11A सीट का करिश्मा... प्लेन क्रैश में जिंदा बच चुका है एक और शख्स, बताई कहानी

14 hours ago

Last Updated:June 14, 2025, 14:37 IST

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश में 274 लोगों की मौत हुई, जिसमें 229 यात्री, 12 क्रू मेंबर और 33 स्थानीय लोग शामिल थे. केवल विश्वकुमार जीवित बचे, जो सीट 11A पर बैठे थे.

11A सीट का करिश्मा... प्लेन क्रैश में जिंदा बच चुका है एक और शख्स, बताई कहानी

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में केवल एक यात्री जीवत बचा है, जो सीट 11A पर बैठा था.

हाइलाइट्स

विश्वकुमार अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जीवित बचे.रुआंगसाक 1998 के प्लेन क्रैश में सीट 11A पर थे.दोनों हादसों में सीट 11A पर बैठे व्यक्ति जीवित बचे.

अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लेन क्रैश में देशभर को झकझोर कर रखा दिया है. इस विमान हादसे में 274 लोगों की मौत हो गई, जिनमें विमान में सवार 229 यात्री, 12 क्रू मेंबर के अलावा 33 स्थानीय लोग और मेडिकल कॉलेज के छात्र भी शामिल हैं. इस हादसे में केवल एक यात्री विश्वकुमार जीवित बचा है. विश्वकुमार को आग की लपटों के बीच से जिंदा बच निकलता देख सभी लोग हैरान थे कि आखिर इस भयानक प्लेन क्रैश से बच कैसे गया?

इस बीच थाईलैंड के एक गायक रुआंगसाक लॉयचुसाक का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है. उन्होंने खुलासा किया है कि वह 1998 में हुए एक भीषण विमान हादसे में जीवित बचे थे, जिसमें 101 लोगों की जान चली गई थी. हैरानी की बात यह है कि उस हादसे वाले प्लेन में वह भी सीट नंबर 11A पर ही बैठे थे. यह वही सीट नंबर है, जिसपर विश्वकुमार भी बैठे हुए थे.

47 वर्षीय रुआंगसाक ने कहा, ‘भारत में हुए विमान हादसे का इकलौता बचा व्यक्ति मेरी ही सीट नंबर 11A पर बैठा था. मैं इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं.’

रुआंगसाक उस समय थाई एयरवेज की फ्लाइट टीजी261 में सवार थे, जो बैंकॉक से सूरत थानी जा रही थी. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लैंडिंग के दौरान विमान दलदल में जा गिरा, जिसमें 132 यात्रियों और 14 चालक दल के सदस्यों में से 101 लोगों की मौत हो गई, जबकि 45 अन्य घायल हुए थे.

आज भी याद है आघात

अपनी ‘दूसरी जिंदगी’ का जिक्र करते हुए उन्होंने उस हादसे के बाद के आघात को याद किया. उन्होंने कहा, ‘हादसे के बाद 10 साल तक मुझे उड़ान भरने में दिक्कत हुई. मुझे सांस लेने में तकलीफ होती थी, भले ही हवा का संचार सामान्य था. मैं किसी से बात करने से बचता था और हमेशा खिड़की के बाहर देखता रहता था, किसी को भी इसे बंद करने से रोकता था ताकि मुझे सुरक्षा का अहसास हो. अगर बाहर काले बादल या बारिश दिखती थी, तो मुझे बहुत बुरा लगता था, जैसे मैं नरक में हूं.’

एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में 242 यात्रियों में से इकलौते बचे विश्वकुमार भी सीट नंबर 11A पर बैठे थे. इस हादसे में उन्होंने अपने भाई अजयकुमार को खो दिया, जो सीट नंबर 11J पर थे. विश्वकुमार भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं. उनके भाई अजयकुमार मूल रूप से दीव के रहने वाले थे. वह उन 15 यात्रियों में शामिल थे जो बुखारवाडा और वनकबारा गांवों से थे. दोनों भाई पिछले 15 साल से यूके में रह रहे थे, जहां वे लंदन में एक गारमेंट बिजनेस और दीव में एक मछली पकड़ने का उद्यम चलाते थे.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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