Last Updated:June 24, 2025, 19:44 IST
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को पाकिस्तान भेजी गई महिला को वापस लाने का निर्देश दिया है. 63 साल की रक्षंदा रशीद 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान भेजे जाने से पहले 38 साल तक दीर्घकालिक वीज...और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्र को पाकिस्तान भेजी गई महिला को वापस लाने का निर्देश दिया.(Image:News18)
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 63 साल की महिला को पाकिस्तान से वापस लाने का निर्देश दिया है. उनको 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भेज दिया गया था. महिला, रक्षंदा राशिद, 38 साल से दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) पर भारत में रह रही थी. हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला दुर्लभ है और इस पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. 6 जून को जारी आदेश में गृह मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि वह 10 दिनों के भीतर उसे वापस आने की अनुमति दे और 1 जुलाई को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करे.
यह याचिका उनकी बेटी फलक जहूर ने दायर की थी. उनके पति शेख जहूर अहमद ने अदालत को बताया कि रक्षंदा बीमार हैं और पाकिस्तान में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. आदेश देने वाले जस्टिस राहुल भारती ने कहा कि मानवाधिकारों की हर कीमत पर रक्षा की जानी चाहिए. अदालत ने उनके निर्वासन की वैधता को भी चुनौती दी और मानवीय आधार पर उन्हें वापस लौटने की सुविधा प्रदान की.
दो पन्नों के आदेश में अदालत ने कहा कि अहमद ने दावा किया है कि उसकी पत्नी कई बीमारियों से पीड़ित है और उसकी जान को खतरा है क्योंकि उसे खुद का ख्याल रखना है. आदेश में कहा गया है कि ‘मानव अधिकार मानव जीवन के लिए सबसे पवित्र प्रतिबद्धता है और इसलिए, ऐसे अवसर हैं जब एक संवैधानिक अदालत को मामले के गुण और दोष के बावजूद मानवीय आधार पर फैसला करना चाहिए. जिस पर समय के साथ ही निर्णय लिया जा सकता है और इसलिए, यह अदालत भारत सरकार के गृह मंत्रालय को याचिकाकर्ता को उसके निर्वासन से खत्म करने का निर्देश दे रही है.’
इसमें कहा गया है कि ‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की असाधारण प्रकृति को देखते हुए, यह अदालत गृह मंत्रालय के सचिव को याचिकाकर्ता को वापस लाने और जम्मू में उसके पति के साथ उसके पुनर्मिलन की सुविधा प्रदान करने का निर्देश देने के लिए बाध्य है.’ मामले की सुनवाई 1 जुलाई के लिए सूचीबद्ध की गई है. गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लंबे समय के वीज़ा पर रह रहे दर्जनों लोगों को निर्वासित कर दिया. हालांकि, अब कई लोगों ने राहत पाने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है. ख़ास तौर पर वे लोग जो दशकों से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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Location :
Jammu and Kashmir