Last Updated:August 14, 2025, 05:01 IST
INDIAN ARMY TRANSFORMATION: चीन ने अपनी पूरी सैन्य इलाकों को 5 थियेटर कमांड में बदल दिया है. भारतीय सीमा से लगने वाले कमांड का नाम है- वेस्टर्न थियेटर कमांड. इस कमांड में चीन की थल सेना और वायुसेना एक साथ तैनात...और पढ़ें

INDIAN ARMY TRANSFORMATION: आधुनिक दौर में सेना भी आधुनिकिकरण के दौर से गुजर रही है. सेना ने अपनी कॉम्बैट ताकत को बढ़ाने के लिए आज के युग के हथियारों को तेजी से शामिल करना शुरू कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसका नजारा भी सेना ने दिखा दिया. सेना की ताकत को घातक और कारगर बनाने के मकसद से कारगिल से सेनाप्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक बड़ा ऐलान किया था. इसमें ‘रुद्र’ के तौर पर नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड के गठन की जानकारी दी गई. साथ ही लाइट कमांडो बटालियन ‘भैरव’ के तौर पर घातक स्पेशल फोर्स यूनिट का गठन की जानकारी दी. हर इंफेंट्री बटालियन में ड्रोन प्लाटून और आर्टिलरी के पुनर्गठन का ऐलान किया था. सूत्रों के मुताबिक 2 रुद्र बटालियन तो पहले ही स्थापित हो चुकी हैं, जबकि बाकी किए गए ऐलान को चरणबद्ध तरीके से युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पहले चरण को खत्म करने की एक डेडलाइन रखी गई है और यह डेडलाइन है अगस्त के अंत तक. यानी अगले 15 दिन के भीतर पहले चरण को पूरा हो सकता है.
ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन प्लान
सबसे पहले बात करते हैं भैरव बटालियन की. पहले चरण में कुल 5 भैरव बटालियन को स्थापित करना है. यह एक स्पेशल फोर्स यूनिट होगी जिसका काम स्पेशल फोर्स और इंफेंट्री यूनिट के बीच ब्रिज का काम करना होगा. रिपोर्ट के मुताबिक यह यूनिट स्पेशल फोर्स की तरह भारी हथियारों से लैस नहीं होगी. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भैरव बटालियन पर कहा था कि यह एक घातक और सीमाओं पर शत्रु को चौंकाने के लिए तैयार हैं. डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन प्लान के तहत हर इंफेंट्री बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून भी होगी. इस पर फास्टट्रैक मोड में काम जारी है.अगस्त के आखिर तक सभी इंफेंट्री बटालियन में डेडिकेटेड ड्रोन प्लाटून होगी. ड्रोन और एंटी ड्रोन के जरिए ही पूरा लड़ा जा रहा है. भारतीय सेना ड्रोन का इस्तेमाल तो कर रही है लेकिन अब इसे प्लाटून में बदलकर व्यवस्थित किया जा रहा है.
आर्टिलरी का पुनर्गठन
भारतीय सेना की आर्टिलरी आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है. अब इसके पुनर्गठन का काम भी तेजी से शुरू किया गया है. पहले फेज की डेडलाइन अगस्त ही रखी गई है. दिव्यास्त्र बैटरी और शक्तिबाण रेजिमेंट से तोपखाने को और धार दिया जा रहा है. पहले चरण में कुल 5 दिव्यास्त्र की बैटरी तैयार होनी है, जिसमें से सेंट्रल कमांड को छोड़कर 5 कमांड को मजबूती देनी है. दिव्यास्त्र बैटरी आर्टिलरी की हर रेजिमेंट में बनेगी. इसमें आर्टिलरी गन के साथ-साथ लॉयटरिंग म्यूनिशन और ड्रोन शामिल होंगे. आर्टिलरी का शक्तिबाण रेजिमेंट बिलकुल अलग होगी. इसमें सिर्फ लॉयटरिंग म्यूनिशन और ड्रोन शामिल होंगे. शक्तिबाण रेजिमेंट में कोई आर्टिलरी गन नहीं होगी. पहले फेज में 3 रेजिमेंट बनाई जा रही है. इसकी डेडलाइन भी अगस्त ही है. माना जा रहा है कि पहला चरण अपने समय से पूरा हो जाएगा. जितने भी नए बदलाव हो रहे हैं, उसके लिए कोई नई यूनिट स्थापित नहीं की जा रही है बल्कि पहले से मौजूद आर्टिलरी रेजिमेंट को इनमें बदला जा रहा है.
‘रुद्र’ ब्रिगेड हो चुकी है तैनात
ऑल आर्म्स ग्रुप ‘रुद्र’ के गठन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी रफ्तार को बढ़ाया गया. सूत्रों के मुताबिक, अभी सेना के 2 इंफेंट्री ब्रिगेड को ‘रुद्र’ ब्रिगेड में तब्दील कर दिया गया है और इनकी तैनाती भी की जा चुकी है. करगिल वॉर मेमोरियल से आर्मी चीफ ने अपने संबोधन में कहा कि ‘रुद्र’ के रूप में नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड्स का गठन किया जा रहा है. जिनमें इंफेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी यूनिट, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम जैसे फाइटिंग कंपोनेंट को एक साथ मिलाया गया है. इन्हें खास तौर से तैयार किए गए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और कॉम्बैट सपोर्ट मिलेगा. इस ब्रिगेड को ब्रिगेडियर ही कमांड करेंगे.
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First Published :
August 14, 2025, 05:01 IST