Bangladesh Army 20 minute guarantee to save lives: इस वक्त बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी इतने हावी हो चुके हैं कि उनके सामने पुलिस और सेना सब बेबस हैं. आज बांग्लादेश में राष्ट्रकवि के बगल में अपने नेता की कब्र बनवाने वाले कट्टरपंथी इतने ताकतवर हो चुके हैं कि वो जिसको जान से मारना चाहें मार देते हैं. जहां आग लगाना चाहें, लगा देते हैं. उनको हथियारों से लैस पुलिस फोर्स और सेना भी नहीं रोक पाती.
आपको भारत में AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की 15 मिनट वाली धमकी याद होगी. जिसमें हिंदुओं को धमकी दी गई थी. कहा गया था 15 मिनट के लिए पुलिस फोर्स हटा दो. फिर दिखाते हैं. शनिवार को बांग्लादेश में इसी कट्टरपंथी वायरस का 20 मिनट वाला नमूना दिखा. जहां भारत में 15 मिनट पुलिस हटाने की बात कही गई थी.वहीं बांग्लादेश में सेना 20 मिनट से ज्यादा लोगों को कट्टरपंथियों से बचाने की गारंटी नहीं ले पा रही.
कट्टरपंथियों के आगे बांग्लादेश आर्मी का सरेंडर
कट्टरपंथी भीड़ से घिरे पत्रकारों को पाकिस्तानी सेना 20 मिनट में आफिस खाली करने का अल्टीमेटम दे रही थी. जिस वक्त बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार के आफिस में उपद्रवी तोड़फोड कर उसे जलाने की तैयारी कर रहे थे. तब बांग्लादेश की सेना की हिम्मत भी उनको रोकने की नहीं पड़ रही थी. वो बस किसी तरह पत्रकारों को जिंदा बचाने की कोशिश कर रहे थे. जिनको कट्टरपंथी भीड़ जलाकर मार देना चाहती थी. इसीलिए इस टुकड़ी को लीड कर रहे जवान ने वहां फंसे पत्रकारों और लोगों से कहा कि 20 मिनट में इस जगह को खाली करके निकल जाओ.
आप सोचकर देखिए 20 मिनट से ज्यादा इस कट्टरपंथी भीड़ को बांग्लादेश की सेना भी नहीं रोक सकती. ये बताता है कि अखबारों के आफिस जलाने वाली, हिंदुओं को जलाने वाली कट्टरपंथी भीड़ को बांग्लादेश में खुली छूट मिली हुई है. इसी का फायदा उठाकर इस उन्मादी भीड़ ने ऐसा उपद्रव मचाया, जिससे बांग्लादेश की विपक्षी पार्टियां और अल्पसंख्यक हिंदू सब डरे हुए हैं.
बांग्ला अखबारों के दफ्तरों में मचाई लूटपाट
हालांकि इस हिंसा के बावजूद बांग्लादेश के सबसे बड़े अंग्रेजी अखबार डेली स्टार ने झुकने से इंकार कर दिया है. डेली स्टार ने अपने दफ्तर पर हुए हमले, तोड़फोड़ और लूटपाट को पत्रकारिता के लिए काला दिन बताया. अखबार ने कहा कि डराने धमकाने की कोशिशें उन्हें न तो डरा सकती हैं और न ही चुप करा सकती हैं. ऐसा ही बयान बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम आलो की तरफ से भी आया है.
उपद्रवियों ने इस अखबार के 150 से ज्यादा कंप्यूटर लूटे, CCTV तोड़ दिए ताकि सबूत ना मिले. इन्ही उपद्रवियों ने बांग्लादेश की दूसरी बड़ी पार्टी बीएनपी यानी बांग्लादेशी नेशनलिस्ट पार्टी के एक नेता के घर हमला करके उनके घर में भी आग लगा दी. इस आग में इन नेता की 7 साल की बच्ची भी जल गई. अब हादी की मौत से इस बच्ची का तो कोई कनेक्शन नहीं था. मतलब साफ है कि इस वक्त बांग्लादेश पर उपद्रवियों का कब्जा है. जो अब अस्थिरता की आड़ में अपनी दुश्मनी भी निकाल रहे हैं.
