900 बॉर्डर होल बने हुए थे सिरदर्द, MHA ने बनाया निगरानी का बेजोड़ प्‍लान

23 hours ago

Last Updated:June 10, 2025, 18:19 IST

India Pakistan News: भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर 900 बॉर्डर होल्स पर निगरानी के लिए सरकार ने आधुनिक तकनीक का उपयोग शुरू किया है. स्मार्ट फेंसिंग, सेंसर और ड्रोन से घुसपैठ रोकने की योजना है. लश्कर-...और पढ़ें

900 बॉर्डर होल बने हुए थे सिरदर्द, MHA ने बनाया निगरानी का बेजोड़ प्‍लान

गृह मंत्रालय ने योजना तैयार की है. (File Photo)

हाइलाइट्स

भारत-पाक सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग और ड्रोन से निगरानी होगी.900 बॉर्डर होल्स पर सेंसर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.नई तकनीक से घुसपैठ रोकने की योजना का ट्रायल शुरू.

नई दिल्‍ली. भारत-पाकिस्तान और भारत बांग्‍लादेश सीमा पर कुल 900 ऐसे स्थान हैं, जिन्हें ‘बॉर्डर होल’ कहा जाता है. इन स्‍थानों पर बीएसएफ के लिए लाख पेट्रोलिंग बढ़ाने के बावजूद अवैध घुसपैठ को पूरी तरह से रोक पाना बेहद मुश्किल है. ये कमजोर प्‍वाइंट्स आतंकियों के बेहद काम आते हैं. मौका पाते ही वो इन स्‍थानों से भारत में घुस आते हैं. मरुस्थलीय, दलदली और पर्वतीय भूभाग होने के कारण यहां निगरानी हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है. सरकार ने इन बॉर्डर होल्स पर नजर रखने के लिए ऐसा फुल-प्रूफ प्‍लान बना रही है, जिसकी मदद से भविष्‍य में घुसपैठ बेहद मुश्किल हो जाएगी.

गृह मंत्रालय ने बनाया प्‍लान

केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक कुल छह विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें से दो का चयन कर ट्रायल शुरू किया गया है. इनमें आधुनिक तकनीक और मशीनों का उपयोग शामिल है, जो घुसपैठ को लगभग असंभव बना देगा. नई निगरानी प्रणाली में स्मार्ट फेंसिंग, सेंसर, सीसीटीवी कैमरे और लेजर-आधारित सिस्टम शामिल हैं. ये मशीनें इंसान या जानवर की गतिविधि का पता लगाते ही कई स्थानों पर एक साथ अलार्म बजाती हैं, जिससे तुरंत कार्रवाई संभव है. केंद्रीय गृहमंत्री ने घोषणा की है कि अगले चार वर्षों में पूरी भारत-पाकिस्तान सीमा को व्यापक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली के तहत लाया जाएगा.

लश्‍कर-जैश की गतिविधियों को रोकेगी सेना

यह कदम मार्च 2025 में कठुआ हमले के बाद और जरूरी हो गया, जिसने उन्नत सुरक्षा उपायों की मांग को रेखांकित किया. पंजाब, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में फैली 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर ये बॉर्डर होल आतंकवादी संगठनों, जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के लिए घुसपैठ का रास्ता बनते हैं. इसके अलावा, ड्रग तस्करी जैसे अवैध कार्यों को रोकने के लिए भी यह प्रणाली प्रभावी होगी. मार्च 2025 में पंजाब पुलिस ने एक सीमा पार ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया, जो इस चुनौती की गंभीरता को दर्शाता है.

सेंसर आधारित फेंसिंग लगाएगी सरकार

ट्रायल में शामिल दो विकल्पों में सेंसर-आधारित स्मार्ट फेंसिंग और ड्रोन-आधारित निगरानी प्रमुख हैं. ये तकनीकें स्थानीय भूभाग के अनुकूल हैं और 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करती हैं. इस प्रणाली का टेस्ट ट्रायल शुरू हो चुका है और शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं. यह कदम न केवल घुसपैठ रोकने में मदद करेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा भी बढ़ाएगा.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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