हाइलाइट्स
पुलिस को एक सीक्रेट डायरी हाथ लगी है. एक कार से 54 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिला था.इसमें कई घूसखोर और नेताओं का नाम शामिल है.
भोपाल. भोपाल में हाल ही में एक कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने एक कार से 54 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिला था. अब खबर आ रही है कि इसकी जांच में एक सीक्रेट डायरी हाथ लगी है. इसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक के घूसखोरी का लेखा जोखा है. इस लेनदेन में कई परिवहन विभाग के अधिकारियों और नेताओं के कैरियर खतरे में आ सकता है. जांच जारी है, और सच्चाई जल्द सामने आने की उम्मीद है.
रिश्वत डायरी का चलन पुराना
भारत में रिश्वतखोरी का मकड़जाल कोई नई बात नहीं है. 1990 से रिश्वत डायरी का खुलासा होने का सिलसिला शुरू हुआ, जब सबसे पहले जैन हवाला डायरी का मामला सामने आया. इस डायरी में नौकरशाहों और नेताओं के नाम दर्ज थे, जिन्हें कथित तौर पर बड़े कामों के बदले रिश्वत दी गई थी. इस मामले ने संसद से लेकर सड़कों तक हड़कंप मचा दिया था.
जांच एजेंसियां डायरी को मानती हैं सबूत
हालांकि, एक मामले में जैन हवाला डायरी (भारत का सबसे विवादास्पद रिश्वत घोटाला) के मामले में कोर्ट ने इसे पुख्ता सबूत मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन पुलिस डायरी में दर्ज नामों के आधार पर जांच शुरू करती है तो इससे जुड़े संबंधित व्यक्तियों के लिए कानूनी और व्यक्तिगत मुश्किलें पैदा हो जाती है. यह डायरी जैन हवाला डायरी की याद दिलाती है, जिसे 90 के दशक में भारत का सबसे विवादास्पद रिश्वत घोटाला माना जाता था.
भोपाल के मामले ने फिर बढ़ाई चिंता
भोपाल में मिली ताजा रिश्वत डायरी ने यह साफ कर दिया है कि रिश्वत तंत्र में शामिल हर व्यक्ति का नाम कहीं न कहीं दर्ज होता है. भले ही नाम कोड में क्यों न लिखा हो, जांच के दौरान इससे जुड़े तथ्य सामने आ सकते हैं. यह मामला एक बार फिर चेतावनी देता है कि रिश्वत लेना और देना न केवल अवैध है, बल्कि इसका खुलासा होने पर कानूनी कार्रवाई से बचना मुश्किल है. अगर आप रिश्वत तंत्र का हिस्सा हैं, तो यकीन मानिए, आपका नाम किसी न किसी डायरी में लिखा जा रहा होगा.
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FIRST PUBLISHED :
December 23, 2024, 13:23 IST