अमेरिका-ब्रिटेन ने जारी किया अलर्ट
बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस वक्त वहां की सरकार के संरक्षण में हैं और सेना के कंट्रोल में नहीं हैं. इसीलिए भारत को बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी करनी पड़ी है. ढाका में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए देशव्यापी सुरक्षा चेतावनी भी जारी कर दी है . इस चेतावनी में कहा गया है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कभी भी हिंसक हो सकते हैं. इसलिए बड़ी भीड़ और प्रदर्शन स्थलों से दूर रहें.
ये स्थिति बताने के लिए काफी है. इस वक्त बांग्लादेश में हालात कितने खराब हैं. इस हालात का मास्टरमाइंड है पाकिस्तान की आतंकी सेना का चीफ आसिम मुनीर और उसकी स्पेशल आईएसआई यूनिट. पाकिस्तान ने कुछ महीने पहले ही बांग्लादेश में इस यूनिट को स्थापित करवाया है. अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की इसी यूनिट की लिखी स्क्रिप्ट के मुताबिक बांग्लादेश में घटनाक्रम बदल रहे हैं.
बांग्लादेश में आग के पीछे आईएसआई का प्लान
खुफिया रिपोट्स के मुताबिक बांग्लादेश में आज जो कुछ भी हो रहा है और अगले दिनों में जो कुछ होने वाला है. उसकी शुरुआत जनवरी 2025 में आइएसआइ चीफ के बांग्लादेश दौरे के साथ हुई. अक्टूबर 2025 में पाकिस्तान के चीफ आफ ज्वाइंट चीफ्स जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के दौरे में इसे अंतिम रूप दिया गया. मुनीर ने शमशाद मिर्जा को ये आखिरी असाइनमेंट दिया था. इसके बाद अगले महीने यानी नवंबर में शमशाद मिर्जा का रिटायरमेंट हो गया. अब ये काम मुनीर खुद देख रहा है.
#DNAमित्रों : हादी बनेगा 'राष्ट्रपिता' और..मुनीर 'गॉड फादर'!...बांग्लादेश में '20 मिनट वालों' का DNA टेस्ट#DNAWithRahulSinha #DNA #Bangladesh #OsmanHadi | @RahulSinhaTV pic.twitter.com/NMEAmha9df
— Zee News (@ZeeNews) December 20, 2025
इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ और बांग्लादेश की डीजीएफआइ मिल कर काम कर रही हैं. बांग्लादेश में आज से 15 साल पहले यानि 2009 तक यही व्यवस्था काम करती थी. लेकिन 2009 में शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद इस सिस्टम को खत्म कर दिया था.
भारत ने सरहदों पर बढ़ाई सुरक्षा
जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के दौरे के बाद ढाका में आईएसआई का आफिस डेढ़ दशक के बाद फिर से सक्रिय हो गया. इसके लिए पाकिस्तानी सरकार ने ढाका में ब्रिगेडियर, कर्नल और मेजर स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की है. अब आईएसआई के यही अफसर बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को मजबूत कर रहे हैं जिन्हें यूनुस सरकार का पूरा समर्थन हासिल है. अब आईएसआई का दूसरा लक्ष्य बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ाकर कठपुतली सरकार के जरिए भारत में अशांति फैलाना है.
इस खतरे को देखते हुए भारत और बांग्लादेश के बीच 4 हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. सबसे ज्यादा दबाव पश्चिम बंगाल के मालदा और बशीरहाट जैसे इलाकों पर है.जो घुसपैठ को लेकर ज्यादा संवेदनशील है.

1 hour ago
