6 तेजस Mk-1A बनकर खड़े हैं, लेकिन इंजन नहीं… GE की सुस्ती ने लगाया ब्रेक

9 hours ago

Last Updated:June 24, 2025, 17:37 IST

Tejas Light Combat Aircraft: तेजस लड़ाकू विमानों में हो रही देरी के बारे में एचएएल के चीफ डीके सुनील ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि 6 तेजस बनकर तैयार हैं मगर अमेरिकी कंपनी जीई ने उनके इंजन नहीं दिए ...और पढ़ें

6 तेजस Mk-1A बनकर खड़े हैं, लेकिन इंजन नहीं… GE की सुस्ती ने लगाया ब्रेक

एचएएल ने कहा कि तेजस की डिलीवरी में देरी का कारण अमेरिका से इंजन सप्लाई रुकना है.(Image:PTI)

हाइलाइट्स

तेजस लड़ाकू विमानों की डिलिवरी में देरी की वजह सामने आई.एचएएल के चीफ डीके सुनील ने एक बड़ा खुलासा किया है.उन्होंने कहा कि 6 तेजस तैयार हैं मगर जीई कंपनी ने इंजन नहीं दिए.

नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से कम आधा दर्जन तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिल जाएंगे. यह जानकारी अत्याधुनिक फाइटर जेट को बनाने करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के चीफ ने दी है. उन्होंने डिलीवरी में देरी के लिए अमेरिका की जीई एयरोस्पेस कंपनी के अपने इंजनों की सप्लाई की समयसीमा में देरी करने को जिम्मेदार ठहराया है. जेट के एलसीए एमके-1ए वेरिएंट की डिलीवरी शेड्यूल में देरी एक बड़ा मुद्दा बन गया था. जिसके बाद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस मामले को सार्वजनिक रूप से उठाया था. अब एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने कहा कि देरी केवल अमेरिकी कंपनी के समय पर एफ404 इंजन की सप्लाई नहीं करने के कारण हुई.

इंजनों में देरी से तेजस की सप्लाई रुकी
पीटीआई के साथ एक विशेष इंटरव्यू में एचएएल चीफ ने कहा कि जीई एयरोस्पेस के चालू वित्त वर्ष में 12 इंजनों की सप्लाई किए जाने की उम्मीद है. इससे भारतीय वायुसेना को जेट की डिलीवरी में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि ‘हर कंपनी आलोचनाओं से गुजरती है. ऐसा होता है. दुर्भाग्य से, LCA मार्क 1A के मामले में, हमने विमान बनाया है. आज तक, हमारे पास छह विमान तैयार हैं. लेकिन जीई एयरोस्पेस से इंजन की डिलीवरी नहीं हुई है. उन्हें 2023 में इंजन देने थे. आज तक, हमें केवल एक इंजन मिला है.’ उन्होंने कहा. जीई की ओर से देरी शुरू में कोविड महामारी के दौरान प्रोडक्शन में देरी और उसके बाद कंपनी से कई वरिष्ठ इंजीनियरों के चले जाने के कारण हुई थी, जिससे सप्लाई में बाधाएं पैदा हुई थीं.

अगले साल तक मिलेंगे 12 जेट इंजन
सुनील के मुताबिक जीई एयरोस्पेस के साथ तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है और HAL को मार्च 2026 तक 12 जेट इंजन मिलने वाले हैं. उन्होंने कहा कि ‘मैं आपको भरोसा देता हूं कि आज तक, छह विमान तैयार हैं. हमारी ओर से कोई कमी नहीं है. हम उन विमानों को बना रहे हैं और उन्हें तैयार कर रहे हैं और हम इस वित्तीय वर्ष तक डिलीवरी करने की स्थिति में होंगे.’ HAL की योजना आने वाले साल में 16 जेट बनाने की है, बशर्ते जीई एयरोस्पेस से इंजन की सप्लाई लगातार मिलती रही. गौरतलब है कि फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने IAF के लिए 83 तेजस Mk-1A जेट की खरीद के लिए HAL के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया. मंत्रालय 67,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 और LCA Mk-1A खरीदने की प्रक्रिया में है. सिंगल-इंजन Mk-1A IAF के मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा.

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तेजस एमके-1ए एक विश्वस्तरीय फाइटर जेट
IAF युद्धक विमानों को शामिल करने पर विचार कर रहा है क्योंकि इसके लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या आधिकारिक तौर पर स्वीकृत 42 से घटकर 31 हो गई है. तेजस एक सिंगल-इंजन वाला बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है जो बड़े-खतरे वाले हवाई वातावरण में संचालन करने में सक्षम है. इसे वायु रक्षा, समुद्री टोही और स्ट्राइक भूमिकाओं को निभाने के लिए डिजाइन किया गया है. सुनील ने कहा कि तेजस एमके-1ए एक विश्वस्तरीय विमान है जिसमें उच्च गुणवत्ता वाला रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक उपकरण और मिसाइलों की एक सीरीज शामिल है. उन्होंने कहा कि ‘इसमें एवियोनिक्स और हथियारों की पूरी श्रृंखला है जो इस विमान को एक बहुत शक्तिशाली फाइटर जेट बनाती है. यह हमारी वायुसेना के लिए बहुत अच्छा होगा.’ सुनील ने कहा कि कई देशों ने तेजस जेट में रुचि दिखाई है और एचएएल उनमें से कुछ के साथ बातचीत कर रहा है. उन्होंने आगे विस्तार से बताने से इनकार करते हुए कहा कि ‘हम तेजस पर कई देशों से बात कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि हमें जल्द ही सफलता मिलेगी.’

Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें

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