Last Updated:June 28, 2025, 13:02 IST
Air Force Story: अगर इंसान में कुछ कर दिखाने की लगन हो, तो रास्ते खुद बन जाते हैं. पंजाब के कपूरथला निवासी कमलप्रीत सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर बड़ा मुकाम हासिल किया.

Air Force Story: आर्मी स्कूल से पढ़ाई करके ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बने.
Air Force Story: अगर आप के अंदर कुछ करने की चाहत हो, तो कहीं भी खुद को निखार सकते हैं. ऐसे ही पंजाब के कपूरथला के रहने वाले कमलप्रीत सिंह ने रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर (एयरोनॉटिकल इंजीनियर) के पद पर नियुक्त होकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह गौरवपूर्ण क्षण उनके परिवार और समुदाय के लिए गर्व की बात बन गया है.
शुरुआती शिक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय पहचान तक
कमलप्रीत ने कपूरथला के सेंट्रल स्कूल और आर्मी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की और बाद में जालंधर के डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (DAVIET) से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. इंजीनियर के रूप में करियर की शुरुआत उन्होंने गोइंदवाल स्थित पावर प्लांट से की, जिसके बाद 2017 में वे वर्क परमिट पर ऑस्ट्रेलिया चले गए.
सात साल की मेहनत और दो साल में नागरिकता प्राप्त
ऑस्ट्रेलिया में एक निजी कंपनी में सात वर्षों तक काम करने के बाद कमलप्रीत ने दो साल पहले स्थायी निवास प्राप्त किया और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बन गए. इसके बाद उन्होंने सेल, विक्टोरिया में स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल में कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया और सफलतापूर्वक इनिशियल ऑफिसर कोर्स पास कर लिया.
पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मिलिट्री सर्विस में कदम
कमलप्रीत का कहना है कि यह नियुक्ति उनके परिवार की मिलिट्री सर्विस की परंपरा का विस्तार है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि गर्व के साथ ऑस्ट्रेलिया की रक्षा सेवा में अपना योगदान दूंगा. यह मेरे परिवार और समुदाय के लिए सम्मान की बात है. उनके पिता सेवा सिंह ने बताया कि कमलप्रीत को बचपन से ही सेना में जाने का सपना था और उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनके बड़े भाई सरबजीत सिंह पहले से ही न्यू साउथ वेल्स पुलिस विभाग में एक दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं.
समुदाय में जश्न, गौरव और प्रेरणा का माहौल
कमलप्रीत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कपूरथला में व्यापक उत्सव मनाया गया. स्थानीय निवासियों, मित्रों, और रिश्तेदारों ने उनके परिवार को बधाइयां दीं और उनकी सफलता को पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत बताया. उनकी सफलता न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि भारतीय मूल के लोग विश्व की रक्षा सेवाओं में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं.
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
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