नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 27 साल के एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसकी कहानी सुनकर हर कोई हैरान है. दरअसल, यह शख्स पिछले 3 साल से दिल्ली पुलिस ही नहीं हरियाणा पुलिस को भी चकमा दे रहा था. हरियाणा के बहादुरगढ़ झज्जर का रहने वाला अंकित उर्फ सुखा उर्फ काला उर्फ औधा नाम का यह अपराधी अब दिल्ली पुलिस के चंगुल में आ गया है. लेकिन, इस शख्स की अपराध की कहानी सनुकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. अपराध की दुनिया में कदम रखने से लेकर जेल जाने और फिर जेल से अंतरिम जमानत पर बाहर आने की कहानी काफी दिलचस्प है. बीए द्वितीय वर्ष तक पड़ा यह अपराधी बड़ा शातिर औऱ दिमाग वाला निकला.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को इस अपराधी की सालों से तलाश थी. हरियाणा के सदर बहादुरगढ़ थाना में इस शातिर अपराधी पर आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था. खास बात यह है कि इस शातिर अपराधी ने आत्मसमर्पण और गिरफ्तारी से बचने के लिए गलत तरीके से अपने आपको बंधक बनाने के संबंध में सदर बहादुरगढ़ थाना में एक फर्जी मामला दर्ज करवा लिया था. लेकिन, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने इस शातिर अपराधी को बड़ी चालाकी से गिरफ्तार कर लिया.
शातिर अपराधी आया कब्जे में
अंकित, उर्फ सुखा उर्फ काला उर्फ औधा नाम के इस अपराधी पर दिल्ली के महेंद्रा पार्क पुलिस स्टेशन में तकरीबन 6 साल पहले मामला दर्ज हुआ था. इस अपराधी ने तीन लोगों के साथ मिलकर राजेश गुप्ता नामक एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर उसके अपराध को देखते हुए बीते तीन साल से छापेमारी कर रही थी, लेकिन हर बार यह शातिर अपराधी बच जाता था. बाद में इस केस को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया.
जहांगीर पुरी में दिन-दहाड़े मारी थी गोली
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मुखबिरों से सूचना मिली कि यह अपराधी मध्य प्रदेश में छुपा हुआ है और अपनी गिरफ्तारी से बच रहा है. दील्ली पुलिस की टीम तुरंत उस स्थान पर पहुंची और मोबाइल लॉकेशन और मुखबिरों के माध्यम से उस पर नज़र रखना शुरू किया. दिल्ली पुलिस ने 21 दिसंबर को अंकित उर्फ सुखा उर्फ काला उर्फ औधा को हनुमान मंदिर, खैरी महलपुरा, जिला नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश के पास से गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली पुलिस ने एमपी से किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने बताया कि पूछताछ में काला ने स्वीकार किया है उसने अपने साथियों के साथ मिलकर राजेश गुप्ता से पैसे लूटने की साजिश रची थी. 16 जुलाई 2018 को पैसे लूटने के बाद राजेश गुप्ता को गोली मार दी. यह घटना गुप्ता के जहांगीर पुरी के इलाके में अपनी फैक्ट्री के बाहर हुई थी. बाद में राजेश गुप्ता को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका. बाद में कोर्ट ने अंकित को भगोड़ा घोषित कर दिया था. साल 2020 में उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया. लेकिन, एक साल बाद ही इलाज के बहाने अंतरिम जमानत पर बाहर आया तो फिर जेल गया ही नहीं.
अंतरिम जमानत मिलने के बाद उसने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर खुद को अज्ञात व्यक्ति द्वारा गुप्त रूप से गलत तरीके से कैद करके लापता दिखाने और गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस स्टेशन सदर बहादुरगढ़, हरियाणा में एफआईआर दर्ज कराने की योजना बनाई. अंतरिम जमानत अवधि पूरी होने पर आरोपी अंकित उर्फ सुखा उर्फ काला उर्फ औधा ने सरेंडर नहीं किया और तब से वह फरार चल रहा था. जब कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया तो माननीय न्यायालय के समक्ष यह शिकायत दर्ज कराई गई कि वह वर्ष 2021 से गलत तरीके से गुप्त रूप से बंधक बनाकर लापता है और इस संबंध में थाना सदर बहादुरगढ़, हरियाणा में एफआईआर दर्ज की गई है.
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FIRST PUBLISHED :
December 23, 2024, 21:07 IST