Last Updated:December 30, 2025, 20:48 IST
Bandar Apna Dost Youtube Channel : क्या आपने भी बंदर अपना दोस्त नाम से चल रहे यूट्यूब चैनल को देखा है. एआई आधारित इस चैनल को अब तक 27.7 लाख से भी ज्यादा लोगों ने सब्सक्राइब किया है और इस चैनल ने सालभर में ही 38 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमाई कर ली है.
एआई आधारित यूट्यूब चैनल बंदर अपना दोस्त ने 38 करोड़ रुपये कमाए. नई दिल्ली. यूट्यूब तो आप भी देखते होंगे और शॉर्ट वीडियो की तो दुनिया दिवानी है. लोगों की इसी दीवानगी को भुनाकर असम के एक युवक ने करोड़ों रुपये कमा लिए, वह भी बस एक एआई बंदर पालकर. जी, बिलकुल सही पढ़ा आपने. यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर को हजारों, लाखों की संख्या में हैं, लेकिन सफलता किसी-किसी को ही मिलती है. ऐसा ही एक कंटेंट क्रिएटर असम से आया, जिसने सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का सहारा लेकर खुद को यूट्यूब का स्टार बना दिया और आज करोड़ों की कमाई कर रहा है.
हम बात कर रहे हैं बंदर अपना दोस्त (Bandar Apna Dost) नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले असम के युवा सुरजीत करमाकर की. सुरजीत ने साल 2020 में अपने एआई आधारित यूट्यूब चैनल की शुरुआत की थी और आज उनके 27.7 लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. सुरजीत ने इस यूट्यूब चैनल के लिए कोई खास कंटेंट नहीं तैयार किया है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से एक करेक्टर बनाया और फनी वीडियो बनाकर जमकर कमाई कर डाली. उनके वीडियो में कोई संदेश या फिर संजीदा बातें नहीं होतीं, बल्कि फिल्मी डॉयलॉग और कॉमेडी सीन को क्रिएट करके छोटे-छोटे वीडियो बनाकर डाल रहे हैं.
कितनी होती है कमाई
अगर आप ‘बंदर मेरा दोस्त’ यूट्यूब चैनल की सालाना कमाई देखेंगे तो चौंक जाएंगे. इस चैनल पर अब तक 2.4 अरब व्यूज आ चुके हैं और सालाना कमाई 42.50 लाख डॉलर यानी करीब 38 करोड़ रुपये से भी ज्यादा पहुंच गई है. यह कमाई तब है जबकि यूट्यूब पर एआई आधारित कंटेंट को मोनेटाइज के लिए स्वीकार नहीं किया जाता है. अभी तक इस चैनल पर 620 वीडियो डाले जा चुके हैं, जिसमें से कोई भी 5 मिनट से ज्यादा का वीडियो नहीं होता है. बावजूद इसके कंटेंट इतने ज्यादा आकर्षक होते हैं कि उसे लोग बार-बार देखने को मजबूर हो जाते हैं.
क्या है इस चैनल की खासियत
सुरजीत ने साल 2020 में इस यूट्यूब चैनल को बनाया था और ‘बंदर अपना दोस्त’ चैनल पर छोटे-छोटे इंटरटेनिंग वीडियो डालते रहते हैं. कंटेंट की बात करें तो इसमें ज्यादातर बातचीत आम आदमी के जीवन से जुड़ी चीजों पर ही आधारित होती हैं. वीडियो में कभी आपको हल्क के रूप में बंदर दिखेगा तो कभी मसल्स वाले बंदरों की सेना दिखेगी. कभी विधायक जी के रोल में तो कभी टपोरी और भाई के रोल में. बस इन सभी वीडियो की खासियत यही है कि आप इनसे कभी बोर नहीं होंगे और सुरजीत की क्रिएटिविटी के कायल हो जाएंगे.
यूट्यूब क्यों दे रहा कंटेंट को बढ़ावा
एक तरफ तो यूट्यूब के नियम कहते हैं कि एआई आधारित कंटेंट को मोनेटाइज नहीं किया जाएगा और दूसरी ओर जमकर पैसे दे रहा है, आखिर ऐसा बदलाव क्यों. दरअसल, यूट्यूब का मोनेटाइजेशन नियम साफ कहता है कि वह उसी वीडियो पर फोकस करता है जिसे ज्यादा लोग देखते हैं और ज्यादा समय तक देखते हैं. इस मानक पर ‘बंदर अपना दोस्त’ पूरी तरह खरा उतरता है. एक स्टडी में खुलासा किया गया है कि आज टॉप परफॉर्मेंस वाले चैनल में एआई जेनरेटेड वीडियो ही आगे दिखते हैं.
क्या कहती है नई स्टडी
कैपविंग ने अपनी हालिया स्टडी में बताया है कि उसने दुनियाभर में मशहूर करीब 15 हजार यूट्यूब चैनल का एनालिसिस किया है. इसमें से 278 चैनल पूरी तरह से एआई आधारित कंटेंट वाले हैं और इन चैनल के कंटेंट को अब तक 63 अरब से भी ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं, जबकि 22.1 करोड़ से भी ज्यादा सब्सक्राइबर भी हैं. यह स्टडी बताती है कि मशीन आधारित कंटेंट और मानवीय कला के बीच किस कदर की प्रतिस्पर्धा आज चल रही है.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 30, 2025, 20:48 IST

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