'देश के साथ फ्रॉड...' पूजा खेडकर को जाना होगा जेल! हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत

6 hours ago

हाइलाइट्स

पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली.उन पर यूपीएससी आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है.कोर्ट ने कहा कि उन्होंने देश के साथ धोखाधड़ी की है.

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व प्रोबेशनर आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. पूजा खेडकर पर यूपीएससी आवेदन में ‘गलत जानकारी देने और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने’ का आरोप है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा भी रद्द कर दी. जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने कहा कि पहली नजर में उनके खिलाफ मजबूत मामला बनता है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया कि पूजा खेडकर वंचित समूहों के लिए दिए जाने वाले लाभों का लाभ उठाने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं हैं. जिसका लाभ वह अपने दस्तावेजों में जालसाजी करके उठा रही हैं.

कोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी हरकतें सिस्टम में हेरफेर करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं. दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर उन्हें अग्रिम जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित होगी. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यूपीएससी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. उसने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने न केवल संवैधानिक संस्था के साथ बल्कि पूरे देश के साथ धोखाधड़ी की है.

समाज के खिलाफ धोखाधड़ी
जस्टिस सिंह ने कहा कि पहली नजर में पूजा खेडकर के खिलाफ मजबूत मामला बनता है और साजिश का पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है. जज ने कहा कि यह संवैधानिक संस्था के साथ-साथ समाज के साथ धोखाधड़ी का एक मामला है. खेडकर पर आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है. दिल्ली पुलिस के वकील और शिकायतकर्ता संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के वकील ने अग्रिम जमानत की याचिका का विरोध किया.

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पूजा खेडकर के खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर
यूपीएससी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक और वकील वर्धमान कौशिक ने किया. खेडकर ने उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. यूपीएससी ने जुलाई में खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था. दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक एफआईआर दर्ज की.

Tags: DELHI HIGH COURT, IAS Officer

FIRST PUBLISHED :

December 23, 2024, 15:44 IST

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