Last Updated:October 18, 2025, 14:08 IST
EPFO Update : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने बताया है कि कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का पैसा पीएफ खाते में जमा नहीं कराया है. अब यह बकाया रकम बढ़कर 21 हजार करोड़ रुपये हो गई है.

नई दिल्ली. नौकरीपेशा आदमी के खाते से हर महीने 24 फीसदी काटकर भविष्य निधि यानी पीएफ खाते में जमा की जाती है. यह पैसा आम आदमी के बुढ़ापे का सहारा होता है, जो रिटायरमेंट के बाद उसे मिलता है. इन पैसों की देखरेख का जिम्मा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) संभालता है. लेकिन, कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के हिस्से का पीएफ खुद रख लेती हैं और इसे संगठन के पास या कर्मचारी के खाते में जमा नहीं करती हैं. अब यह बकाया रकम बढ़कर करीब 21 हजार करोड़ हो गई है.
ईपीएफओ के आंकड़ों पर नजर डालें तो कंपनियों के पास फंसी यह रकम करीब 21 हजार करोड़ रुपये है. ईपीएफओ ने टास्क फोर्स से ऐसे मामलों पर खास नजर रखने के लिए कहा है, जहां कंपनियों के पास 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का पीएफ बकाया है. ईपीएफओ की नजर उन कंपनियों पर टिकी है, जो दिवालिया कानून के तहत लिक्विडेशन के लिए जा रही हैं. इन कंपनियों से कर्मचारियों के बकाया पीएफ को वसूलने का काम तेजी से किया जा रहा है.
निगरानी के लिए बनाया डैशबोर्ड
ईपीएफओ ने दिवालिया कानून यानी आईबीसी के तहत जा रही कंपनियों की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड बनाया है, जहां रोजाना इन कंपनियों की जानकारी अपडेट की जाती है. इसके साथ ही ईपीएफओ एक डिजिटल पोर्टल भी बना रहा है, जो सभी एरियर और कंपनियों से होने वाली पीएफ रिकवरी की निगरानी रखेगा और यहां पर सभी जानकारियां रोजाना के आधार पर अपडेट की जाती रहेंगी. यह टास्क फोर्स मौजूदा और पिछला बकाया वूसलने का काम करेगी, जो करीब 21 हजार करोड़ रुपये के आसपास है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 18, 2025, 14:08 IST