Iran Israel Ceasefire: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक युद्ध चला, दोनों देश एक दूसरे के ऊपर भीषण हमले कर रहे थे. दोनों तरफ से मिसाइल, ड्रोन हमले किए जा रहे थे. इन हमलों ने भीषण तबाही मचाई है. हमलों की वजह से ईरान के एयर डिफेंस को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा था. इसके अलावा उसके परमाणु ठिकानों को भी इजरायल निशाना बना रहा था. हालांकि अब दोनों देशों में सीजफायर हो गया है. युद्ध विराम की घोषणा होने के बाद ट्रंप ने दोनों पक्षों को बधाई दी थी. सीजफायर के बाद अमेरिका, ईरान और इजरायल अपनी- अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
इजरायल का दावा
युद्ध विराम की घोषणा के बाद इजरायल खुद को विनिंग सिचुएशन में देख रहा है. दरअसल, इजरायल ने तेहरान की हवाई सुरक्षा को काफी ज्यादा आघात पहुंचाया है. इसके अलावा परमाणु और सैन्य ठिकानों को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. इजरायल ने ईरान के ब्रिगेडियर जनरल अली शादमानी सहित ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कई प्रमुख लोगों को मौत के घाट उतारा दिया. हमले में ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काज़मी और ब्रिगेडियर जनरल हसन मोहके मारे गए थे.
इस युद्ध में इजरायल को सबसे बड़ा लाभ अमेरिका के शामिल होने से मिला. क्योंकि लंबे समय से अमेरिका ने संघर्ष को ईरान बनाम इजराइल के रूप में पेश करने की कोशिश की थी. बीते दिन अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ईरान के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई एकतरफा थी और अमेरिका इसमें नहीं शामिल है. हालांकि इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को धमकी दी और कहा कि इजरायल और अमेरिका एक है.
ईरान की सिचुएशन
ईरान इजरायल पर लगातार हमला कर रहा था हालांकि अमेरिकी हवाई हमलों ने तेहरान को मुश्किल स्थिति में डाल दिया था. ऐसे में ईरान को खुद को बचाने की चुनौती थी. ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमला करने से पहले एक मैसेज दे दिया था इसमें कतर को अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के लिए कहा था. ईरान जानता था कि अगर उसके हमले में अमेरिकी मारे गए तो इसका बदला अमेरिका के द्वारा जरूर लिया जाएगा लेकिन हमले में ऐसा कुछ नहीं हुआ. अमेरिका को युद्ध में बढ़ता देख ईरान ने पीछे हटने का फैसला किया. हालांकि युद्ध विराम के पहले तक वो हमला करके ये दिखाने की कोशिश कर रहा था कि वो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के सामने खड़ा है.
अमेरिका का दावा
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा करवाकर अमेरिका भी काफी ज्यादा खुश है. युद्ध विराम को अमेरिका अपनी जीत की तरह इसे देख रहा है. हालांकि युद्ध विराम के पहले अमेरिका के बी-2 बमवर्षकों ने ईरान में ताबड़तोड़ हमले किए. जिसकी वजह से ईरान की परमाणु सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट हो गई. हालांकि अमेरिका जानता था कि संघर्ष आगे बढ़ने का रास्ता नहीं है, एक लंबा युद्ध डोनाल्ड ट्रम्प के लिए राजनीतिक रूप से हानिकारक होगा. ऐसे में युद्ध रूकवाकर ट्रंप ने वैश्विक और घरेलू छवि को और ज्यादा मजबूत कर लिया है.