1KG सोना, करोड़ों की जमीन... RTO अफसर बना नोट छापने की मशीन, घर से मिला खजाना

7 hours ago

Last Updated:August 04, 2025, 12:19 IST

आरटीओ में तैनात एक सरकारी कर्मचारी के घर से ऐसा खजाना मिला, जिसे देखकर सबके होश उड़ गए. इस कर्मचारी का मासिक वेतन 1.08 लाख रुपये है, लेकिन उसने अपनी नौकरी को नोट छापने की मशीन बना रखा था.

1KG सोना, करोड़ों की जमीन... RTO अफसर बना नोट छापने की मशीन, घर से मिला खजानाआरटीओ में तैनात एक सरकारी कर्मचारी के घर से ऐसा खजाना मिला, जिसे देखकर सबके होश उड़ गए.

ओडिशा के बौध जिले में तैनात मोटर वाहन निरीक्षक (MVI) गोलाप चंद्र हांसदा के घर पर सतर्कता विभाग की छापेमारी ने एक ऐसा खजाना उजागर किया, जिसने न केवल अधिकारियों, बल्कि पूरे राज्य को हैरान कर दिया है. 1 किलो सोना, 2.126 किलो चांदी, 44 प्लॉट, 1.34 करोड़ रुपये बैंक में जमा, 2.38 लाख रुपये नकद, और बारिपदा में 3300 वर्ग फुट का दोमंजिला आलीशान भवन… यह सब उस सरकारी कर्मचारी की संपत्ति है, जिसकी मासिक सैलरी मात्र 1.08 लाख रुपये है. सतर्कता विभाग की इस कार्रवाई ने हांसदा को एक ‘नोट छापने की मशीन’ साबित कर दिया, जिसके पास छुपा खजाना सामने आने पर सबके होश उड़ गए.

हांसदा और उनके परिवार के नाम पर कुल 44 प्लॉट का पता चला है. इनमें से 43 प्लॉट बारिपदा और उसके आसपास स्थित हैं, जबकि एक प्लॉट बालासोर के बाहरी इलाके में है. जमीनों की रजिस्ट्री कीमत 1.49 करोड़ रुपये बताई जा रही है, लेकिन बाजार मूल्य इससे कहीं अधिक होने की संभावना है.

35 साल की सरकारी नौकरी में कैसे कूट दिए करोड़ों?

हांसदा के पास 3300 वर्गफुट का दोमंजिला मकान भी मिला है, जिसकी भव्यता खुद बयां कर रही है कि इसमें लाखों रुपये खर्च किए गए होंगे. इसके अलावा, अधिकारियों को जानकारी मिली है कि हांसदा ने अपनी बेटी की मेडिकल पढ़ाई पर 40 लाख रुपये खर्च किए हैं.

गोलाप चंद्र हांसदा ने वर्ष 1991 में सरकारी नौकरी हासिल की थी. वह संभलपुर और देवगढ़ के जिला उद्योग केंद्र (DIC) में तैनात रहे. फिर वर्ष 2003 में उन्हें जूनियर MVI पद पर प्रमोशन मिला और कई जिलों में सेवाएं दीं. 2020 में बौध आरटीओ में एमवीआई के तौर पर तैनात हुए. वर्तमान में उनका मासिक वेतन 1.08 लाख रुपये है यानी सालाना आय 13 लाख रुपये के आसपास है.

अब क्या होगा एक्शन?

विजिलेंस विभाग ने साफ किया है कि यह जांच का प्रारंभिक चरण है और आगे और संपत्तियों का खुलासा हो सकता है. अगर हांसदा पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं, तो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई, संपत्ति जब्ती, निलंबन और गिरफ्तारी तक संभव है.

ओडिशा के इस हाई-प्रोफाइल छापे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी नौकरी करने वाला एक सामान्य कर्मचारी सिर्फ वेतन से इतनी संपत्ति अर्जित कर सकता है? जांच का अगला चरण अब इसी पर केंद्रित होगा.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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First Published :

August 04, 2025, 12:19 IST

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