90 दिन का कवर्ट ऑपरेशन, फिर एक झटके में बेनकाब हो गया पाकिस्‍तान

4 hours ago

Last Updated:May 22, 2025, 07:48 IST

ISI Sleeper Cell: हरियाणा से पाकिस्‍तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से ISI के एजेंटों के खिलाफ एक्‍शन लिया जाने लगा है. भारतीय खुफिया एजेंसी को इसमें महतवपूर्ण सफलता ...और पढ़ें

90 दिन का कवर्ट ऑपरेशन, फिर हुआ ऐसा खुलासा खुफिया एजेंसियां भी रह गईं सन्‍न

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ISI के स्‍लीपर सेल नेटवर्क का खुलासा किया है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

हाइलाइट्स

ऑपरेशन सिंदूर में मिट्टी पलीद होने के बाद पाकिस्‍तान की नापाक चालISI के स्‍लीपर सेल नेटवर्क का खुलासा, खुफिया एजेंसियों को सफलतानेपाली मूल के ISI एजेंट ने खोला राज, उसके बाद ताबड़तोड़ एक्‍शन

नई दिल्‍ली. पहलगाम अटैक के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्‍च कर आतंकवादियों और उनके आका पाकिस्‍तान को ऐसा सबक सिखाया कि वह दशकों तक इसे याद रखेगा. युद्ध में मुंह की खाने के बाद पाकिस्‍तान ने प्रॉक्‍सी वॉर शुरू किया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसमें भी पाकिस्‍तान को पटखनी देखकर उसके चेहरे से नकाब हटा दिया. दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली में ISI के स्लीपर सेल के नेटवर्क का खुलासा किया है. करीब 3 महीने से ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली से नेपाली मूल के ISI एजेंट को पकड़ा है. इसके अलावा ISI के एक और एजेंट का पकड़ गया है. बताया जा रहा है कि इन आरोपियों को मार्च 2025 में पकड़ा गया था, जिसका खुलासा अब किया गया है.

गिरफ्तार आरोपी के पास सेना/आर्म्ड फोर्सेज से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं. आरोपी दिल्ली से पाकिस्तान जाने की फिराक में था, उसी दौरान उसे दिल्ली से पकड़ा गया था. नेपाली मूल का आरोपी अंसारुल मियां अंसारी पाकिस्तान से ISI के कहने पर ही दिल्ली आया था. बताया जा रहा है कि अंसारुल को ISI ने इंडियन मिलिट्री से जुड़े बेहद गोपनीय दस्तावेज की CD बनाकर पाकिस्तान भेजने को कहा था. अंसारुल से पूछताछ के बाद रांची से अख़लाख आजम को भी गिरफ्तार किया गया था. भारतीय एजेंसियां ने इस तरह ISI एजेंट के बड़े नेक्‍सस का पता लगाने और रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है.

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बदनाम पाकिस्‍तान हाई-कमीशन

बता दें कि भारत में खुफिया जाल बिछाने और उसे ऑपरेट करने के मामले में पाकिस्तान हाईकमीशन पहले भी बदनाम हो चुका है. दानिश ISI का कोई पहला मुखौटा एजेंट नहीं है, जिसने भारत में रहकर भारतीयों से पाकिस्‍तान के लिए जासूसी करवाई हो. अब ऐसे में सवाल बताया यह भी है कि दानिश पाकिस्तान हाई-कमीशन का एक स्टाफ है या फुलप्रूफ पाकिस्तान ISI का एक ट्रेंड एजेंट? इसके पहले भी 31 मई 2020 को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान हाई-कमीशन के दो ऐसे लोगों को बेनकाब किया था जो वीजा अफसर बनकर भारत मे पाकिस्तान उच्‍चायोग में तैनात हुए लेकिन वो असल में पाकिस्तान ISI का एजेंट था, जिनका नाम आबिद हुसैन और ताहिर खान था.

मिलिट्री इंटेलिजेंस का ऑपरेशन

मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) के अधिकारियों ने स्‍पेशल ऑपरेशन चलाकर ISI के दोनों एजेंट को बेनकाब किया था. इन्हें परसोना नॉन ग्राटा कर वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान हाई-कमीशन में स्टाफ तादाद करीब 180 से 90 कर दी गई थी. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास हमेशा इस बात के इनपुट रहते हैं कि पाकिस्तान हाई-कमीशन में तैनात होने वाले स्टाफ और अधिकारियों में कुछ पाकिस्तान ISI के एजेंट गलत नाम और पद से अपना पासपोर्ट तैयार करवाते हैं और फिर भारत में आकर जासूसी के काम में जुट जाते हैं. साल 2021 में भी दिल्ली पुलिस ने एक ऑपरेशन को अंजाम दिया था. MI के साथ मिलकर राणा मोहम्मद जीया नाम के एक पाकिस्तानी मूल के वीजा अफसर को बेनकाब किया था. वह असल में ISI का एजेंट था और भारत में पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा अफसर के तौर पर काम कर रहा था. इस ऑपरेशन में हबीब नाम के एक आर्मी के कॉन्टेक्टर को पोखरन से पकड़ा गया था जो राणा मोहम्मद से जुड़ा हुआ था.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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