई चाहिए.

उन्होंने आईआईटी मंडी और अध्यनरत विद्यार्थियों से विकसित भारत में अपना योगदान देने का भी आह्वान किया. इस दीक्षांत समारोह में प्रो. शेखर सी. मांडे, पूर्व महानिदेशक, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे. वहीं समारोह में डॉ. जगन्नाथ नायक, निदेशक, सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज़ (चेस), डीआरडीओ, और प्रो. बुदराजू श्रीनिवास मूर्ति, निदेशक, आईआईटी हैदराबाद विशिष्ट अतिथि के रूप में मोजूद रहे.

छात्रों को मिली उपाधि

समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के कुल 604 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गई. जिनमें 292 स्नातक, 241 स्नातकोत्तर और 71 पीएच.डी. के शोधार्थी शामिल रहे. इसके अतिरिक्त, अकादमिक उत्कृष्टता, शोध, नवाचार और नेतृत्व में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पदक और पुरस्कार भी प्रदान किए गए. निदेशक बेहरा ने कहा कि आईआईटी मंडी की ओर शुरू किया गया अर्ली वार्निंग सिस्टम बेहतर काम कर रहा है. इससे न केवल भूस्खलन की जानकारी मिल रही है, वहीं अब भूकंप की भी अर्ली जानकारी उनका यह सिस्टम प्रदान करेगा.

20 करोड़ रुपये का अनुदान मिला

संस्थान के आपदा प्रबंधन और जलवायु नियंत्रण केंद्र को टाटा ट्रस्ट की और से हिमाचल में लैंडस्लाइड व भूकंप की घटनाओं पर शोध कार्य करने के लिए 20 करोड़ का अनुदान भी मिला है और जिसे भूकंप रोधी भवनों, पुलों और आपदा प्रबंधन सहित अन्य शोध पर खर्च किया जाएगा. उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 13वां दीक्षांत समारोह उन सभी विद्यार्थियों के गौरव का क्षण है, जो आज अपनी डिग्रियां प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने छात्रों को इन उपाधियों के लिए जहां सभी को शुभकामनाएं दी और उज्वल भविष्य की भी कामना की. इस वर्ष का समारोह विशेष रूप से तीन नई शैक्षणिक पहलों बी.टेक-एम.टेक ड्यूल डिग्री, बी.टेक विथ सेकंड मेजर और बी.टेक विथ स्पेशलाइज़ेशन के पहले बैच के स्नातकों के दीक्षांत से भी ऐतिहासिक रहा.

Vinod Kumar Katwal

Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें

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Location :

Mandi,Mandi,Himachal Pradesh

First Published :

November 14, 2025, 07:37 IST

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