2 बार बैन, स्‍वयंसेवकों की हत्‍याएं …’ मोहन भागवत ने क्‍यों याद दिलाया वो दौर?

1 week ago

Last Updated:August 18, 2025, 23:28 IST

Mohan Bhagwat News: मोहन भागवत ने दिल्ली में संघ के इतिहास, चुनौतियों और समाज में भूमिका पर बात की. उन्होंने संघ पर लगे प्रतिबंध, सरकारी विरोध और स्वयंसेवकों के बलिदान को याद किया. महिला भागीदारी पर भी जोर दिया...और पढ़ें

2 बार बैन, स्‍वयंसेवकों की हत्‍याएं …’ मोहन भागवत ने क्‍यों याद दिलाया वो दौर?मोहन भागत ने अहम बात कही. (Organiser)

नई दिल्‍ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ के इतिहास, चुनौतियों और समाज में उसकी भूमिका पर विस्तार से बात की. वे दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने संघ पर लगे प्रतिबंध, सरकारी विरोध और स्वयंसेवकों के बलिदान को याद किया. भागवत ने कहा कि संघ के काम में कभी कोई प्रोत्साहन नहीं रहा. “सरकारी विरोध हुआ, दो बार प्रतिबंध लगे. विरोधियों के गुस्से में स्वयंसेवकों की हत्याएं भी हुईं. संघ से क्या मिलता है? कुछ भी नहीं. बल्कि कई बार तो जो आपके पास है, वह भी छिन जाता है. अगर हिम्मत है, तो आइए और कीजिए.”

शाखा लोगों के मन को छूती है
आरएसएस चीफ ने कहा कि संघ का विस्तार किसी प्रतिक्रिया से नहीं बल्कि सेल्‍फ होने में है, जिसकी जड़ें हिंदू परंपरा में हैं और जिनकी कोई सीमा नहीं है. आरएसएस प्रमुख ने शाखा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि “शाखा केवल एक घंटे की गतिविधि नहीं है, बल्कि उसके पीछे 23 घंटे का जुड़ाव छिपा होता है. शाखा का उद्देश्य केवल अभ्यास नहीं बल्कि व्यक्ति के जीवन में प्रवेश कर उनके मन को छूना और उनमें अपनापन जगाना है.”

परिवार और समाज में संतुलन
भागवत ने प्रचारकों और स्वयंसेवकों की जिम्मेदारियों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि संघ का आदर्श जीवन परिवार और समाज सेवा के बीच संतुलन पर आधारित है. जहां प्रचारक पूरी तरह संघ के कार्यों में जुट जाते हैं, वहीं स्वयंसेवक अपने परिवार का प्रबंधन करते हुए समाज सेवा में योगदान करते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ की असली शक्ति स्‍वयसेवक हैं, जो अपने रोजमर्रा के जीवन के साथ-साथ समाज के लिए काम करते रहते हैं.

महिला भागीदारी पर क्‍या बोले भागवत?
महिला भागीदारी पर जोर देते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ के कामकाज में अब महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है. महिलाएं विभिन्न विभागों की कार्यान्वयन समितियों में जुड़ रही हैं और सामाजिक कल्याण के कार्यों में पुरुषों के साथ मिलकर योगदान दे रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कई समूहों में महिलाएं नेतृत्व की भूमिका भी निभा रही हैं. कार्यक्रम में दिल्ली में सक्रिय रहे स्वर्गीय रमेश प्रकाश के योगदान को भी याद किया गया. भागवत ने कहा कि “दिल्ली में उनके कार्य से कई लोग परिचित हैं. हाल ही में प्रकाशित पुस्तक में उनके जीवन और कार्यों का विस्तृत उल्लेख है.”

RSS समाज के उत्‍थान के लिए कर रहा काम
इस अवसर पर भागवत ने दोहराया कि संघ का काम व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि समाज के उत्थान और राष्ट्र की शक्ति को संगठित करने के लिए है. यही कारण है कि तमाम बाधाओं के बावजूद संघ आज लगातार विस्तार कर रहा है और समाज के हर वर्ग से उसका जुड़ाव बढ़ रहा है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 18, 2025, 23:28 IST

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