Last Updated:November 23, 2025, 12:39 IST
Indian Railway News: भारतीय रेलवे का नेटवर्क देश के दूर-दराज के इलाकों तक फैला है, जिसका दायरा हजारों किलोमीटर का है. इंडियन रेलवे विशालता के मामले में पूरी दुनिया में अलग स्थान रखता है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य तौर पर RPF और GRP के कंधों पर होती है.
Indian Railway News: चंडीगढ़ से असम के तिनसुकिया रेलवे स्टेशन पर 44 वर्कर्स का जत्था पहुंचा, जिससे वहां हड़कंप मच गया. (सांकेतिक तस्वीर) Indian Railway News: भारतीय रेलवे की ओर से हर दिन सैकड़ों की तादाद में ट्रेनों को ऑपरेट किया जाता है. लाखों की संख्या में लोग प्रतिदिन ट्रेन से सफर करते हैं. लोग लंबी दूरी की यात्रा के साथ ही शॉर्ट डिस्टेंस के लिए भी ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि रेलवे की ओर से सुपरफास्ट, प्रीमियम सुपरफास्ट, शताब्दी, वंदे भारत, एक्सप्रेस, मेल, मेमू और डेमू जैसी कैटेगरीज में ट्रेनें चलाई जाती हैं. यात्री दो किलोमीटर से लेकर 2000 किलोमीटर या फिर उससे ज्यादा दूरी की यात्राएं इन ट्रेनों से करते हैं. इसे देखते हुए रेलवे के पूरे सिस्टम की सुरक्षा के लिए भी व्यापक पैमाने पर इंतजाम किए गए हैं. रेल प्रॉपर्टी और यात्रियां की सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष रूप से RPF और GRP के हजारों जवानों के कंधों पर होती है. ये जवान चौबीसों घंटे सिक्योरिटी में तैनात रहते हैं, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो. रेलवे की सुरक्षा से जुड़ा ऐसा ही एक मामला सामने आया है. 44 लोगों का जत्था चंडीगढ़ से 2600 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी तय कर असम के तिनसुकिया रेलवे स्टेशन पर उतरे थे. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देखकर स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया. बाद में लोकल पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
जानकारी के अनुसार, असम के तिनसुकिया रेलवे स्टेशन पर सोमवार को जम्मू-कश्मीर से आए 44 मजदूरों को स्थानीय लोगों ने संदिग्ध बताकर रोक लिया. बाद में पुलिस द्वारा पहचान और दस्तावेज जांच के बाद सभी मजदूरों को आगे जाने की अनुमति दे दी गई. जानकारी के अनुसार, ये सभी मजदूर जम्मू-कश्मीर के डोडा और किश्तवाड़ जिलों के रहने वाले हैं और अरुणाचल प्रदेश में बिजली ग्रिड प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहे थे. वे चंडीगढ़ से आए ट्रेन से नए तिनसुकिया स्टेशन पर उतरे थे. तभी कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक लिया और उनकी पहचान को लेकर सवाल उठाए.
‘पाकिस्तान से तो नहीं आए’
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा गया कि मजदूर स्टेशन के बाहर सड़क पर बैठे हुए थे, जबकि कुछ स्थानीय लोग अधिकारियों से यह जांच कराने की मांग कर रहे थे कि कहीं ये पाकिस्तान से तो नहीं आए. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों ने दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके का जिक्र करते हुए कहा कि संदिग्ध लोगों को लेकर डर बना हुआ है. बता दें कि दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट में कई लोगों की मौत हो गई. छानबीन में फरीदाबाद से सक्रिय डॉक्टरों के एक टेरर मॉड्यूल का पता चला. इस मामले में अभी तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
SSP ने बताई सच्चाई
तिनसुकिया SSP मयंक कुमार ने इस बारे में पूरी बात बताई. उन्होंने कहा कि ये सभी कुशल मजदूर (Skilled WSorkers) हैं, जिन्हें एक कॉन्ट्रैक्टर अरुणाचल प्रदेश में काम के लिए लेकर जा रहा था. स्थानीय लोगों को इनके बारे में कुछ शक हुआ, इसलिए रोका गया. पुलिस ने इनके दस्तावेज़ और पहचान की जांच की और सब सही पाए जाने पर इन्हें जाने दिया गया. दिल्ली धमाके के बाद असम में सतर्कता बढ़ा दी गई है. राज्य सरकार ने संदिग्ध गतिविधियों और सामाजिक मीडिया पोस्टों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है. अब तक कुल 21 लोगों को आतंकवाद के समर्थन जैसे आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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First Published :
November 23, 2025, 12:37 IST

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