Last Updated:December 15, 2025, 23:48 IST
Jammu Kahmir News: डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहा 19 साल का मोहम्मद साजिद आतंकी साजिश का हिस्सा निकला. जम्मू में रहकर NEET की पढ़ाई कर रहा यह युवक कश्मीर, नेपाल और पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के संपर्क में था. समय रहते गिरफ्तारी से जम्मू में बड़ा हमला टल गया.
रियासी का रहने वाला मोहम्मद साजिद जम्मू के बठिंडी इलाके में रहकर NEET की तैयारी कर रहा था. (फोटो AI)नई दिल्ली: डॉक्टर बनने का सपना, हाथ में किताबें और दिमाग में खौफनाक साजिश. जम्मू से सामने आया यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चौंकाने वाला है. महज 19 साल का मोहम्मद साजिद, नीट (NEET) की तैयारी कर रहा था. वह एक ऐसे आतंकी नेटवर्क का हिस्सा निकला, जिसका तार कश्मीर से नेपाल और पाकिस्तान तक जुड़ता दिख रहा है. समय रहते गिरफ्तारी न होती तो जम्मू एक बड़े आतंकी हमले का गवाह बन सकता था.
जांच एजेंसियों का कहना है कि यह कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था. कई महीनों की प्लानिंग और डिजिटल संपर्कों का नतीजा था. पढ़ाई के नाम पर जम्मू में रह रहा यह युवक असल में आतंक के रास्ते पर काफी आगे बढ़ चुका था.
क्या है पूरा मामला?
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक रियासी का रहने वाला मोहम्मद साजिद जम्मू के बठिंडी इलाके में रहकर NEET की तैयारी कर रहा था. पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह कश्मीर, किश्तवाड़, नेपाल और केंद्र शासित प्रदेश के अन्य इलाकों में मौजूद युवाओं के लगातार संपर्क में था. इसी नेटवर्क के जरिए उसे जम्मू क्षेत्र में आत्मघाती हमले की साजिश में शामिल किया गया.
यह मामला साफ करता है कि आतंकवादी संगठन अब पढ़े-लिखे और कम उम्र के युवाओं को निशाना बना रहे हैं. (फोटो AI)
कैसे हुआ आतंकी नेटवर्क से संपर्क?
जांच में सामने आया है कि साजिद पिछले करीब तीन महीनों से पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स के संपर्क में था. वह Session जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप, साथ ही व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर रहा था. हैंडलर्स उसे लगातार निर्देश दे रहे थे और जम्मू के कुछ संवेदनशील इलाकों की रेकी करने को कहा गया था.
क्यों था यह मामला बेहद खतरनाक?
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार साजिद को कश्मीर से विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए थे. योजना थी कि जम्मू में किसी भीड़भाड़ वाले इलाके को निशाना बनाया जाए. शुरुआती जांच में सामने आया है कि उसका पहला टारगेट जम्मू का वेव मॉल था. हालांकि इससे पहले ही पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने साजिश को नाकाम कर दिया.
जांच में सामने आए अहम बिंदु
साजिद NEET की तैयारी के बहाने जम्मू में रह रहा था. पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से लगातार संपर्क में था. एन्क्रिप्टेड ऐप और सोशल मीडिया का इस्तेमाल. कश्मीर से विस्फोटक लाने के निर्देश. जम्मू के संवेदनशील इलाकों की रेकी.परिवार और दोस्ती का एंगल
यह वही साजिद है जिसकी गिरफ्तारी के बाद News18 ने उसकी मां से एक्सक्लूसिव बातचीत की थी. मां ने कहा था कि उसके बेटे को उसके दोस्तों ने इस रास्ते पर धकेला. यह एंगल जांच एजेंसियों के लिए भी अहम है कि युवाओं को कैसे कट्टरपंथी सोच की ओर मोड़ा जा रहा है.
सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्या है सबक?
यह मामला साफ करता है कि आतंकवादी संगठन अब पढ़े-लिखे और कम उम्र के युवाओं को निशाना बना रहे हैं. डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी नेटवर्क तेजी से फैलाया जा रहा है. समय रहते कार्रवाई ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया.
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सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें
First Published :
December 15, 2025, 23:48 IST

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